दिल्ली नगर निगम का इतिहास
Delhi MCD Result 2022: MCD चुनाव का क्या है इतिहास, कितना बदल गया परिसीमन के बाद रूप, यहां जानिए A 2 Z ब्यौरा
By: ABP Live | Updated at : 07 Dec एमएसीडी क्या है? 2022 06:52 AM (IST)
दिल्ली एमसीडी परिणाम 2022
Delhi MCD Result 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव के 250 वार्ड पर 4 दिसंबर को मतदान हो चुका है. आज सभी वार्ड के नतीजे घोषित किए जाएंगे. सुबह 8 बजे से चुनाव परिणाम के रुझान शुरू हो जाएंगे. नतीजे तय होने के बाद तय हो जाएगा कि एमसीडी में 15 सालों से कायम बीजेपी एमएसीडी क्या है? रहती है या दिल्ली सरकार की आम आदमी पार्टी ही नगर निकाय में राज करेगी.
इससे पहले यह जानना जरूरी है कि एमसीडी का इतिहास क्या रहा है, कितने वार्ड हैं, कितने वोटर हैं, पिछले चुनाव के नतीजे आदि. यहां लीजिए सारी जानकारी.
दिल्ली नगर निगम- बड़ी बातें
- विश्व के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है.
MCD Full Form: मन में उठ रहा सवाल कि क्या है एमसीडी की फुल फॉर्म? यहां है जवाब
MCD Full Form in English: दिल्ली के लिए आज काफी बड़ा दिन है क्योंकि आज एमएसीडी क्या है? एमसीडी के नतीजे सामने आ गए हैं. 4 दिसंबर को 250 वार्डों के लिए वोटिंग हुई थी, इस बार MCD चुनाव में कुल 1349 उम्मीदवार खड़े हुए थे और नतीजों के सामने आते ही इन उम्मीदवारों की किस्मत का भी फैसला हो गया है. आपके भी मन में अगर ये सवाल उठता है कि MCD Election Result में एमसीडी की फुल फॉर्म क्या है? तो हम आपके मन में उठ रहे इस सवाल का जवाब लेकर आए हैं, हम आपको इस लेख के जरिए एमसीडी की फुल फॉर्म अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि हिंदी में भी बताने जा रहे हैं.
यह Delhi MCD है क्या, इसका चुनाव होता कैसे है, यह सांसद, विधायक से कैसे अलग है, जानिए सबकुछ
- दिल्ली एमसीडी चुनाव 4 दिसंबर को, 7 दिसंबर को आएंगे नतीजे
- इस बार 3 नहीं एक नगर निगम, 272 की बजाय 250 वार्ड पर चुनाव
- बीजेपी एमएसीडी क्या है? का एमसीडी पर कई वर्षों से कब्जा, AAP ने लगाया जोर
पार्षदों की संख्या और अब एक नगर निगम
साल 1958 में एमसीडी में पार्षदों की संख्या 80 थी। इसके बाद यह बढ़कर 134 और 2007 में यह संख्या 272 तक पहुंच गई। साल 2011 में जब दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थीं तब नगर निगम को तीन हिस्सों उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में विभाजित कर दिया गया। इस दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में फिलहाल 104-104 वहीं पूर्वी दिल्ली दिल्ली में 64 वार्ड पर चुनाव हुए और तीनों ही जगह मेयर अलग- अलग चुने गए। करीब 11 साल बाद फिर दोबारा से एमसीडी को मोदी सरकार में एक कर दिया गया। इसके लिए जब विधेयक पारित किया उसमें इस बात का जिक्र था कि वार्ड की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी। एमसीडी चुनाव के लिए अब तारीखों का ऐलान हो गया है और 250 सीटों पर 4 दिसंबर को चुनाव होगा।
दिल्ली की MCD के बारे में क्या आप जानते हैं ये बातें.
- नई दिल्ली,
- 23 अप्रैल 2017,
- (एमएसीडी क्या है? अपडेटेड 26 अप्रैल 2017, 7:58 AM IST)
दिल्ली में MCD चुनाव हो चुके हैं और आज दिल्ली के लोगों को इंतजार है इसके नतीजों का. दिल्ली में विकास जैसे कई अहम मुद्दे काफी हद तक इस बात पर निर्भर करते हैं कि एमसीडी में किसी की पार्टी है.
जानिये दिल्ली एमसीडी से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिसके बारे में संभवत: आप नहीं जानते होंगे.
1. दुनिया के सबसे बड़े नागरिक निकायों में से एक दिल्ली एमसीडी के 2017 चुनाव में इस बार 2500 प्रत्याशियों शामिल हुए, जिनमें 697 प्रत्याशी करोड़पति हैं. इनके पास है 1 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति. आश्चर्य की बात यह है कि करोड़पति होने के बावजूद वो पार्षद बनने की चाह रखते हैं, एमएसीडी क्या है? जबकि एक पार्षद को प्रति दिन 300 रुपये ही मिलते हैं और वो भी जब नगरपालिका जब सत्र में होती है.
पहले साल महिला के लिए मेयर पद आरक्षित
दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आ गए हैं. नतीजों के बाद अब मेयर को लेकर जंग तेज हो गई है. हार के बाद भी बीजेपी ने अपना मेयर होने का दावा किया है तो आम आदमी पार्टी मेयर पद को लेकर आश्वस्त है. लेकिन अगर नियमों पर नजर डालें तो सिर्फ चुनाव में जीत से मेयर का पद तय नहीं होता है. मेयर बनाने का काम सिर्फ पार्षदों के हाथ में है. एमसीडी के कुछ नियम ऐसे हैं, जिसकी वजह से बीजेपी मेयर पद को लेकर उत्साहित है. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में हार के बाद भी बीजेपी ने अपना मेयर बनाया है. इसलिए बीजेपी के दावे को लेकर हलचल तेज हो गई है.
AAP की जीत, एमएसीडी क्या है? मेयर पर बीजेपी का दावा-
एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है. जबकि बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी बनी है. एमसीडी चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन कांग्रेस का रहा है. कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई है. आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की है. बीजेपी को 104 सीटों पर जीत हासिल हुई है. जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 9 सीटें आई हैं. भले ही सीटों में बीजेपी पिछड़ गई है. लेकिन पार्टी ने मेयर पद पर दावा ठोका है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया और कहा कि मेयर कौन बनता है? ये इसपर निर्भर है कि पार्षद किस तरह से मतदान करते है. मालवीय ने चंडीगढ़ में बीजेपी का मेयर चुने जाने का उदाहरण दिया.
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