भारत का डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग? जानिए कैसा होगा भविष्य का पैसा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा?
डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से थी, आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए एक-एक करके जानते हैं कि भविष्य का पैसा कैसा होगा?
हाल के कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन की वजह से दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सामने अपने देश की करेंसी को बचाए रखने का संकट भी धीरे-धीरे खड़ा हो रहा है। यही वजह है कि सभी देश अपने-अपने स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसीज को कोई रेगुलेट नहीं करता है इसलिए इसके जरिए टेरर फंडिंग की भी बात सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसीज के संचालन को लेकर कई बार चिंता भी व्यक्त की है। इस साल बजट में सरकार की तरफ से जब डिजिटल रुपये का ऐलान हुआ तभी यह बात स्पष्ट हो गई थी कि भारत सरकार किसी प्रकार मौका क्रिप्टोकरेंसीज को नहीं देना चाहती है। तब रही-कही कसर क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाकर पूरा कर दिया था। आइए जानते हैं जिस डिजिटल रुपये को भारत, क्रिप्टोकरेंसी के बराबर खड़ा करने की सोच रहा है वह है क्या? रिजर्व बैंक इसे रेगुलेट कैसे करेगा? इन सबके अलावा हम और आप जैसे आम आदमी इसका उपयोग कैसे कर पाएंगे।
क्या है डिजिटल रुपया?
अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) Cryptocurrency का भविष्य Cryptocurrency का भविष्य की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यानी रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे। बता दें, सरकार ने इसका ऐलान 2022 के बजट में किया था।
10 महीने में 900% से अधिक का रिटर्न, शेयरों के बंटवारे के साथ कंपनी देगी बोनस!
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपये में अंतर क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी रेगुलेट नहीं करता है। यह पूरा तरह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है। इसलिए यह लेन-देन के लिए आधिकारिक करेंसी नहीं माना जाती है। वहीं, डिजिटल रुपये को रिजर्व बैंक जारी करेगा। इसका संचालन पूरी तरह आरबीआई के हाथ में होगा और बैंक अपने ग्राहकों को इसे बांट सकते हैं।
एक-दूसरे को कैसे करेंगे ट्रांसफर
डिजिटल रुपये के रिटेल वर्जन यानी जिसका उपयोग हम और आप जैसे सामान्य लोग करेंगे वह टोकन आधारित हो सकता है। व्यक्तियों को रसीद भी दी जा सकती है (जैसे ई-मेल इत्यादि)। डिजिटल रुपये को ट्रांसफर करते वक्त पासवर्ड जैसे डीटेल्स की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्रोग्राम्ड होगा तो इसलिए शुरुआती समय में इसे सेक्टर बेस्ड ही जारी किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में खाद की सब्सिडी डिजिटल रुपये में ट्रांसफर की जाए।
क्या डिजिटल रुपये पर मिलेगा ब्याज?
नहीं, डिजिटल रुपये पर आरबीआई की तरफ से कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।
पैसे के लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर
जब हमें कोई नोट देता है तो किसी को पता नहीं होता है कि इससे पहले किस-किस के पास से यह पैसा गुजरा है। डिजिटल रुपये में ऐसा नहीं होगा। रिजर्व बैंक सभी पैसे का पता कर पाएगा कि यह किसके-किसके पास से गुजरा है। खासकर बड़े अमाउंट पर कड़ी नजर रहेगी।
बिना इंटरनेट के कर पाएंगे डिजिटल रुपये को ट्रांसफर?
रिजर्व बैंक डिजिटल रुपये के ऑफलाइन मोड पर काम कर रहा है। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएं।
1 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, 'डिजिटल रुपये (होलसेल ट्रांजैक्शन) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा।' आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' (central bank digital currency OR CBDC) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है। थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे। इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है।
पहले दिन कैसा रहा रिस्पांस
मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पहले दिन डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट में सेकेंड्री मार्केट गर्वमेंट बॉन्ड का ट्रांजैक्शन 2.75 अरब डॉलर रुपये का हुआ है। तीन सिक्योरिटीज में नए रूट से यह ट्रेड सेटल्ड हुआ है।
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा भविष्य, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- सरकार इसे लेकर.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर वित्त मंत्री ने बयान दिया Cryptocurrency का भविष्य है.
