लिमिट ऑर्डर क्या है?
Uttar Pradesh Power Corporation Limited
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड
Instructions to Login into Portal/पोर्टल पर लॉगिन करने हेतु निर्देश
- Once registered, user will have to Login from Login Page to apply for New Electricity Connection for Private Tube Well through Login Credentials sent on his/her registered Mobile No. & Email ID.
पंजीकृत होने के उपरांत उपयोगकर्ता को निजी नलकूप हेतु नए विद्युत संयोजन हेतु आवेदन करने के लिए अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी पर प्राप्त लॉगिन विवरण के माध्यम से लॉगिन पृष्ठ से लॉगिन करना होगा। - On Login Panel, applicant will have to fill the details like Login ID/ Registered Mobile Number, Password and Captcha in the respective fields & click on Login button.
लॉगिन पृष्ठ पर दी गई फील्ड्स अर्थात लॉगिन आईडी/पंजीकृत मोबाइल नंबर, पासवर्ड तथा कैप्चा में संबंधित जानकारी भरकर लॉगिन बटन पर क्लिक करें।
Single Window Clearance System to Apply for New Electricity Connection for Private Tube Well
निजी नलकूप हेतु नए विद्युत संयोजन हेतु आवेदन करने के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली
Through this Portal:
इस पोर्टल के माध्यम से:
- Applicants can apply online for New Electricity Connection for Private Tube Well in Uttar Pradesh.
उत्तर प्रदेश में निजी नलकूप हेतु नए विद्युत संयोजन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। - Applicants can pay the Processing Fee & Estimated Cost online.
आवेदकों द्वारा प्रक्रिया शुल्क तथा अनुमानित लागत का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है। - Applicants can select the dates for inspection of feasibility of site & meter installation.
आवेदकों द्वारा स्थल निरीक्षण तथा मीटर की स्थापना हेतु तिथि का चयन किया जा सकता है। - Applicants can track the status of their application from time to time and get SMS alerts.
आवेदक समय-समय पर आवेदन की स्थिति जान सकते हैं तथा एसएमएस अलर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
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लिमिट ऑर्डर क्या है?
Gramin Urja Sathi Scheme 2022, Dated :2022-07-27 List of Interested Farmers Under PM-KUSUM Component -A, Dated :2022-02-28 Invitation of Quotations from the Agencies for “Providing Door-to-Door Electricity Dues Collection through E-wallet System from लिमिट ऑर्डर क्या है? Consumers in Urban and Rural areas of JBVNL”, Dated :2021-05-28 Expression of Interest- EOI सौर ऊर्जा से जुडा ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के लिए बंजर/ अनुपजाऊ जमीन के अधिसूचित करने , Dated :2021-03-04 PM-KUSUM component A tariff petition, Dated :2020-12-03 Tariff Order for FY 2020-21., Dated :2020-11-27 ❌ Fake Recruitment News Alert ❌ ❌ NOTICE ❌, Dated :2020-07-24 ❌ Fake Recruitment News Alert ❌ ❌ Fraud Alert ❌, Dated :2020-07-24 Sachet - Electrical Safety Handbook, Dated :2020-06-27 Revenue collection through Mobile Van , Dated :2020-06-01
JBVNL में आपका स्वागत है
जेबीवीएनएल (झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड) झारखंड राज्य की सबसे बड़ी (डिस्कॉम) बिजली कंपनी है, जो झारखंड राज्य में (डोमेस्टिक) एल.टी और एच.टी उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने के लिए मुख्य रूप से शामिल है। वर्ष 2013 में पूर्ववर्ती झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड (जे.एस.इ बी) से अलग हो कर। 6 जनवरी 2014 को परिचालन शुरू किया गया । कंपनी के पास लगभग 37 लाख का पंजीकृत उपभोक्ता आधार है और लगभग 2,150 MW (FY 17) का पीक लोड है। -18)। कंपनी 7 बिजली आपूर्ति क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों जैसे एचटी, एलटीआईएस, डीएस, एनडीएस, आईएएस, आदि के लिए बिजली के वितरण में शामिल है। रांची, धनबाद, सिंहभूम(जमशेदपुर ), हजारीबाग, गिरिडीह, दुमका और मेदिनीनगर।
