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Stock Market fundamentals : Stock Market में पैसा कमाना हैं तो इन 5 ट्रेडिंग strategies के बारे में जरूर जाने
रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
Stock Market : ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां ( trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं। यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग ( फंडामेंटल ट्रेडर्स Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं। निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड , घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading)
पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां शेयर्स को महीनों या सालों के लंबे समय तक रखा जाता है। ऐसे शेयरों में समय के साथ भाव में बड़ी बढ़त की अपेक्षा के साथ मुनाफा कमाने की उम्मीद की जाती है। निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कंपनी का टेक्निकल ग्राउंड देखकर इस शैली को अपनाते हैं। इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति में आमतौर पर बाजार के रुझान और उतार-चढ़ाव जैसी अल्पकालिक जटिलताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग आमतौर पर एक ऐसी रणनीति है जहां निवेशक शेयरों के भाव में और तेजी की उम्मीद में एक दिन से अधिक समय तक शेयरों को अपने पास रखते हैं। स्विंग ट्रेडर्स आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं। इंट्राडे ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स के बीच स्टॉक को अपने पास रखने की समय सीमा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। इसलिए कहा जाता है कि ज्यादातर टेक्निकल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग की कैटेगरी में आते हैं।
टेक्निकल ट्रे़डिंग ( Technical Trading)
टेक्निकल ट्रेडिंग में ऐसे निवेशक शामिल हैं जो शेयर बाजार में प्राइस चेंज की भविष्यवाणी करने के लिए अपने तकनीकी विश्लेषण ज्ञान का उपयोग करते हैं। इस ट्रेडिंग शैली में कोई विशेष समय-सीमा नहीं होती है क्योंकि यह एक दिन से लेकर महीनों तक के लिए भी हो सकती है। बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकांश ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स का उपयोग करते हैं। हालांकि स्टॉक की कीमतों का निर्धारण करते समय सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस बाजार की परिस्थिति होती है।
फंडामेंटल ट्रेडिंग ( Fundamental Trading)
फंडामेंटल ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक में निवेश करना होता है जहां ट्रेडर्स समय के साथ भाव में तेजी की उम्मीद के साथ कंपनी के स्टॉक को खरीदता है। इस तरह की ट्रेडिंग में ' बाय एंड होल्ड ' रणनीति में विश्वास किया जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग आमतौर पर कंपनी के फोकस्ड इंवेंट्स में किया जाता है। इसके लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स , नतीजों , ग्रोध और मैनेजमेंट क्वालिटी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।
मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है | What is swing trading
स्विंग ट्रेडिंग क्या है- शेयर मार्केट के अंदर ट्रेडिंग करने की कई सारी स्टाइल है लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग को कहा जाता है स्विंग ट्रेडिंग क्या है यह ट्रेडिंग करने के लिए ऐसी रणनीति है जिसमें किसी शेयर को खरीदने के 1 दिन बाद या फिर कुछ दिनों के भीतर भी बेच दिया जाता है इसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं ।
यदि आप शेयर मार्केट में मैं नए है और ट्रेडिंग करने का मन बना रहे हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग की बजाए स्विंग ट्रेडिंग का रास्ता अपना सकते हैं इस लेख में आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या है, स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है और स्विंग ट्रेडिंग के क्या फायदे और नुकसान है आदि ऐसे कई सारे सवालों के ऊपर बात करने वाले हैं तो कृपया करके आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपकी फंडामेंटल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग के प्रति भावना क्लियर हो जाए
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – what is swing trading
जब आप किसी कंपनी के शेयर को 24 घंटे या फिर इससे ज्यादा के लिए होल्ड करके रखते हैं उसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं शेयर मार्केट में काम करने वाले कई सारे लोग इंट्राडे ट्रेडिंग और लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट से ज्यादा स्विंग ट्रेडिंग को पसंद करते हैं क्योंकि यहां पर व्यक्ति को मैं तो कम फोड़ने ही ज्यादा समय का इंतजार करना पड़ता है स्विंग ट्रेडिंग के अंदर व्यक्ति को 24 घंटे या कुछ दिनों के भीतर ही 10% से 15% या इससे ज्यादा का रिटर्न देखने को मिल जाता है
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें – how to do swing trading
शेयर मार्केट मैं किसी भी तरह फंडामेंटल ट्रेडर्स की ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना अति आवश्यक है क्योंकि यहीं पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को रखा जाता है इसके बाद आप नीचे दिए गए तरीकों को अपनाकर स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं
(1) टेक्निकल एनालिसिस – technical analysis
आपको यह पता लगाना होगा कि कौन सा शेयर किस जगह से सपोर्ट और रजिस्टेंस ले रहा है इसके अलावा कौन सा शेयर ट्रेंड लाइन को तोड़ रहा है या फिर उसको टच कर रहा है आदि ऐसे सभी टेक्निकल एनालिसिस के फैक्टर आपको अपना कर देखने हैं
(2) फंडामेंटल एनालिसिस
यदि आप चाहो तो जिस शेयर का आप टेक्निकल एनालिसिस कर रहे हो उसका फंडामेंटल एनालिसिस भी कर लेना चाहिए क्योंकि इससे पता चल जाता है कि कंपनी का अगला रिजल्ट कैसा होगा कंपनी कितना grow कर रही है इसके अलावा वह कंपनी की नई रणनीतियों के ऊपर कार्य कर रही है आदि देसी कई सारी बातें आपको फंडामेंटल एनालिसिस के अंदर देखने की आवश्यकता होती है
इनके साथ ही आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ चैनल, फिबोनाची रिट्रेसमेंट, मूविंग एवरेज और बॉलिंगर बैड जैसे कई सारे टेक्निकल एनालिसिस के तरीके अपनाकर एक अच्छे शेयर का चुनाव कर सकते हैं
इन सभी तरीकों के साथ आप न्यूज़ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जानिए कैसे जब मार्केट के अंदर कोई किसी कंपनी से संबंधित न्यूज़ आती है तो आपको यह देखना है कि इस न्यूज़ का असर उस शेयर के ऊपर क्या होने वाला है क्या वह शेयर नीचे जाएगा या ऊपर आदि ऐसे कारणों के ऊपर आप एनालिसिस करके उस शेयर के अंदर अपना स्विंग ट्रेड बना सकते हैं
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने – How to choose stocks for swing trading
SWING Trading करते समय आपको उन शेयर का चुनाव करना चाहिए जो फंडामेंटली अच्छे हो और जिनके अंदर ज्यादा लिक्विडिटी हो ताकि अगर वह शेर आपकी एनालिसिस के अगेंस्ट भी चला जाए तो भी आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा इसके अलावा आप स्विंग ट्रेडिंग करते समय स्विंग ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए नियमों का इस्तेमाल करके स्टॉक का चुनाव कर सकते हैं
- स्विंग ट्रेडिंग के लिए आप उन शेयर का चुनाव करें जिनके अंदर ज्यादा लिक्विडिटी होती है
- हमने आपको जो ऊपर टेक्निकल और फंडामेंटल से संबंधित नियम बताइए आप इनका इस्तेमाल करके मार्केट से एक अच्छे शेयर का चुनाव करने की कोशिश करें
- स्विंग ट्रेडिंग करते समय आपको भारतीय बाजार के साथ विदेशी बाजार के ऊपर भी नजर रखनी चाहिए जिससे आपको पता चलता रहे कि विश्व में किस वस्तु की डिमांड बढ़ रही है और किसकी घट रही है यह आपको न्यूज़ पढ़ने से भी पता चलेगा
- किसी भी कंपनी का तिमाही रिजल्ट अच्छा आएगा या बुरा इसका एनालिसिस करके आप उस कंपनी के अंदर अपनी पोजीशन बना सकते हैं
- स्विंग ट्रेडिंग के अंदर आपका सबसे ज्यादा साथ टेक्निकल एनालिसिस देता है इसलिए आप जिन स्टॉक का चुनाव करते हैं उनका अच्छे से टेक्निकल एनालिसिस करना चाहिए
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ – Benefits of swing trading
(1) स्विंग ट्रेडिंग के अंदर आपको यह फायदा मिलता है कि यदि किसी स्टॉक के अंदर आपको प्रोफिट नहीं मिल रहा है तो आप उसको 24 घंटे या इससे ज्यादा समय के लिए रोक कर रख सकते हैं
(2) स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको ज्यादा समय का इंतजार नहीं करना पड़ता है क्योंकि यहां पर आप 24 घंटे या कुछ सप्ताह के लिए स्विंग ट्रेडिंग को करते हो और इसी समय के बीच में अपने प्रोफिट को निकाल लेते हैं
(3) स्विंग ट्रेडिंग के अंदर आप 6 से 7 महीनों के भीतर मिलने वाले प्रॉफिट को सिर्फ कुछ दिनों के भीतर ही निकाल सकते हैं
(4) स्विंग ट्रेडिंग के जरिए आप हर महीने अपने पैसों के ऊपर 15% से 20% तक का रिटर्न कमा सकते
(5) इंट्राडे ट्रेडिंग करने की वजह आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो आपको नुकसान कम होने के चांस रहते हैं और प्रॉफिट ज्यादा होने के चांस होते हैं
स्विंग ट्रेडिंग के नियम – swing trading rules
(1) स्विंग ट्रेडिंग करते समय आप पहले से ही अपना एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस को प्लान करके रखें
(2) स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का क चुनाव करते समय स्टॉक को प्रत्येक दिशा से देखने की कोशिश करें
(3) आपको हमेशा स्विंग ट्रेडिंग 10% से 15% तक के रिटर्न के लिए ही करनी चाहिए
(4) यदि आपको किसी स्विंग ट्रेड के अंदर फंडामेंटल ट्रेडर्स 24 घंटे या एक-दो दिन के भीतर ही 5% से 10% का रिटर्न मिल जाता है तो आपको बिना भावनाओं में बह अपना प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए
(5) स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको भारतीय बाजार के साथ विश्व के सभी बाजार के ऊपर नजर रखनी चाहिए और इन से संबंधित न्यूज़ को पढ़ते रहना चाहिए
निष्कर्ष: स्विंग ट्रेडिंग क्या है
डियर पाठक आज के इस लेख में हमने स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जाना आशा करते हैं आज का लेख स्विंग ट्रेडिंग क्या है आपको पसंद आया होगा पसंद आया है तो ऐसा अपने सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें
फंडामेंटल एनालिसिस 2022|Share Market Fundamental Analysis In Hindi
दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको आपको समझाया की Fundamental Analysis Kya Hai, Fundamental Analysis in Hindi, Share market fundamental analysis in hindi, Fundamental Analysis का क्या काम है, क्या Fundamental Analysis करना जरुरी है, Fundamental Analysis में क्या होता है? आदि.
