वहीं अगर उदाहरण के रूप में समझा जाए तो अगर आपकी बेसिक सैलरी 10000 रुपए है और ग्रेड पे 1000 रुपए है। तो आपकी सैलरी 11000 बनती है, जबकि इसमें अगर महंगाई भत्ते के अनुसार 38 प्रतिशत महंगाई भत्ते को जोड़ दिया जाए तो यह 4,180 हो जाती है। कुल मिलाकर देखा तो आपकी सैलरी 15,180 रुपए बनेगी। वहीं, इससे पहले 34% डीए के लिहाज से आपको 14,470 मिलेंगे और मौजूद गणित के हिसाब से आपको हर महीने 440 रुपए का फायदा मिलेगा।

आधार जोखिम क्या है? [What Is Basis Risk?]

Basis Risk क्या है?

बेसिस रिस्क उस जोखिम के लिए खड़ा है जो किसी विशेष समय पर हेज/वायदा/सापेक्ष मूल्य और अंतर्निहित हेज के नकद/स्पॉट मूल्य में अंतर के कारण उत्पन्न होता है। अंतर को 'आधार' कहा जाता है और इससे जुड़े जोखिम को आधार जोखिम के रूप में जाना जाता है। स्थान, गुणवत्ता, तिथि या समय में परिवर्तन होने पर भिन्नता या अंतर उत्पन्न होता है।

एक बाजार में अधिग्रहीत अंतर्निहित व्यापार के मूल्य जोखिम को एक पूर्ण हेज प्राप्त करने के लिए संबंधित या डेरिवेटिव बाजार में एक काउंटर या एक समान स्थिति लेकर समाप्त किया जा सकता है। यह आम तौर पर तब होता है जब एक अंतर्निहित और सापेक्ष कीमत ठीक से मेल नहीं खाती।

हेजिंग और ट्रेडिंग में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण जोखिमों में से एक है। यह तब होता है जब अपूर्ण हेजिंग रणनीति के कारण ऑफसेट व्यापार की तारीख पर हाजिर कीमतों और सापेक्ष कीमतों का कोई अभिसरण नहीं होता है। आधार जोखिम सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है जो हेज्ड अंडरलाइंग के नकद मूल्य की ऑफसेटिंग राशि और संबंधित हेज्ड अंडरलाइंग की कीमत पर निर्भर करता है।

विभिन्न प्रकार के आधार जोखिम [Different types of base risk]

  • मूल्य आधारित जोखिम (Price Basis Risk): यह वह जोखिम है जो तब प्रकट होता है जब परिसंपत्ति की कीमतें और इसके वायदा अनुबंध एक दूसरे के साथ चक्रीय रूप से नहीं चलते हैं।
  • स्थान के आधार पर जोखिम (Location Basis Risk): यह जोखिम का वह रूप है जो तब उत्पन्न होता है जब अंतर्निहित परिसंपत्ति वायदा अनुबंधों के व्यापार के स्थान से अलग स्थान पर होती है।
  • कैलेंडर आधारित जोखिम (Calendar Basis Risk): इस प्रकार के जोखिम में, हाजिर बाजार की बिक्री की तारीख भविष्य के बाजार अनुबंध की समाप्ति की तारीख से भिन्न हो सकती है।
  • उत्पाद की गुणवत्ता के आधार पर जोखिम (Product quality basis risk): यह जोखिम तब उत्पन्न होता है जब किसी संपत्ति के गुण या गुण वायदा अनुबंध द्वारा दर्शाई गई संपत्ति से भिन्न होते हैं।

वैश्विक रुख पर रहेगी शेयर बाजार की नजर

Stock Market, Sensex

मुंबई (एजेंसी)। दुनिया भर में ब्याज की दरें ऊंची रहने से सहमे निवेशकों की बिकवाली से बीते सप्ताह सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? 1.36 प्रतिशत तक टूटे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक आर्थिक गतिविधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का असर रहेगा।

