अगर आप ट्रेडिंग की शुरुवात करना चाहते है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसका इस्तेमाल में पिछले 5 साल से कर रहा हूँ
ट्रेडिंग क्या है और ट्रेडिंग कैसे सीखे 2022 में | Trading Kya Hai
Trader Kaise Bane : आज बहुत से युवा Share Market और Trading में अपनी दिलचस्वी दिखा रहे है और बहुत से युवा को शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर भी बनाने में दिलचस्वी दिखा रहे है, वैसे में बात आती है ट्रेडिंग के प्रॉपर जानकारी की आज के इस लेख में हम यही जानेंगे की शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर कैसे बनाये
बहुत से युवा को इस Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? क्षेत्र के बारे में जानकारी ही नहीं है एक रिपोर्ट अनुसार इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले की काफी कमी है ट्रेडिंग बहुत से लोगो को लगता है यह एक गेमलिंग है, जुआ है इसमें पैसा लगाने पर डूब जाते है अगर आप अपने घर में अपना पापा, मम्मी या किसी अन्य व्यक्ति से ट्रेडिंग के बारे में पूछते है तो आपको यही सलाह देते है ट्रेडिंग एक जुआ है इसमें अच्छा तुम अपना पैसा FD में इन्वेस्ट करो इसमें कोई रिस्क Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? नहीं है पर उनको कौन समझाए ,FD तो बस एक पानी का बून्द है और ट्रेडिंग समुन्द्र जहां जितना चाहो उतना पैसा कमा सकते हो लेकिन प्रॉपर स्किल के साथ तो चलिए में आज आपको Trading Kya Hai से जुडी पूरी जानकारी देता हूँ की Trading Kaise Sikhe, Professional Trader Kaise Bane, ट्रेडिंग से कैसे लॉन्ग टर्म तक पैसे कमाए, ट्रेडिंग के लिए बेस्ट कोर्स कौन से है, ट्रेडिंग बुक और ऐसे ही बहुत सारे जानकारी आज के इस लेख में आप जानेंगे तो चलिए बिना देर किये शुरू करते है
ट्रेडिंग क्या है? (Trading Kya Hai)
ट्रेडिंग को आसान शब्दों में कहे तो किसी प्रोडक्ट या सेवा को कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना ट्रेडिंग कहलाता है, ट्रेडिंग का मतलब किसी स्टॉक की खरीदना और बेंचना भी ट्रेडिंग कहलाता है ट्रेडिंग का मुख्य मकशद कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना
स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को मुख्य चार भागो में विभाजित किया गया है
- स्कल्पिंग ट्रेडिंग
- इंट्राडे ट्रेडिंग
- स्विंग ट्रेडिंग
- पोसिशनल ट्रेडिंग
स्कल्पिंग ट्रेडिंग : वह ट्रेड जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए ट्रेड किया जाता है इस टाइप की ट्रेडिंग काफी रिस्की होती है इस ट्रेडिंग को करने के लिए काफी एकग्रता की आवश्यकता है इस ट्रेड को अधिकतर प्रोफेशनल ट्रेडर ही ट्रेड करते है
इंट्राडे ट्रेडिंग : यह टाइप ट्रेडिंग एक दिन के लिए किया जाता है अर्थात वह ट्रेडर जो मार्किट खुलने के बाद ट्रेड करते है और मार्किट क्लोज होने से पहले बंद करते है इस तरह के ट्रेडिंग में रिस्क काम होता है.
ट्रेडर बनने के लिए पहले आपके पास बेसिक स्किल होना अति आवश्यक है जैसे शेयर मार्किट क्या है? और शेयर मार्किट में कैसे इन्वेस्ट किया जाता है उसके बाद ट्रेडिंग क बारे में भी कुछ जानकारी होनी चाहिए जैसे ट्रेडिंग त्रादंग कितने प्रकार के होते है और ट्रेड कैसे किया जाता है.
ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास पहले एक डीमैट अकाउंट होना अतिआवश्यक है जिस प्रकार बैंक में पैसा जमा निकाशी के लिए सेविंग और करंट अकाउंट खुलवाते है उसी प्रकार शेयर मार्किट में निवेश और ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट क आवश्यकता होती है.
