वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपायों के द्वारा कृषि‍ उत्‍पादन और उत्‍पादकता में वृद्धि‍ हुई, जि‍सके फलस्‍वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्‍त हुई । कृषि‍ में वृद्धि‍ ने अन्‍य क्षेत्रों में भी अधि‍कतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जि‍सके फलस्‍वरूप सम्‍पूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था में और अधि‍कांश जनसंख्‍या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मि‍लि‍यन टन का एक रि‍कार्ड खाद्य उत्‍पादन हुआ, जि‍समें सर्वकालीन उच्‍चतर रूप में गेहूँ, मोटा अनाज और दालों का उत्‍पादन हुआ । कृषि‍ क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रति‍शत प्रदान करता है ।

वाराणसी में कबाड़ व्यापारी का शव फंदे लटका मिला, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

वाराणसी में कबाड़ व्यापारी की हत्याकर शव को फंदे के सहारे दुकान के बाहर लटका दिया गया. सूचना पर पहुंचे वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट (Varanasi Police Commissionerate) के डीसीपी गोमती विक्रांत वीर ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

वाराणसी: राजातालाब थाना (Rajatalab Police Station) क्षेत्र में एक कबाड़ दुकानदार की हत्या कर दी गई. शव कार की सीट बेल्ट के फंदे के सहारे टिनशेड से लटका मिला. सूचना पर पहुंची पुलिस, डॉग स्क्वायड टीम और डीसीपी गोमती जोन विक्रांत दुबे भी मौके पर पहुंच गए. परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है.

बता दें कि राजातालाब थाना के कबाड़ व्यापारी दिलीप गुप्ता (25) अपने चाचा संतोष के साथ मिलकर कबाड़ का व्यापार करते थे. बुधवार सुबह संतोष को अपनी कबाड़ की दुकान में खड़े वाहनों को कहीं भेजना था. इसलिए वह सुबह सुबह जल्दी दुकान पहुंच गए. जब वह दुकान पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. दुकान में ही उनके भतीजे दिलीप का शव फंदे के सहारे लटका हुआ था. इस पर उन्होंने शोर मचाया और तत्काल घटना की जानकारी परिजनों को दी. परिजनों ने आरोप लगाया कि दिलीप को बुरी तरह मार-पीटकर फंदे से लटका कर उसकी हत्या कर व्यापारी टिप्पणी दी गई है.

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों व्यापारी टिप्पणी के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इति‍हास

ऐति‍हासि‍क रूप से भारत एक बहुत वि‍कसि‍त आर्थिक व्‍यवस्‍था थी जि‍सके वि‍श्‍व के अन्‍य भागों के साथ मजबूत व्‍यापारि‍क संबंध थे । औपनि‍वेशि‍क युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रि‍टि‍श भारत से सस्‍ती दरों पर कच्‍ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्‍य मूल्‍य से कहीं अधि‍क उच्‍चतर कीमत पर बेचा जाता था जि‍सके परि‍णामस्‍वरूप स्रोतों का द्धि‍मार्गी ह्रास होता था । इस अवधि‍ के दौरान वि‍श्‍व की आय में भारत का हि‍स्‍सा 1700 ए डी के 22.3 प्रति‍शत से गि‍रकर 1952 में 3.8 प्रति‍शत रह गया । 1947 में भारत के स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात अर्थव्‍यवस्‍था की पुननि‍र्माण प्रक्रि‍या प्रारंभ हुई । इस उद्देश्‍य से वि‍भि‍न्‍न नीति‍यॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्‍यम से कार्यान्‍वि‍त की गयी ।

व्यापारी टिप्पणी

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वीजा पर टिप्पणियों के कारण भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता टूटने के कगार पर: रिपोर्ट

लंदन, 12 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन द्वारा वीजा पर की गई टिप्पणियों से भारत सरकार के नाराज होने के बाद भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कथित तौर पर टूटने की कगार पर है। ब्रिटेन की एक मीडिया रिपोर्ट ने बुधवार को यह दावा किया गया।

‘द टाइम्स’ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत ब्रेवरमैन द्वारा की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणी से ‘हैरान और निराश’ है। मंत्री ने एफटीए के तहत भारत के लिए ‘खुली सीमाओं’ की पेशकश किए जाने पर चिंता जताई थी।

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए के लिए इस साल दिवाली की समयसीमा तय की थी। हालांकि, अब इस समय तक समझौता होने की संभावना कम होती जा रही है।

समाचार पत्र ने एक सूत्र के हवाले से कहा, ‘‘अभी भी काफी सद्भाव है, लेकिन (ब्रिटेन) सरकार में शामिल कुछ व्यक्ति अभी भी बने रहे, तो यह बातचीत टूट सकती है।’’