Published: December 4, 2021 8:40 PM IST
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर अभी बहुत कुछ साफ़ नहीं है, लेकिन ये तय है कि सरकार इसके पक्ष में नहीं है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बयान दिया है. सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के विनिमयन की तैयारियों के बीच उनका यह बयान आया है. सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर कई तरह की अटकलें चल रही हैं और ये अटकलें अच्छी बात नहीं हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अच्छी तरह से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया विधेयक मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद निश्चित रूप से संसद में आने जा रहा है.
Also Read:
एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारी अटकलें चल रही हैं… ये बिल्कुल ठीक बात नहीं हैं.’’ क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का नियमन विधेयक, 2021 को लोकसभा के बुलेटिन-भाग दो में शामिल किया गया है. इसे शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जाएगा. बुलेटिन में कहा गया है कि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक रूपरेखा तैयार करने से संबंधित है.
इसमें देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध का प्रावधान भी है. हालांकि यह क्रिप्टोकरेंसी में अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने और उसके इस्तेमाल के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देता है. इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में सीतारमण ने कहा था कि नए विधेयक में वर्चुअल मुद्रा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का ध्यान रखा जाएगा और इसमें पुराने विधेयक की उन चीजों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले नहीं लिया जा सका था.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार का मीडिया में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के दिशानिर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है और उनके नियमनों पर भी गौर किया जा रहा है, ताकि हम जरूरत पड़ने पर किसी तरह का रुख अपना सकें या कोई फैसला ले सकें. उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से आगाह कर रहे हैं. यह काफी ऊंचे जोखिम वाला क्षेत्र है.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
भारत में क्या है क्रिप्टो का भविष्य? जानें CoinSwitch के CEO आशीष सिंघल के साथ
भारत में क्रिप्टो का भविष्य क्या है? क्या देश में वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा? सरकार जो बिल लाने की योजना बना रही है वह किस तरह का है? क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जारी रखना चाहिए? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो बहुत से लोगों के दिमाग में हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में लाखों भारतीयों का कारोबार और निवेश जारी है.
Cryptocurrency Bill पर Cryptocurrency का भविष्य Cryptocurrency का भविष्य CoinSwitch के CEO आशीष सिंघल के साथ सवाल-जवाब.
क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) पर संसद में पेश किए जाने वाले एक नए बिल को लेकर हाल के समाचारों से भ्रम की स्थिति बनी है. शुरुआत में इससे घबराहट का माहौल बना था और देश में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी थी क्योंकि बैन की आशंका बढ़ गई थी. ऐसे में भारत में क्रिप्टो का भविष्य क्या है? क्या देश में वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा? सरकार जो बिल लाने की योजना बना रही है वह किस तरह का है? क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जारी रखना चाहिए? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो बहुत से लोगों के दिमाग में हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में लाखों भारतीयों का कारोबार और निवेश जारी है.
यह भी पढ़ें
ऐसे कुछ बड़े प्रश्नों के उत्तर और सामान्य उलझनों को दूर करने के लिए, CoinSwitch Kuber ने कंपनी के CEO आशीष सिंघल के साथ हाल ही में एक AMA (Ask Me anything) सेशन आयोजित किया था. CoinSwitch अभी देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक है. CoinSwitch के को-फाउंडर और CEO, आशीष ने इससे पहले CRUXPay, रीप बेनेफिट, अर्बन टेलर, माइक्रोसॉफ्ट और अन्य कंपनियों में काम किया है. उन्होंने नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से डिग्री ली है. उनके एक पावरफुल और यूजर-फ्रेंडली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुरू करने के नजरिए का परिणाम CoinSwitch का लॉन्च है.
CoinSwitch के AMA में जिन प्रश्नों पर चर्चा की गई उनमें से कुछ यहां दिए जा रहे हैं:
प्रस्तावित बिल का भारत में क्रिप्टो के लिए क्या मतलब है?
आशीषः चलिए पहले प्रस्तावित क्रिप्टो Cryptocurrency का भविष्य बिल का इतिहास समझते हैं. हमें केवल बिल के शीर्षक की जानकारी है, जो पिछले साल लाए जाने वाले बिल के समान है. हालांकि, वह बिल संसद में प्रस्तुत नहीं किया गया था और चीजें तब काफी अलग थीं. मौजूदा स्थितियों की बात की जाए तो भारत में क्रिप्टो कम्युनिटी इस अवधि में तेजी से बढ़ी है. लाखों लोग अब CoinSwitch और अन्य एप्लिकेशंस का हिस्सा हैं. क्रिप्टो को अब एक एसेट क्लास के तौर पर देखा जा रहा है और इसे केवल एक करेंसी की तरह नहीं मानना चाहिए. यह भविष्य में गूगल, एमेजॉन, आदि की तरह बन सकता है.