राज्य के अलग होने के बाद से विद्युत क्षेत्र की उपयोगिता प्रति व्यक्ति बिजली की खपत, उच्च AT & C नुकसान, गैर-चिंतनशील टैरिफ, अपर्याप्त कार्यबल, सीमित विद्युतीकरण और घटते बिजली के बुनियादी ढांचे जैसे विभिन्न विरासत से मिली चुनौतियों पर काबू पाने में लंबा सफर तय किया है। राज्य मे माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण पर राज्य ने लगातार प्रगति की है और राज्य में हर घर तक बिजली पहुंच सुनिश्चित करने और उन्नत डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने लिमिट ऑर्डर क्या है? की कोशिश की है। परिवर्तन की इस यात्रा के पांच प्रमुख क्षेत्र अंतिम पायदान तक बिजली की पहुंच है, जिससे बिजली का बुनियादी ढांचा मजबूत हो रहा है, सेवा वितरण, परिचालन और वित्तीय आत्मनिर्भरता और सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ मिल रहा है।
राज्य स्थापना के बाद से, जेबीवीएनएल की प्रतिबद्धता कई पथ-ब्रेकिंग पहलों के माध्यम से खुद को एक जीवंत, आर्थिक रूप से स्वतंत्र और उपभोक्ता अनुकूल उपयोगिता में बदलने की कोशिश कर रही है। विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और अपने उपभोक्ताओं को वर्ग सेवा में सर्वश्रेष्ठ प्रदान करने के लिए, JBVNL ने ERP & SCADA के कार्यान्वयन, ऑनलाइन कैपेक्स मॉनिटरिंग एप्लिकेशन, एसएमएस आधारित जली हुई डीटी रिपोर्टिंग, एंड्रॉइड-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन (eZy-bZly) जैसी कई पहल की सुविधा प्रदान की। बिल भुगतान, नए कनेक्शन, शिकायतें दर्ज करना, एकीकृत भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस), सारल-समिक्षा (ऑनलाइन परियोजना निगरानी उपकरण), सुविधा पोर्टल, शशक्त (24x7 टोल फ्री हेल्पलाइन), ऊर्जा मित्र आदि।
MP News: मध्य प्रदेश के बड़े साहब के रिटायरमेंट के दिन आया एक्सटेंशन का आदेश, जाने क्या है वजह
मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव रहते एक्शटेंशन पाने वाले 1985 बैंच के आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस चौथे अधिकारी है। इससे पहले आरपी कपूर, आर परशुराम और बीपी सिंह को भी 6-6 माह का एक्सटेंशन मिल चुका है।
मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर अगले 6 महीने तक इकबाल सिंह बैंस ही रहेंगे। बैंस 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे और उसी दिन उनके एक्सटेंशन के आदेश केंद्र सरकार ने जारी किए हैं। अब बैंस 30 मई 2023 तक सीएस रहेंगे।
मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव रहते एक्शटेंशन पाने वाले 1985 बैंच के आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस चौथे अधिकारी है। इससे पहले आरपी कपूर, आर परशुराम और बीपी सिंह को भी 6-6 माह का एक्सटेंशन मिल चुका है। हालांकि जानकारों का कहना है कि अभी तक सीएस के रिटायरमेंट के 15 दिन पहले ही नए सीएस या मौजूदा सीएस के कार्यकाल बढ़ने के आदेश हो जाते थे, इस बार पहली बार रिटायरमेंट के दिन कार्यकाल बढ़ाने के आदेश हुए है। इसको लेकर अब चर्चा भी तेज हो गई है।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने पहले अपना कार्यकाल बढ़ाने को लेकर स्वीकृति नहीं दी थी। इसके बाद 1989 बैंच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन का नाम प्रबल दावेदारों में सबसे आगे आया। इसकी वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इकबाल सिंह बैंस की तरह अनुराग जैन का भरोसेमंद अधिकारी होना था। बैंस और जैन साथ में सीएम के साथ काम कर चुके हैं। जैन ने भी एमपी आने से मना नहीं किया। इसके बाद सीएम और अनुराग जैन की दो बार बैठक भी हो चुकी है। लेकिन पीएमओ से जैन को वापस एमपी भेजने को हरी झंडी नहीं मिली।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने दोबारा बैंस से बात कर उनके एक्सटेंशन का प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया, लेकिन डीओपीटी में उनका प्रस्ताव अटक गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली जाकर बात की। इसके बाद भी सीएस को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ।
इधर रिटायरमेंट के एक दिन पहले तक कोई आदेश नहीं होने पर मौजूदा सीएस ने बुधवार को अपनी सभी बैठकें रद्द कर दी थी। इस बीच 24 नवंबर का एक आदेश भी सामने आया, जिसमें सभी आईएएस अधिकारियों को लिखा गया कि बैंस 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए सभी मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी अपनी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भर दें। तभी 30 नवंबर को डीओपीटी की तरफ से बैंस के रिटायरमेंट के दिन एक्सटेंशन के आदेश जारी किए गए।