डीमैट खाता आप अपने घर से बस 5 मिनट में अपना अकाउंट बना सकते है ऐसे बहुत सरे मार्किट में ब्रोकर है जो डीमैट खाता खोलते है जैसे उपस्टेक्स, एंजेल वन , ग्रो और बहुत सारे
अगर अपने अभी तक अपना डीमैट खाता नहीं खोला है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसकी सर्विस काफी अच्छी होने के साथ इसका इंटरफ़ेस इंटरफ़ेस यूजर फ्रेंडली है इसका इस्तेमाल में करीब 5 साल से कर रहा हूँ.
Introduction
अगर आप Stock market में इंटरेस्ट रखते हो या Stock market सिखना चाहते हो,तो Investment और Trading के बारे में अपको मालूम होना चाहिए.
बहुत सारे लोगों को Trading और Inveatment का मतलब एक ही लगता है,मगर Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? ऐसा नहीं है,दोनों में काफी फर्क है.तो आज की आर्टिकल में हम इन्हीं दोनों के फर्क को समझने वाले हैं.
What Is Trading In Hindi ?(Trading Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती हTrading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? ै? किसे कहते है ?)
Stock market में आप Trading से बहुत ज्यादा पैसा कमा सकते हो.क्युकी यहां Profit कमाने की कोई limit नहीं है.
लेकिन एक बात याद रखना Trading में बहुत ज्यादा risk होता है.Trading में आप शेयर को Short Term के लिए Buy करते हो.
Short Term के लिए Buy करना मतलब 1 साल या 1 साल से कम टाइम तक अपने पास वो शेयर Hold करके रखना.अब उस शेयर को Trader अपने पास,
- 1 Min के लिए,
- 1 week के लिए,
- एक महिन के लिए,
- 6 महिने के लिए,
- या ज्यादा से ज्यादा एक साल के लिए अपने पास hold करके रख सकता है.
Types Of Trading In Hindi (Trading के प्रकार)
मैने आपको उपर पहिले ही कहा था,की Trading एक Short Term Investment होती है.इसलिए,
Scalp Trading
अगर कोई Trader कुछ मिनिट के लिए Share को Buy करके अपने पास रखेगा और उसे बाद में तुरंत Sell कर देगा तो उसे Scalp trading कहा जायेगा.
Intraday Trading
वहीं अगर कोई Trader सिर्फ एक दिन के लिए shares को Buy और Sell करेगा,तो उसे Intraday trading कहा जायेगा.
Swing Trading
Trader अगर कुछ दिनों के लिए,या कुछ हफ्तों के लिए Shares को Hold पे रखता है और बाद में उसे sell करता है, तो उसे Swing Trading कहेंगे.
Position Trading
अगर कोई Trader किसी Shares को कुछ महीने के लिए अपने पास Hold करके रखता है,तो उसे Position Trading कहेंगे.
कितने प्रकार के स्प्रेड उपलब्ध हैं?
ब्रोकर प्राय फिक्स्ड और फ्लोटिंग स्प्रेड खाते उपलब्ध कराते हैं।
एक फिक्स्ड स्प्रेड खाते के साथ, सभी वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स पर एक स्प्रेड तय किया जाता है, और बाजार की अस्थिरता से यह प्रभावित नहीं होती है। इस मामले में, एक ट्रेडर जानता है कि भले ही बाजार में परिस्थिति बदल जाए, वह खुले ट्रेडों के लिए वही निर्धारित स्प्रेड का भुगतान करेगा। इसलिए, यह खाता प्रकार प्रक्रिया की पूर्वानुमेयता प्रदान करता है और इसे सरल बनाता है। नौसिखिए ट्रेडरों के बीच इसकी लोकप्रियता का यह प्रमुख कारण है क्योंकि वे बाजार की परिस्थितियों के एक निश्चित वातावरण में ट्रेडिंग सीख सकते हैं।
हालांकि, प्राय, फिक्स्ड स्प्रेड औसतन व्यापक होते हैं। इसलिए, एक ट्रेडर के लिए बाजार की परिस्थितियों को निर्धारित करने से उच्च लेनदेन लागत आ सकती है।
फ्लोटिंग स्प्रेड खाते में, वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स की कीमतें वास्तविक समय में बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन होते हैं। इस मामले में, उसी इंस्ट्रूमेंट पर कुछ सेकंड बाद में ट्रेड खोलना निर्धारित स्प्रेड प्रदान नहीं करेगा। बाजार की अस्थिरता के अधीन, ट्रेडरों के पास कम अनुमान-योग्य वातावरण उपलब्ध होता है, और इसलिए, प्रत्येक को अधिक सटीक और ट्रेडों को अच्छी तरह से समय देना होता है। इसलिए अनुभवी ट्रेडरों के लिए फ्लोटिंग स्प्रेड खाते अधिक आकर्षक होते हैं।