रकार क्रिप्टो के कॉन्सेप्ट को समझने की कोशिश कर रही है और इसके साथ ही उसकी सोच भी बदल रही है. हमें नहीं पता कि प्रस्तावित बिल में वास्तव में क्या है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए सरकार के बिल लाने के प्रस्ताव से एक प्रगतिशील क्रांति होगी.
क्या आप कहेंगे कि भविष्य अच्छा है?
आशीषः सबसे पहले, मेरी राय पक्षपात वाली है क्योंकि हम एक क्रिप्टो कंपनी चलाते हैं. हमारा मानना है कि क्रिप्टो से फाइनेंस इंडस्ट्री और कंपनी में फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव हो सकता है. अभी तक हमें प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. सरकार यह समझती है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री बहुत बड़ी हो सकती है. वे मुख्यतौर पर निवेशकों को नुकसान पहुंचाने की आशंका वाले भ्रामक विज्ञापनों जैसी चीजों से चिंतित हैं. हमें सरकार को क्रिप्टो के फायदे और नुकसान के बारे में बताने और इंडस्ट्री को खुला रखने के साथ इसके गलत इस्तेमाल से बचने में उनकी मदद करने की जरूरत है.
हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित बिल इंडस्ट्रीज और क्रिप्टो निवेशकों के लिए सकारात्मक होगा. क्रिप्टो को स्वीकृति मिलना ही हम सभी के लिए एक बड़ी उपलब्ध है. क्रिप्टो रेगुलेशन पर एक बिल लाना सरकार के लिए भी मुश्किल है क्योंकि हर दिन एक बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट सामने आता है. एक रेगुलेशन बनाने का मतलब ऐसा बिल लाना है जो न केवल अभी बल्कि पांच वर्ष बाद भी कारगर होगा. बिल में क्रिप्टो को एक वर्ग में रखा जा सकता है और यूजर्स की सुरक्षा और इनोवेशन को बढ़ावा देने में मदद के लिए एक चरणबद्ध तरीके से क्रिप्टो को रेगुलेट किया जा सकता है.अगर क्रिप्टो पर बैन लगता है तो क्या होगा?
क्रिप्टो पर पूरी तरह बैन लगना टेक्नोलॉजी के नजरिए से काफी मुश्किल है क्योंकि प्रत्येक चीज आपस में जुड़ी है. एक्सचेंजों या क्रिप्टो को बैन करना समाधान नहीं है. इसके संचालन के लिए रूपरेखा बनाना एक आदर्श समाधान हो सकता है. अगर बैन लगाया जाता है तो सरकार को यह सोचना होगा कि खुदरा निवेशकों ने क्रिप्टो में 6 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है.
पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के बीच क्या अंतर है?
आशीषः पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज सरकार की क्रिप्टो के लिए व्याख्या है. इस बारे में हमारे पास अभी तक कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है. यह व्याख्या पूरी तरह हमारी है – पब्लिक ब्लॉकचेन में इकोसिस्टम में यूजर हिस्सा ले सकता है और इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बदलाव कर सकता है. प्राइवेट Cryptocurrency का भविष्य ब्लॉकचेन कुछ एंटिटीज के बीच बनाई गई एक ब्लॉकचेन हो सकती है. सरकार की समझ एक ब्लॉकचेन को जारी करने पर आधारित हो सकती है, पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों को स्वीकृति देने के तरीके के समान.
क्या अभी क्रिप्टो को खरीदना, रखना या बेचना चाहिए?
आशीषः इस प्रश्न का उत्तर देना बहुत मुश्किल है. मार्केट में अभी काफी अनिश्चितता है. हमने अभी तक प्रस्तावित क्रिप्टो बिल नहीं देखा है. हमारे अनुभव से हम जानते हैं कि सरकार में लोग क्रिप्टो को अब सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं. हालांकि, कुछ आशंकाएं भी हैं. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि अपना फैसला खुद करें लेकिन आपका फैसला इस पर आधारित नहीं होना चाहिए कि कल क्या हुआ था. हमें उम्मीद है कि हमारे पास और जानकारी होगी जिससे निवेशक एक समझदारी वाला फैसला ले सकें. हमें तथ्यों के सामने आने का इंतजार करना होगा और तब आप अपना फैसला कर सकते हैं.