जैन को इसलिए ना कहा
1989 बैंच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है। वह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव है। जैन के पास प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी है। यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसलिए पीएमओ ने जैन को एमपी भेजने से मना कर दिया।
इकबाल सीएम के भरोसेमंद
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इकबाल सिंह बैंस सीएम शिवराज के भरोसेमंद अधिकारी है। वह शिवराज के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनके साथ है। चुनावी साल में किसी दूसरे अधिकारी के सीएस बनने पर काम काज समझने में ही समय लगता। ऐसे में लिमिट ऑर्डर क्या है? सीएम किसी दूसरे पर भरोसा नहीं कर सकते। यहीं वजह है कि उन्होंने इकबाल सिंह बैंस का प्रस्ताव केंद्र को भेजा।
विस्तार
मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर अगले 6 महीने तक इकबाल सिंह बैंस ही रहेंगे। बैंस 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे और उसी दिन उनके एक्सटेंशन के आदेश केंद्र सरकार ने जारी किए हैं। अब बैंस 30 मई 2023 तक सीएस रहेंगे।
मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव रहते एक्शटेंशन पाने वाले 1985 बैंच के आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस चौथे अधिकारी है। इससे पहले आरपी कपूर, आर परशुराम और बीपी सिंह को भी 6-6 माह का एक्सटेंशन मिल चुका है। हालांकि जानकारों का कहना है कि अभी तक सीएस के रिटायरमेंट के 15 दिन पहले ही नए सीएस या मौजूदा सीएस के कार्यकाल बढ़ने के आदेश हो जाते थे, इस बार पहली बार रिटायरमेंट के दिन कार्यकाल बढ़ाने के आदेश हुए है। इसको लेकर अब चर्चा भी तेज हो गई है।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने पहले अपना कार्यकाल बढ़ाने को लेकर स्वीकृति नहीं दी थी। इसके बाद 1989 बैंच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन का नाम प्रबल दावेदारों में सबसे आगे आया। इसकी वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इकबाल सिंह बैंस की तरह अनुराग जैन का भरोसेमंद अधिकारी होना था। बैंस और जैन साथ में सीएम के साथ काम कर चुके हैं। जैन ने भी एमपी आने से मना नहीं किया। इसके बाद सीएम और अनुराग जैन की दो बार बैठक भी हो चुकी है। लेकिन पीएमओ से जैन को वापस एमपी भेजने को हरी झंडी नहीं मिली।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने दोबारा बैंस से बात कर उनके एक्सटेंशन का प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया, लेकिन डीओपीटी में उनका प्रस्ताव अटक गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली जाकर बात की। इसके बाद भी सीएस को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ।
इधर रिटायरमेंट के एक दिन पहले तक कोई आदेश नहीं होने पर मौजूदा सीएस ने बुधवार को अपनी सभी बैठकें रद्द कर दी थी। इस बीच 24 नवंबर का एक आदेश भी सामने आया, जिसमें सभी आईएएस अधिकारियों को लिखा गया कि बैंस 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए सभी मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी अपनी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भर दें। तभी 30 नवंबर को डीओपीटी की तरफ से बैंस के रिटायरमेंट के दिन एक्सटेंशन के आदेश जारी किए गए।
जैन को लिमिट ऑर्डर क्या है? इसलिए ना कहा
1989 बैंच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है। वह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव है। जैन के पास प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी है। यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसलिए पीएमओ ने जैन को एमपी भेजने से मना कर दिया।
इकबाल सीएम के भरोसेमंद
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इकबाल सिंह बैंस सीएम शिवराज के भरोसेमंद अधिकारी है। वह शिवराज के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनके साथ है। चुनावी साल में किसी दूसरे अधिकारी के सीएस बनने पर काम काज समझने में ही समय लगता। ऐसे में सीएम किसी दूसरे पर भरोसा नहीं कर सकते। यहीं वजह है कि उन्होंने इकबाल सिंह बैंस का प्रस्ताव केंद्र को भेजा।
मार्केट ऑर्डर या लिमिट ऑर्डर में से कौन सा लगाना चाहिए?
