अस्थिरता दूर करने को विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करेगा RBI : सुब्बाराव
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा है कि मुद्रा की विनिमय दर बहुत हद तक बाजार द्वारा निर्धारित होगी, लेकिन केंद्रीय बैंक वृहद आर्थिक स्थिरता में रुकावट दूर करने के लिए हस्तक्षेप करेगा।
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बुधवार को लंदन में यूरोपीय इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल सेंटर में व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम बहुत हद तक विनिमय दर को बाजार द्वारा निर्धारित होने देते हैं, लेकिन अत्यधिक उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए हस्तक्षेप करते हैं।’
उन्होंने कहा कि भारत विनिमय दर संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए बीच का समाधान अपनाता रहा है। बीच का समाधान का अर्थ संपूर्ण वृहद आर्थिक लाभ को अधिकतम करने के लिए कुछ लचीलापन देना है।
इस बीच, सुब्बाराव ने केंद्रीय बैंकों को अधिक स्वायत्ता दिए जाने पर भी जोर दिया।
उन्होंने आज यहां कहा कि अगर इन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाता है तो अर्थव्यवस्थाओं को सर्वोत्तम ढंग से चलाया जा सकेगा।
भारत के संदर्भ में सुब्बाराव ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता विशाल राजकोषीय घाटे को लेकर है क्योंकि इससे कुल मांग बढ़ रही है जिससे मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ रहा है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता : मनमोहन सिंह
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा है कि विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता चिंता का सबसे तात्कालिक कारण है। उन्होंने सोने का आयात और पेट्रोलियम पदार्थों की मांग कम करने की जरूरत विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता पर बल दिया।
उन्होंने कहा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल में उठाये गये कदम लंबी अवधि में ब्याज दर में वृद्धि का संकेत नहीं है। पीएम ने चालू खाते के घाटे यानी कैड को विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता नीचे लाने के लिए सभी नीतिगत उपायों के उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में चालू खाते का घाटा पिछले वित्तवर्ष के 4.7 फीसद की तुलना में काफी कम होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का प्रभाव चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में दिखाई देगा । उन्होंने चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर बजट के समय के अनुमान 6.5 फीसद से कम रहने की उम्मीद जताई
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता : मनमोहन सिंह
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को उद्योग जगत को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठा रही है। औद्योगिक संस्था, एसोचैम की वार्षिक आम बैठक को सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि मुझे मालूम है कि अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण उद्योग जगत बेहद चिंतित है।
उन्होंने कहा कि अगर स्थितियां ठीक नहीं चलतीं, जैसा कि अभी लग रहा है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आगे बढ़कर इस दिशा में कदम उठाए। सबसे बड़ी चिंता विदेशी मुद्रा की अस्थिरता को लेकर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजार से बड़ी मात्रा में मुद्रा के प्रवाह के कारण यह स्थिति पैदा हुई है, जिससे रुपये का अवमूल्यन हुआ है। उन्होंने कहा कि हम मांग एवं आपूर्ति दोनों तरफ से चालू खाता घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
देश के चालू खाता घाटा का जिक्र करते हुए, जो वित्त वर्ष 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.7 प्रतिशत है, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे 2.5 फीसदी तक लाना संभव है, लेकिन यह एक साल में नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान कुछ हद तक कम हो सकता है। (एजेंसी)
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अस्थिरता दूर करने को विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करेगा RBI : सुब्बाराव
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा है कि मुद्रा की विनिमय दर बहुत हद तक बाजार विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता द्वारा निर्धारित होगी, लेकिन केंद्रीय बैंक वृहद आर्थिक स्थिरता में रुकावट दूर करने के लिए हस्तक्षेप करेगा।
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बुधवार को लंदन में विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता यूरोपीय इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल सेंटर में व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम बहुत हद तक विनिमय दर को बाजार द्वारा निर्धारित होने देते हैं, लेकिन अत्यधिक उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए हस्तक्षेप करते हैं।’
उन्होंने कहा कि भारत विनिमय दर संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए बीच का समाधान अपनाता रहा है। बीच का समाधान का अर्थ संपूर्ण वृहद आर्थिक लाभ को अधिकतम करने के लिए कुछ लचीलापन देना है।
इस बीच, सुब्बाराव ने केंद्रीय बैंकों को अधिक स्वायत्ता दिए जाने पर भी जोर दिया।
उन्होंने आज यहां कहा कि अगर इन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाता है तो अर्थव्यवस्थाओं को सर्वोत्तम ढंग से चलाया जा सकेगा।
भारत के संदर्भ में विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता सुब्बाराव ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता विशाल राजकोषीय घाटे को लेकर है क्योंकि इससे कुल मांग बढ़ रही है जिससे मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ रहा है।
क्रिप्टो करेंसी से देश की वित्तीय स्थिरता पर पड़ सकता है असर : शक्तिकांत दास
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता दास ने कहा कि उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी चिंताएं सरकार को बता दी हैं.
सरकार क्रिप्टो करेंसी के बारे में विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता संसद में एक विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. इसके तहत कंपनियों और लोगों पर क्रिप्टो करेंसी खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी अलग है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना जाना चाहिए. यह दूसरी चीज है. लेकिन, क्रिप्टो के बारे में वित्तीय स्थिरता के लिहाज से हमें काफी चिंता है. उन्होंने इस बारे में ज्यादा नहीं बताया. लेकिन, केंद्रीय बैंक मनी लाउंड्रिंग और आंतकी गतिविधियों के लिए फंडिंग के वास्ते डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल पर चिंता जता चुका है.
सरकार क्रिप्टो करेंसी के बारे में संसद में एक विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. इसके तहत कंपनियों और लोगों पर क्रिप्टो करेंसी खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. सरकार अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करने के लिए नियम और शर्तें बनाएगी.
आरबीआई ने 2018 में सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से क्रिप्टो करेंसी की खरीद-फरोख्त से जुड़ी सेवाएं देने पर रोक लगी दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल क्रिप्टो करेंसी पर आरबीआई के निर्देशों को खारिज कर दिया था. उसने क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों की याचिका पर यह फैसला दिया था.
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