Bitcoin की कीमतों में गिरावट के बीच अनुमान, साल 2030 तक इसके 1 अरब यूजर्स होंगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि शायद बिटकॉइन को पिछली तकनीकों की तुलना में तेजी से अपनाया जाएगा.
फिलहाल बिटकॉइन नेटवर्क के एक्टिव यूजर्स की संख्या दुनिया की आबादी Cryptocurrency का भविष्य का लगभग 0.36% होने का अनुमान है।
खास बातें
- क्रिप्टो मार्केट बीते कुछ महीनों से अनिश्चितता का दौर देख रहा है
- बिटकॉइन 30 हजार डॉलर के मार्क से भी बहुत नीचे चली गई है
- इसके बाद भी भविष्य को लेकर किए गए अनुमान सकारात्मक हैं
दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट आई है और यह 30 हजार डॉलर के मार्क से भी बहुत नीचे चली गई है. कभी 48 हजार डॉलर की ऊंचाई को छूने वाला बिटकॉइन आज निवेशकों की चिंता बढ़ा रहा है. ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrency) लाल निशान पर बनी हुई हैं. इन सबके बीच आई एक रिपोर्ट हौसला बढ़ाने वाली है. ब्लॉकचेन इन्फ्रास्ट्रक्चर और बिटकॉइन माइनिंग फर्म, ब्लॉकवेयर सॉल्यूशंस (Blockware Solutions) ने बिटकॉइन को अपनाने की स्पीड का विश्लेषण करते हुए एक रिपोर्ट रिलीज की है और बताया है कि आगे क्या होने की Cryptocurrency का भविष्य उम्मीद है. फर्म ने अनुमान लगाया है कि साल 2030 तक कम से कम 1 अरब बिटकॉइन यूजर्स होंगे और 10 फीसदी दुनिया इस नेटवर्क को इस्तेमाल कर रही होगी.
cryptopotato ने फर्म की प्रेस रिलीज के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि शायद बिटकॉइन को पिछली तकनीकों की तुलना में तेजी से अपनाया जाएगा. फर्म को उम्मीद है कि 10 फीसदी दुनिया सिर्फ 8 साल में इस नेटवर्क में शामिल हो जाएगी.
ब्लॉकवेयर सॉल्यूशंस के लीड इनसाइट एनालिस्ट विल क्लेमेंटे ने एक इंटरव्यू में कहा है कि आने वाले साल में बिटकॉइन नेटवर्क का असर असाधारण होगा. रिपोर्ट में यह भी तर्क दिया गया है कि यूजर्स अडॉप्टेशन से Cryptocurrency का भविष्य बिटकॉइन की कीमतों पर पॉजिटिव असर पड़ता है. फिलहाल बिटकॉइन नेटवर्क के एक्टिव यूजर्स की संख्या दुनिया की आबादी का लगभग 0.36% होने का अनुमान है.
रिपोर्ट कहती है कि जिस तरह दुनिया ने ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक पावर जैसी तकनीकों को अपनाया, उससे भी तेजी से बिटकॉइन को अपनाने का अनुमान है. हालांकि रिपोर्ट के लेखकों ने इस बात पर जोर दिया है कि इस भविष्यवाणी के लिए उन्होंने जो मॉडल इस्तेमाल किया है, वह सिर्फ वैचारिक है. इससे वह निवेशकों को किसी तरह की कोई सलाह नहीं दे रहे.
गौरतलब है कि पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने का चलन तेजी से बढ़ा है. ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट गेटवे ट्रिपलए (TripleA) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में ग्लोबल क्रिप्टो ओनरशिप रेट दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक क्रिप्टो यूजर्स के साथ 3.9 फीसदी तक पहुंच गया है. ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis ने पिछले साल खुलासा किया था कि जुलाई 2020 से जून 2021 तक बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में 881% की बढ़ोतरी हुई. वियतनाम में इसे सबसे ज्यादा अपनाया गया और इसके बाद भारत और पाकिस्तान का स्थान है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जेमिनी के भी एक सर्वे में पता चला था कि साल 2021 में भारत, ब्राजील और हांगकांग जैसे देशों में क्रिप्टो अपनाने में बढ़ोतरी हुई है. इन देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने क्रिप्टो में निवेश शुरू किया है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 296