आज हम लोग बात करने वाले लिमिट ऑर्डर/Limit Order व मार्केट ऑर्डर/Market Order के बारे में. इनमें से कौन सा आर्डर हमको लगाना चाहिए किस आर्डर को लगाने पर हमारा फायदा होगा और किस आर्डर लगाने पर हमारा नुकसान कौन सी कंडीशन पड़ा तो बगैर आपका समय बर्बाद कि चलिए आर्टिकल को शुरू करते हैं.
लिमिट ऑर्डर क्या होता है?
लिमिट ऑर्डर के अंदर हम लोग एक प्राइस की लिमिट लगा देते हैं जब मार्केट को सरप्राइज पर जाता है तब वह आर्डर प्लेस हो जाता है.
अर्थात आपने प्राइस ₹100 का लगाया परंतु अभी वह शेयर का भाव ₹101 चल रहा है तो जब वह शेयर का प्राइस ₹100 आ जाएगा तब ऑटोमेटेकली आर्डर प्लेस हो जाएगा और आपके शेयर खरीद/बिक जायेंगे.
मार्केट ऑर्डर क्या होता है?
मार्केट होटल के अंदर जो भी मार्केट का भाव चल रहा होता है उसी भाव के ऊपर वही शेयर अभी के अभी ही खरीद जाता है. चाहे भाव ऊपर चल रहा हूं चाहे भावनी चलाओ जितना भी चल रहा होगा अभी के अभी उस शेयर को खरीद लिया जाएगा या बेच दिया जाएगा.
अगर अभी मार्केट का लिमिट ऑर्डर क्या है? भाव ₹101 चल रहा है तो ₹101 पर ही वही शेयर खरीद जाएगा और अगर भाव हल्का से नीचे चला जाता है मार्केट के टाइम पर या ऊपर चला जाता है तो उस प्राइस पर भी शेयर खरीद जा सकता है.
मार्केट ऑर्डर या लिमिट ऑर्डर में से कौन सा लगाना चाहिए?
जैसा कि हम लोगों ने जाना कि मार्केट और अनलिमिटेड क्या होता है जिसके चलते मैंने जो रियल मार्केट के अंदर एक्सपीरियंस किया है. उसके हिसाब से लिमिट ऑर्डर ही सही होता है क्योंकि हमको पता होता है.
जब इस भाव पर आएगा तभी खरीदेगा लेकिन अगर हम लोग मार्केट ऑर्डर लगाते हैं तो कभी-कभी बहुत ज्यादा ऊंचे दामों पर भी प्रो कर उस शेयर को खरीद लेता है क्योंकि उसमें लिमिट नहीं लगी होती.
क्योंकि ब्रोकर को अपना फायदा बनाना है अगर उसको वह शेयर सस्ते में मिल रहा है तो वह आपको तब भी थोड़ा बहुत ऊंचे दाम पर देगा अगर आपने मार्केट ऑर्डर नहीं लगाया होगा यह अनुभव मैंने मार्केट में.
अगर आप Swing Trading करते हैं तो आपके लिए लिमिट ऑर्डर से अच्छा रामबाण उपाय नहीं है. क्योंकि इसके अंदर हम लोगों को 5, 10, 15 दिन के लिए शेयर को होल्ड करना होता है.