Share Market Fundamental Analysis In Hindi क्या काम है?
Share Market Fundamental Analysis In Hindi- जब भी हमें भविष्य के लिए 1,2,5 या 10 साल के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने की सोचते है तो सबसे पहले कंपनी का चुनाव फिर उस कंपनी के Fundamental को Analysis किया जाता है. शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सही शेयर को चुनने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है.
Fundamental Analysis में क्या देखा जाता है?
बहुत से ट्रेडर्स को Fundamental Analysis के बारे में पता ही नहीं होता है इसलिए वह लोग मार्किट में नुकसान उठाते है. Fundamental Analysis में कम्पनी के अन्दर की जानकारी को जाना जाता है- कंपनी का बिज़नस कैसा चल रहा है, मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट की कितनी मांग है, कंपनी किस तरह के प्रोडक्ट बनती है, कंपनी कितने loss या profit में चल रही है, कंपनी ने पर कितना कर्ज लिया है? Share Market Fundamental Analysis In Hindi
आदि इन सभी जानकारी को हासिल करके उस कंपनी के शेयर ख़रीदे जाते है जिससे फ्यूचर में अच्छा मुनाफा होता है. Fundamental Analysis में हमें कंपनी यह देखना होता है की जिस कंपनी के शेयर खरीद रह है वह कितने मजबूत है इसकी आर्थिक स्थति क्या है? क्या यह भविष्य में अच्छा मुनाफा दे सकती है या नहीं!
Fundamental Analysis का एक ही उद्देश्य होता है वर्तमान के शेयर को कम कीमत में खरीद कर भविष्य में अधिक कीमत में बेचना होता है. Fundamental Analysis में कंपनी के बिज़नस और फाइनेंसियल स्टेटमेंट को देखते है बिज़नस प्रदर्शन से ही कंपनी के शेयर की कीमत निर्धारित होती है क्योकि जब कंपनी का बिज़नस फंडामेंटल ट्रेडर्स आगे बढेगा तभी कंपनी को प्राफिट होगा जिससे भविष्य में शेयर की कीमत बढेगी.
Fundamental Analysis 2 प्रकार के होते है?
- Qualitative Analysis
- Quantitative Analysis
- Qualitive Analysis – Qualitive Analysis में कंपनी क्या बिज़नस कर रही है, बिज़नस मॉडल, मैनेजमेंट एनालिसिस, प्रोडक्ट और सर्विस आदि जानकारी को Analysis किया जाता है.
- Quantitative Analysis– Quantitative Analysis में बैलेंस सीट, मुनाफा और नुक्सान स्टेटमेंट, केस फ्लो स्टेटमेंट, इस तरह के रेश्यो को और सेल्स ग्रोथ, प्रॉफिट ग्रोथ आदि को एनालिसिस किया जाता है. Share Market Fundamental Analysis In Hindi
Fundamental Analysis का उपयोग कैसे करे?
Share Market Fundamental Analysis In Hindi – जितने भी पुराने और नय ट्रेडर्स होते वह लोग लम्बे समय के लिए शेयर मार्किट में फंडामेंटल ट्रेडर्स निवेश करने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है. Fundamental Analysis के दोवारा हम अच्छे शेयर को चुनने में मदद मिलती है. इसके दोवारा हम उन शेयर को सर्च कर सकते है जो वर्तमान में डिस्काउंट में मिल रह है.