निफ्टी भी 227.6 अंक गिरा

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? सूचकांक सेंसेक्स 843.86 अंक अर्थात 1.36 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 62 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 61337.81 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? 227.6 अंक यानी 1.23 प्रतिशत गिरकर 18500 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 18269 अंक रह गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों पर बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिडकैप 356.35 अंक की गिरावट लेकट सप्ताहांत पर 25739.21 अंक पर रहा। हालांकि स्मॉलकैप की मामूली गिरावट से बाजार को समर्थन मिला। स्मॉलकैप महज 41.81 अंक फिसलकर 29516.75 अंक पर आ गया।

शेयर बाजार एक महीने के निचले स्तर तक गिरा

विश्लेषकों के अनुसार, बीते सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के ठीक एक दिन बाद यूरो क्षेत्र, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, मैक्सिको और ताइवान के केंद्रीय बैंक ने भी महंगाई पर लगाम लगाने का हवाला देते हुए गुरुवार को ब्याज दरें बढ़ा दी। साथ ही अगले साल भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाने के संकेत दिए। इससे दुनिया के शेयर बाजार एक महीने के निचले स्तर तक गिर गए। इसका असर दोनों स्थानीय मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़े तथा कमोबेश अगले सप्ताह भी इसका प्रभाव देखा जा सकेगा।

इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी बाजार की नजर रहेगी। एफआईआई ने दिसंबर में अबतक कुल 99,241.74 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 106,731.79 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।

Sensex सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? Update: महंगाई की चिंता कम होने से बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 145 अंक और चढ़ा

Sensex Update: महंगाई की चिंता कम होने से बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 145 अंक और चढ़ा

मुंबई, 14 दिसंबर : महंगाई को लेकर चिंता कम होने के साथ घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 144.61 अंक के लाभ में रहा. देश में महंगाई दर में नरमी के साथ अमेरिका में उम्मीद की तुलना में मुद्रास्फीति में अधिक कमी आने से धारणा मजबूत हुई. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 144.61 अंक यानी 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 62,677.91 अंक पर बंद सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? हुआ. कारोबार के दौरान यह एक समय 301.81 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 52.30 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,660.30 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से लाभ में रहे.

अमेरिकी शेयर डूबे क्योंकि फेड के आक्रामक बने रहने के संकेत मिले

गुरुवार को वॉल स्ट्रीट और पूरे यूरोपीय बाजारों में शेयरों में गिरावट आई क्योंकि निवेशकों की चिंता बढ़ गई कि फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने के लिए मंदी का जोखिम उठाने को तैयार हैं।

बेंचमार्क इंडेक्स में 90% से अधिक स्टॉक लाल रंग में बंद होने के साथ एसएंडपी 500 2.5% गिर गया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2.2% गिर गया और नैस्डैक कंपोजिट 3.2% टूट गया। व्यापक गिरावट ने प्रमुख सूचकांकों की सभी साप्ताहिक बढ़त मिटा दी।

बिक्री की लहर तब आई जब यूरोप में केंद्रीय बैंकों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी प्रमुख दर में फिर से बढ़ोतरी के एक दिन बाद ब्याज दरों में वृद्धि की, इस बात पर जोर दिया कि मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरों को पहले की अपेक्षा अधिक जाना होगा।

केंद्र सरकार का कर्मचारियों को DA और DR देने से इंकार, इंतज़ार सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? कर रहे कर्मियों पर आई आफत

Kavita Singh Rathore

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आफत खड़ी कर दी है। दरअसल, कोविड के बाद से अटका 18 महीने का DA (Dearness Allowance) अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं मिला है। जिस पर सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया है कि, बकाया महंगाई भत्ता दिया जाना यानी की एरियर को जारी करना व्यवहारिक नहीं है। आपको बता दें कि कोराना काल के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशन भोगियों के लिए महंगाई राहत DR सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं? को रोक दिया गया था। इसे लेकर करीब 52 लाख कर्मचारी और 60 लाख पेंशनर आस लगाए बैठे थे कि, उन्हें DA और DR मिलेगा, लेकिन अब सरकार के इस फैसले से मामला गड़बड़ लग रहा है।

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