जिसके चलते हमारे पास टाइम ही टाइम होता है इसलिए हमको परेशान नहीं होता हम लिमिट आर्डर लगा कर आसानी से उस आर्डर को कंप्लीट कर सकते हैं.
अगर आप इंट्राडे या ऑप्शन करते हैं तो आपके लिए मार्केट ऑर्डर थोड़ा ठीक हो सकता है क्योंकि आपको कभी-कभी इतना अच्छा मूवमेंट अचानक से मिल जाता है कि आप मार्केट आर्डर पर भी बाय करना चाहते हैं जिससे एक भी सेकंड की देरी ना होने पाए और मेरा मौका ना.
क्योंकि आप फटाफट आर्डर को कंप्लीट करना चाहते हैं और उस पोजीशन को कंफर्म करना चाहते हैं. अगर ऐसी कंडीशन आपकी है तो आप मार्केट ऑर्डर ही हमेशा लगाएं.
अगर आपको ऐसी कोई भी जल्दबाजी या हड़बड़ाहट नहीं है तो आप लिमिट ऑर्डर की तरफ जा सकते हैं.
मार्केट ऑर्डर या लिमिट ऑर्डर मै से कौन में नुकसान है?
मेरे हिसाब से लिमिट आर्डर लगाने पर हम लोगों को ज्यादा फायदा होता है क्योंकि यही प्राइस को हम लोग डिसाइड कर लेते हैं जब भी प्राइस को डिसाइड कर लेते हैं इसका मतलब होता है आपकी जो risk to reward ratio है या trade planning है वह सब फेल नहीं होगी.
जिससे आपका स्टॉप लॉस या टारगेट स्विफ्ट नहीं होंगे तो इसी प्रकार मैं लिमिट ऑर्डर को ही अच्छा मानता हूं और इसी को उपयोग करता.
निष्कर्ष
अगर मैं अपनी सलाह की बात करूं तुम्हें हमेशा सलाह करता हूं कि आप लिमिट ऑर्डर ही लगाएं. क्योंकि लिमिट आर्डर लगाने से आपका कोई भी टारगेट और स्टॉपलॉस चेंज नहीं होते हैं जिसके चलते आपकी जो प्लानिंग होती है उसी प्लानिंग के हिसाब से सारी चीजें होती हैं.
मैं जब भी ट्रेडिंग करता हूं या स्विंग ट्रेडिंग करता हूं या इन्वेस्टमेंट करता हूं तो 90% केस में लिमिट ऑर्डर ही उपयोग करता हूं. जब मेरी आर्डर साइज लाखों में होती है 5 lakh उससे अधिक होती है तब मैं उस ट्रेड को मार्केट ऑर्डर में करता हूं वरना मैं हमेशा लिमिटेड ही करता हूं.
मैं आशा करता हूं यह आजकल आप को पढ़कर बहुत अच्छा लगा होगा अगर कोई भी आपका सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स के अंदर पूछ सकते हैं और इस आर्टिकल को शेयर करना ना भूलिए गा.
स्टॉप-लिमिट ऑर्डर क्या है?
स्टॉप-लिमिट ऑर्डर को समझने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे स्टॉप प्राइस और लिमिट प्राइस में तोड़ दिया जाए। स्टॉप प्राइस बस वह मूल्य है जो एक सीमा आदेश को ट्रिगर करता है, और सीमा मूल्य उस सीमा आदेश की विशिष्ट कीमत है जो ट्रिगर किया गया था। इसका मतलब यह है कि एक बार आपके स्टॉप की कीमत पूरी हो जाने के बाद, आपकी सीमा ऑर्डर तुरंत ऑर्डर बुक पर रख दी जाएगी।
हालांकि स्टॉप और लिमिट की कीमतें समान हो सकती हैं, यह कोई आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, यह आपके लिए स्टॉप प्राइस (ट्रिगर मूल्य) को सीमा मूल्य (बेचने के आदेशों के लिए) से थोड़ा अधिक या सीमा मूल्य (ऑर्डर खरीदने के लिए) से थोड़ा कम निर्धारित करने के लिए सुरक्षित होगा। इससे स्टॉप-लिमिट शुरू होने के बाद आपके लिमिट ऑर्डर के भर जाने की संभावना बढ़ जाती है।
इसका इस्तेमाल कैसे करें?