जब कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो उसे कंपनी से उम्मीद करता है की ये कम्पनी आने बाले समय में काफी बढ़ोतरी करे. प्रॉफिट के लिए कंपनी के बारे में पूरा रिसर्च करना जरुरी है. Technical analysis में चार्ट पर indicator इस तरह की जानकारी नहीं देते है वह सिर्फ price movement को दिखाते है.
तभी कीमत को देख कर buy और sell करते है जो बिलकुल ठीक नहीं है fundamental analysis भी बहुत जरुरी है. Fundamental का उपयोग तब की जाता है जब आपको शेयर को लम्बे समय तक खरीदकर रखना होता है. Fundamental analysis में किन चीजों के बारे में जानना जरुरी होता है?
हर्श् वोरा कि चेकलिस्ट मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के साथ-साथ लॉन्ग टर्म निवेश के फंडामेंटल वैसे तो साल के बाकी दिनों के समान ही रहते हैं, पर यह एक घंटे का सत्र ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह पहली बार 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक नए हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में शुरू हुआ था और तब से हर साल आयोजित किया जाता है। नए साल का स्वागत करने के लिए, निवेशक आमतौर पर टोकन के रूप में केवल थोड़ी मात्रा में स्टॉक खरीदते हैं।
पर थोड़ी मात्रा में ही क्यों? एक कारण, इस घंटे के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होते हैं। इसका कारण यह है कि, एक घंटे की सीमित अवधि में, निवेशकों को उन पोजीशंस को क्लोज करने का समय नहीं मिल पाता है जिन्हें वे सत्र की शुरुआत में ले सकते हैं। इसे देखते हुए वे यह करने से बचते हैं। चूंकि दिवाली पर छुट्टी होती है, इसलिए बाजार में लोग भी रोज़ की तरह सक्रिय नहीं होते हैं।
दूसरा, चूंकि यह एक शुभ समय माना जाता है, इसलिए व्यापारी और निवेशक दोनों ही स्टॉक बेचने से बचते हैं, जब तक कि बाजार के फंडामेंटल ऐसा नहीं सुझाते। सक्रिय सेलर्स की कमी का मतलब बाजार में लिक्विडिटी कम होती है, जो बाजार की भागीदारी को बाधित करता है।
तो सवाल यह है कि हमें इस ट्रेडिंग सत्र में क्या करना चाहिए और कौन सी चेकलिस्ट हमारे फैसलों का मार्गदर्शन करेगी?
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ध्यान में रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने निवेश के फंडामेंटल पर टिके रहें। मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान, भावनात्मक उत्साह न दिखाएँ और रैंडम टिप्स के आधार पर स्टॉक न खरीदें। महत्वपूर्ण बात यह है कि लंबी अवधि में स्टॉक की कीमत कमाई में वृद्धि के साथ बढ़ती ही हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी की आय में वृद्धि कम है, तो इस कंपनी में निवेश न करना बेहतर है।
इसी तरह, कंपनी के फंडामेंटल को जानने और ट्रैक करने के लिए अन्य मैट्रिक्स हैं; रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड, डेब्ट टू इक्विटी रेश्यो, प्राइस टू अर्निंग रेश्यो, और बहुत कुछ होता है।
बात यह है कि, दिवाली के शुभ समय का उपयोग स्टॉक या म्यूचुअल फंड में, उनके फंडामेंटल्स का आकलन करने के बाद, अपने दीर्घकालिक निवेश करने के लिए करना बुद्धिमानी होगी।
और, याद रखें कि एक घंटे की ट्रेडिंग अवधि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अनुकूल नहीं होती है, विशेष रूप से कम वॉल्यूम और लिक्विडिटी को देखते हुए। स्विंग ट्रेडिंग के लिए (जिसका अर्थ है एक दिन से अधिक समय तक पोजीशन रखना), केवल तभी ट्रेड करें जब सेटअप सही हो और बाजार आकर्षक अवसर प्रदान कर रहा हो। यदि ऐसा नहीं होता है, तो आप इस घंटे का उपयोग टिकरटेप के स्क्रीनर का उपयोग करके फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों की जांच करने के लिए कर सकते हैं, और उन पर शोध कर अच्छे स्टॉक्स का पता लगा सकते हैं।
याद रखें, ट्रेड लेना केवल 1% कार्य होता है। अन्य 99% में स्टॉक की जांच करना, उन पर पूरी तरह से शोध करना, या अपनी रणनीतियों को बैक-टेस्ट करना होता है। इस शुभ समय के दौरान आप जो भी शोध या बैक-टेस्ट करेंगे, वह भी उतना ही फायदेमंद हो सकता है।
Harsh Vora is a proprietary investor and day trader with more than 10 yrs of experience in financial markets. He is interviewed on ET NOW and his columns are published in national financial newspapers like Live Mint, Money Control, and Business Standard.
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