थोक व्यापार या विक्रेता, अर्थ, परिभाषा व्यापारी टिप्पणी विशेषताएं, कार्य

विलियम जे. स्‍टाण्‍टन के अनुसार,'' थोक व्‍यवसाय के अन्‍तर्गत उन लोगों को उत्‍पाद या सेवाओं का विक्रय करना और उसमें प्रत्‍यक्ष रूप से सम्‍बन्धित सभी क्रियाओं को करना सम्मिलित है जो पुनविक्रय या व्‍यावसायिक प्रयोग के उद्धेश्‍य से खरीदते है।''

सेन्‍सस ब्‍यूरो आफ अमेरिका के शब्‍दों में,'' सभी व्‍यापारी, प्रतिनीधि संगहकर्ता,जो एक और उत्‍पादकों के माध्‍य और दूसरे और फुटकर व्‍यापारियों अथवा उपयोगकर्ता के बिच मध्‍यस्‍थता व्यापारी टिप्पणी करते है थोक संस्‍थान कहलाते है।''

लिप्‍सन एवं डॉर्लिग के शब्‍दों में,'' थोक विक्रेता वह मध्‍यस्‍थ है जिसके ग्राहक व्‍यावसायिक उद्धेश्‍य से लाभर्जन से प्रेरित होकर व्यापारी टिप्पणी व्यापारी टिप्पणी माल क्रय करते है।''

मैसन एवं रथ के अनुसार,'' एक व्‍यक्ति या फर्म जो वस्‍तुएं क्रय करती है और फिर उन्‍हें या तो फुटकर विक्रेताओं या उपभोक्‍ताओं को पुन: बेचने के लिए अथवा व्‍यावसायिक फर्मो को औधोगीक अथवा व्‍यावसायिक उपयोग के लिए विक्रय करती है थोक विक्रेता कहलाती है।''

थोक व्‍यापारी या विक्रेता की विशेषताएं

थोक व्‍यापार की विशेषताएं इस प्रकार है--

1. थोक व्‍यापार की आर्थिक स्थिति बहुत सुद्रढ होती है।

2. थोक वितरण में थोक व्‍यापारियों के लाभ का प्रतिशत बहुत ही कम ही होता है।

3. थोक व्‍यापार वस्‍तुओं के विपणन में सहायता प्रदान कर मांग व पूर्ति में समानता बनाये रखता है।

4. थोक व्‍यापारि के लिए दुकान की स्थिति और सजावट को विशेष महत्‍व होता है यह थोक व्‍यापार की चौथी विशेषता व्यापारी टिप्पणी है।

5. थोक व्‍यापारी निर्माताओं और उत्‍पादकों से बहुत अधिक मात्रा में माल खरीदते है।

6. थोक व्‍यापारियों के आर्थिक साधन होने की वजह से निर्माताओं से नकद माल खरीदते है इसके बाद फुटकर व्‍यापारियों को उधार माल बेचते है।

7. थोक व्‍यापारी न तो उतपादक है और न ही निर्माता और न ही वह फुटकर विक्रेता है उसकी स्थिति इन दोनों के बीच मध्‍यस्‍थ की है।

थोक व्‍यापारी या विक्रेता के कार्य

थोक व्‍यापारी के कार्य इस प्रकार है--

1. वस्‍तुओं को एकत्रित करना

थोक व्‍यापारी अलग-अलग निर्माता या उत्‍पादकों से उच्‍चय कोटी की वस्‍तुओं को मांगकर उनको एक केन्‍द्रीयकरण करते है।

2. मूल्‍य निश्चित करना

थोक व्‍यापार में मांग एवं पूर्ति में समानता बनाकर मूल्‍य निश्चित कि‍या जाता है।

थोक व्‍यापारियों के द्वारा वस्‍तुओं को मांग से पहले ही एकत्रित कर उसे कुछ समय तक सुरक्षित रखने का कार्य करना पडता है जब तक की फुटकर विक्रेताओं द्वारा उनके क्रय नही कर लिया जाता है।

थोक व्‍यापार में फुटकर विक्रेताओं को माल ले जाने के लिए परिवहन की सुविधाओं को उपलब्‍ध कराने का कार्य भी थोक व्‍यापारी करते है।

5. सूचनाएं देना

ग्राहको व वस्‍तुओं के बारे में विभिन्‍न सुचनाओं को एकत्रित कर उनको उत्‍पादकों एवं फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचाने का कार्य भी थोक व्‍यापार के अन्‍तर्गत कि‍या जा सकता है।

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