कहते हैं कि चलो आप सिर्फ 5 खरीदा BNB .००,१२,७६१ बीटीसी में क्योंकि आपको लगता है कि कीमत एक प्रमुख के करीब है समर्थन स्तर और संभावना यहां से बढ़ जाएगा।
इस स्थिति में, यदि आपकी धारणा गलत है, तो आप अपने नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप-लिमिट सेल ऑर्डर सेट कर सकते हैं, और मूल्य गिरना शुरू हो जाता है। ऐसा करने के लिए, अपने Binance खाते में लॉग इन करें और BNB / BTC बाजार पर जाएं। फिर स्टॉप-लिमिट टैब पर क्लिक करें और स्टॉप और लिमिट की कीमत तय करें, साथ ही बीएनबी की राशि बेची जाए।
इसलिए यदि आप मानते हैं कि 0.0012700 लिमिट ऑर्डर क्या है? बीटीसी एक विश्वसनीय समर्थन स्तर है, तो आप इस मूल्य के ठीक नीचे एक स्टॉप-लिमिट ऑर्डर सेट कर सकते हैं (यदि यह होल्ड नहीं होता है)। इस उदाहरण में, हम 0.0012490 बीटीसी पर स्टॉप प्राइस और 0.0012440 बीटीसी पर सीमा मूल्य के साथ 5 बीएनबी के लिए एक स्टॉप-लिमिट ऑर्डर सेट करेंगे।
जब आप BNB पर क्लिक करते हैं, तो एक पुष्टिकरण विंडो दिखाई देगी। सुनिश्चित करें कि सब कुछ सही है और प्रेसप्लस आर्डर की पुष्टि करें।
अपना स्टॉप-लिमिट ऑर्डर रखने के बाद, आपको एक पुष्टिकरण संदेश दिखाई देगा।
आप अपने खुले ऑर्डर देखने और प्रबंधित करने के लिए नीचे स्क्रॉल कर सकते हैं।
ध्यान दें कि स्टॉप-लिमिट ऑर्डर केवल तब ही रखा जाएगा जब स्टॉप प्राइस पहुंच गया हो, और लिमिट ऑर्डर तभी भरा जाएगा जब मार्केट प्राइस आपके लिमिट प्राइस तक पहुंच जाएगा। यदि आपका सीमा-आदेश ट्रिगर (स्टॉप प्राइस द्वारा) है, लेकिन बाजार मूल्य आपके द्वारा निर्धारित मूल्य तक नहीं पहुंचता है, तो सीमा आदेश खुला रहेगा। इसका मतलब यह है कि स्टॉप-लिमिट ऑर्डर लिमिट प्राइस (या बेहतर) पर खरीदने या बेचने के लिए लिमिट ऑर्डर बन जाएगा।
कभी-कभी आप ऐसी स्थिति में हो सकते हैं जहां कीमत बहुत तेज़ी से गिरती है, और आपका स्टॉप-लिमिट ऑर्डर बिना भरे हुए बीत जाता है। इस मामले में, आप व्यापार से जल्दी से बाहर निकलने के लिए बाजार के आदेशों की अपील कर सकते हैं ।
आपको इसका उपयोग कब करना चाहिए?
रोक-सीमा आदेश एक जोखिम प्रबंधन उपकरण के रूप में मूल्यवान हैं, और आपको इसका उपयोग महत्वपूर्ण नुकसान से बचने के लिए करना चाहिए। उल्लेखनीय रूप से, वे बेचने के आदेश देने के लिए भी उपयोगी हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब आपका ट्रेडिंग लक्ष्य पूरा हो जाए तो आप अपना मुनाफा ले लें। अपट्रेंड की शुरुआत के दौरान एक निश्चित प्रतिरोध स्तर के ख़त्म होने के बाद आप किसी संपत्ति को खरीदने के लिए स्टॉप-लिमिट खरीदने का आदेश भी दे सकते हैं ।
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