मध्य मूल्य, Olymp Trade में कोई स्प्रेड नहीं
Olymp Trade का प्लेटफॉर्म आस्क और बिड के आधार पर काम नहीं करता है। इसके बजाय, एक मध्य मूल्य होता है, जो दोनों के बीच एक औसत है।
एक ओर, यह चार्ट को समझने में सहज बनाता है। आस्क और बिड मूल्य के बीच अब कोई भ्रम नहीं होता है।
दूसरी ओर, इसमें लेनदेन लागत के मुद्दे को भी सुलझाता है। स्प्रेड के बजाय, प्रत्येक ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट पर निश्चित कमीशन होता है। ओवरनाइट शुल्क के साथ, ये सभी Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर कमीशन हैं।
इसलिए, इस पद्धति के साथ, ट्रेडरों के पास कम लेनदेन लागत सहित एक पूर्वानुमानित और स्पष्ट ट्रेडिंग वातावरण उपलब्ध होता है। प्रभावी रूप से, यह पद्धति ट्रेडरों को स्प्रेड-युक्त खतों की कमियों के बिना इसमें निहित लाभ प्रदान करता है।
निष्कर्ष
स्प्रेड आस्क और बिड कीमतों के बीच का अंतर होता है। यह फिक्स्ड या फ्लोटिंग हो सकता है। फिक्स्ड एक निर्धारित अनुमान-योग्य होता है लेकिन इसमें अधिक खर्च हो सकता है। फ्लोटिंग अधिक जोखिम दायक होता है लेकिन इसमें लागत कम होती है।
Olymp Trade मध्य-मूल्य के आधार पर ट्रेडिंग पेश करता है। स्प्रेड के बजाय, ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट्स पर कमीशन होते हैं। यह पद्धति लेन-देन की लागत को कम करता है और ट्रेडिंग के लिए पूर्वानुमेयता लाता है।
Olymp Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? Trade ग्राहक किसी भी विशिष्ट परिसंपत्ति पर सभी कमीशन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, उदाहरण के लिए, EUR/USD मुद्रा जोड़ी। Forex ट्रेडिंग के साथ-साथ हमारे प्लेटफॉर्म की अन्य ट्रेडिंग प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी हमेशा सहायता केंद्र से प्राप्त की जा सकती है। और, निश्चय ही, यदि आवश्यक हो, तो हमारी सहायता सेवा हमेशा आपकी सहायता के लिए उपलब्ध रहेगी।
ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के बारे मे पूरी जानकारी हिन्दी मे
आप अक्सर स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग के बारे मे सुनते रहते है, अनलाइन ट्रेडिंग करके लोग लाखों का मुनाफा कमाते है और कई लोगों को हजारों गवाते भी है तो आखिर ट्रेडिंग होता क्या है, शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे फर्क क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है और क्या ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाए जा सकते है आज आप इस लेख मे ट्रेडिंग से संबंधित सारे सवालों का जवाब पाएंगे।
Table of Contents
आप अक्सर स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग के बारे मे सुनते रहते है, अनलाइन ट्रेडिंग करके लोग लाखों का मुनाफा कमाते है और कई लोगों को हजारों गवाते भी है तो आखिर ट्रेडिंग होता क्या है, शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे फर्क क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है और क्या ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाए जा सकते है आज आप इस लेख मे ट्रेडिंग से संबंधित सारे सवालों का जवाब पाएंगे।
ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग का हिन्दी अर्थ व्यपार होता है अगर इसका मतलब विस्तार मे समझा जाए तो किसी वस्तु को कम दाम मे खरीदना और जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे बेचना ताकि लाभ हो सके
ठीक उसी प्रकार शेयर मार्केट मे शेयर या सेवा खरीदना और जैसे ही शेयर का दाम बढ़ जाए उसे बेच कर लाभ कमाने को ही हम शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग कहते है।
अब आप सोच रहे होंगे की इनवेस्टमेंट मे भी तो यही होता है लेकिन ट्रेडिंग इनवेस्टमेंट से बहोत अलग होता है।
ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे क्या अंतर होता है?
ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे बहोत अंतर होता है जैसे –
इनवेस्टमेंट मे हम शेयर को लंबे समय तक होल्ड करते है जैसे- 1 साल, 5 साल या 10 साल लेकिन ट्रेडिंग मे हम शेयर को बहोत काम Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? समय के लिए होल्ड करते है जैसे – 1 मिनट, 1 घंटा या कुछ महीने
इनवेस्टमेंट मे हम ध्यान से अच्छी कॉम्पनियों के शेयर खरीदते है क्युकी इनवेस्टमेंट मे हम शेयर को लंबे समय तक होल्ड करके रखते है लेकिन ट्रेडिंग मे कंपनी की विस्तार से जानकारी लिए बिना शेयर को खरीदते है क्युकी ट्रेडिंग मे हमे शेयर के दाम मे उतार चढ़ाव से मतलब होता है और जैसे ही शेयर का दाम बढ़ता है हम शेयर को बेच कर लाभ कमा लेते है।
ट्रेडिंग में क्या क्या आता है?
आपने अक्सर सुना होगा की शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज मे शेयर को खरीद और बेचकर ट्रेडिंग की जाती है लेकिन स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, म्युचअल फण्ड, कमोडिटी, डिबेंचर, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है लेकिन कोमोडिटी को ट्रेड करने का अलग स्टॉक एक्सचेंज है।
अनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रैडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा, क्या आपको पता है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है अगर नहीं पता तो हम बात दे ट्रेडिंग हमारे बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जैसे हम बैंक अकाउंट से पैसे लेन देन करते है उसी प्रकार से ट्रेडिंग अकाउंट मे हम शेयर को खरीदते और बेचते है।
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर की जरूरत पड़ेगी जैसे हम बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक जाते है ठीक उसी प्रकार लेकिन ट्रेडिंग Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? अकाउंट खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
क्या ट्रेडिंग करके रोज कमाया जा सकता है?
ट्रेडिंग करके रोज पैसे कमाए जा सकते है लेकिन यह आसान नहीं है अगर आप ट्रेडिंग करके कम समय मे ज्यादा पैसे कमा सकते है तो इसमे पैसे गवा भी सकते है।
ट्रेडिंग से लाभ कमाने के लिए आपको सबसे पहले हमे पैसों की जरूरत होगी क्युकी ट्रेडिंग मे आपको छोटे मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाने के लिए हमे ज्यादा शेयर खरीदने होंगे जिसके लिए हमे ज्यादा पैसों की जरूरत होगी।
पैसों के साथ-साथ आपको टेक्निकल अनलसिस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए तभी आप शेयर के दाम के पैटर्न को समझ सकेंगे और सही समय पर शेयर को खरीद और बेचकर अच्छा लाभ कमा पाएंगे।
ये सब सीखने के बाद आपको हानी मे बचाव के लिए स्टॉप लॉस के उपयोग को अच्छे से समझना होगा और ट्रेडिंग मे सबसे ज्यादा जरूरी लगातार अपनी गलतियों से सीखना और हार ना मानना क्युकी हर सफल ट्रेडर सफल तभी होता है जब वो लगातार अपनी गलतियों से सीखता है और अपने ट्रेडिंग को और बेहतर बनाता है।
शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ब्रोकरेज चार्जेस की गणना किस प्रकार की जाती है?
शेयर मार्केट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर की खरीद बेच होती है जिसके लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? अकाउंट का होना आवश्यक है परंतु हमें पता होना चाहिए कि हम सीधे तौर पर शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच नहीं कर सकते हैं इसके लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे ब्रोकर (Broker) कहा जाता है। ब्रोकर द्वारा हमें इंटरनेट पर एक ब्रोकिंग प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है जिसकी मदद से हम शेयर संबंधित लेन देन कर पाते हैं।
ब्रोकर(Broker) एक वित्तीय माध्यम बिचौलिया अथवा एजेंट होता है जिसके माध्यम से हम शेयर मार्केट में शेयर को खरीद बेच कर पाते हैं। ब्रोकर हमें विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे Stocks Futures तथा derivative की खरीद बेच में मदद करता है।
ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?
वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।
भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं
- Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
- Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब से ब्रोकर को शुल्क चुकाना पड़ता है।
ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?
ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है
- Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।
जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?
- Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
- Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
- Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
- Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
- GST (goods and service tax)Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
- SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
- DP( Depository Participants)
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 853