Arpita Mukherjee के फ्लैट से अब तक 21 करोड़ 20 लाख कैश, 79 लाख के गहने और 54 लाख की विदेशी मुद्रा जब्त ! कौन है अर्पिता ? यहां पढ़ें
कोलकाता :- एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में ED द्वारा गिरफ्तार किए गए राज्य के उधोग मंत्री व पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की 'करीबी' मॉडल, अभिनेत्री अर्पिता मुखोपाध्याय, इस समय पश्चिम बंगाल में सबसे चर्चित नामों में से एक है। 22 जुलाई की रात को ईडी ने अर्पिता के दक्षिण कोलकाता के फ्लैट से 21 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद किए।
अर्पिता के फ्लैट से अब तक क्या-क्या मिला
सूत्रों के मुताबिक अर्पिता के फ्लैट से कुल 21 करोड़ 20 लाख कैश बरामद हुआ है। इसके अलावा 79 लाख रुपये के आभूषण और 54 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा भी जब्त की गई है। इस राशि की संपत्ति को लेकर काफी शोर-शराबा हुआ है। अर्पिता के फ्लैट पर शुक्रवार शाम से पैसे गिनने की मशीन लाई गई। शनिवार दोपहर के बाद भी अर्पिता के फ्लैट पर नोटों की गिनती जारी है। इसके लिए बैंक से नोट गिरने वाली और मशीनें बनाई गई है। अर्पिता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
कौन है अर्पिता मुखर्जी, जो रातोरात सुर्खियों में आईं
ईडी सूत्रों के मुताबिक अर्पिता राज्य के उद्योग मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की 'करीबी' हैं। सोशल मीडिया पर दोनों की साथ में कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। अर्पिता मुखर्जी की पहली बंगाली फिल्म 'पार्टनर' 2008 में रिलीज हुई थी। उस फिल्म में टोलीबुड अभिनेता जीत थे। 2009 में अर्पिता मुखोपाध्याय ने प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ फिल्म 'मामा-वाघने' में अभिनय किया। उन्होंने उड़िया, मलयालम और दक्षिण की कई फिल्मों में भी अभिनय किया। अर्पिता कई विज्ञापनों का चेहरा भी रह चुकी हैं। वह पिछले साल नकटला उदयन संघ की दुर्गा पूजा का चेहरा थे। स्वाभाविक रूप से अर्पिता अपने शरीर और रूप-रंग को लेकर काफी सचेत रहती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर एक नजर डालने से पता चलता है कि वह फिटनेस को लेकर काफी जागरूक भी हैं।
पहले मॉडलिंग। उसके बाद 'नेल आर्ट' और फिर अभिनय। यह है अर्पिता मुखर्जी का प्रोफेशनल जर्नी। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने दावा किया है कि अर्पिता मंत्री पार्थ चटर्जी की 'करीबी सहयोगी' है। ईडी का दावा है कि अर्पिता की मुलाकात पार्थ से तब हुई थी जब वह एक्ट्रेस थीं। अर्पिता की मुलाकात पार्थ से 2011 में हुई थी।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर पर
नई दिल्ली: आर्थिक र्मोचे पर झटका देने वाली खबर है। लगातार दूसरे हफ्ते विदेशी मुद्रा के भंडार में गिरावट आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8 जुलाई को समाप्त हफ्ते में 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया है। इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 1.236 अरब डॉलर घटकर 39.186 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक 8 जुलाई को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया है जबकि एक जुलाई को समाप्त हफ्ते में यह 5.008 अरब डॉलर घटकर 588.314 अरब डॉलर रह गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में आई कमी से हुई है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा होता है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार घटने से भी विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक समीक्षाधीन हफ्ते में एफसीए 6.656 अरब डॉलर घटकर 518.089 अरब डॉलर रह गया। आंकड़ों के अनुसार आलोच्य हफ्ते में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 1.236 अरब डॉलर घटकर 39.186 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 12.2 करोड़ डॉलर घटकर 18.012 अरब डॉलर रह गया। इसी तरह आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 4.9 करोड़ डॉलर विदेशी मुद्रा मुद्रा पश्चिम बंगाल घटकर 4.966 अरब डॉलर रह गया है।
विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए एक समान बैंकिंग कोड लागू करने के लिए आदेश या निर्देश देने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट(High court) में सोमवार को दायर एक जनहित याचिका (PIL) में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांगे गए कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और इंस्टेंट मनी पेमेंट सिस्टम (IMPS) का इस्तेमाल भारतीय बैंकों में विदेशी धन जमा करने के लिए नहीं किया जाए। याचिका में यह निर्देश यह दावा करते हुए कि मांगे गए हैं कि यह आतंकवादियों और अन्य राष्ट्रविरोधी संगठनों को वित्त प्रदान करने का काम करेगा।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अनुच्छेद 226 के तहत जनहित याचिका दायर कर काले धन और बेनामी लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए एक समान बैंकिंग कोड लागू करने के लिए केंद्र को उचित रिट आदेश या निर्देश देने की मांग की।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वीजा के लिए आव्रजन (Immigration) नियम समान हैं, चाहे कोई विदेशी बिजनेस क्लास(Business class) में आए या इकोनॉमी क्लास(Economy class) में आए और चाहे वह एयर इंडिया या ब्रिटिश एयरवेज का उपयोग करता हो और यूएस(US) या युगांडा(Uganda) से आता हो। इसी तरह, विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए विदेशी बैंक शाखाओं सहित भारतीय बैंकों में जमा विवरण एक ही प्रारूप में होना चाहिए, चाहे वह चालू खाते (Current Account) में निर्यात भुगतान हो या बचत खाते में वेतन या चैरिटी के चालू खाते में दान या यूट्यूबर के खातों में सेवा शुल्क का भुगतान हो। मांग की गई है कि प्रारूप एक समान होना चाहिए चाहे वह वेस्टर्न यूनियन या नेशनल बैंक या भारत स्थित विदेशी बैंक द्वारा परिवर्तित किया गया हो।
याचिका में कहा गया है कि फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस सर्टिफिकेट यानी विदेशी आवक प्रेषण प्रमाणपत्र (एफआईआरसी) अनिवार्य रूप से जारी होना चाहिए और सभी अंतरराष्ट्रीय व भारतीय बैंकों को उसे भुगतान की लिंक एसएमएस से अवश्य भेजना चाहिए। यदि किसी खाते में विदेशी मुद्रा को रुपये में परिवर्तित कर राशि जमा की जाए तो उसकी सूचना इस तरह विदेशी मुद्रा मुद्रा पश्चिम बंगाल से देना चाहिए।
भारत में अंदरुनी रूप से आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीएस के जरिए एक खाते से दूसरे खाते में पैसा भेजने की अनुमति सिर्फ किसी व्यक्ति या कंपनी को ही दी जानी चाहिए, किसी अंतरराष्ट्रीय बैंक को इसकी इजाजत नहीं दी जाना चाहिए। इस घरेलू बैंकिंग टूल का इस्तेमाल सिर्फ घरेलू बैंक लेनदेन के लिए ही किया जाना चाहिए।
केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि जमाकर्ता और दराज का पूरा विवरण दिए बिना विदेशी मुद्रा लेनदेन नहीं किया जाए।(Wikimedia Commons)
याचिका में कहा गया है कि समस्या इस प्रकार है: मान लीजिए कि हजारों छात्र एक ही वर्दी में स्कूल में प्रवेश कर रहे हैं। दो आत्मघाती हमलावर भी उसी वर्दी में, उसी समय में स्कूल में प्रवेश करते हैं और सैकड़ों निर्दोष छात्रों को मारने के लिए दौड़ते हैं। इसी तरह से अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, नक्सलियों, माओवादियों, आतंकवादियों, देशद्रोहियों, धर्मांतरण माफियाओं और सिमी, पीएफआई आदि जैसे कट्टरपंथी संगठनों के खातों में विदेशी धन हस्तांतरित किया जा रहा है।
इसमें आगे कहा गया है कि केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि जमाकर्ता और दराज का पूरा नाम, पैन, एमडीएचएआर, मोबाइल और आधार विवरण दिए बिना विदेशी मुद्रा लेनदेन नहीं किया जाए। यह काले धन के मार्ग को ट्रैक करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने जनहित याचिका के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा कि इसी तरह, केंद्र को काले धन के उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, निमार्ताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए बिक्री के बिंदु पर इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (ईएफटीपीओएस) या मोबाइल फोन भुगतान प्रणाली (एमपीपीएस) को अनिवार्य बनाना चाहिए। लेकिन इसने आज तक उचित कदम नहीं उठाए हैं।
WEST BENGAL CRIME पश्चिम बंगाल: BSF ने 1.68 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा सहित 2 तस्करों को किया गिरफ्तार
Pic : @ANI Twitter
कोलकाता: बीएसएफ (BSF) के दक्षिण बंगाल के जवानों ने 8,50,000 सऊदी अरब रियाल (Saudi Arabian Riyal) के 500 के नोटों के 17 बंडल के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया। इन सऊदी अरब रियाल की भारतीय रुपयों में कीमत 1.68 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है। इन सभी रुपयों को तस्करी के माध्यम से भारत लाने का प्रयास विदेशी मुद्रा मुद्रा पश्चिम बंगाल चल रहा था। गिरफ्तार तस्कर और जब्त किए गए सामग्री सहित क़ानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस स्टेशन पेट्रोपोल के सौंप दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, सूत्रों अनुसार सूचना मिलने पर बीएसएफ के जवानों ने भारत-बांग्लादेश की सीमा अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक वाहन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान लगभग 13.20 बजे सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक संदिग्ध ट्रक (WB 23 A 8400) को बांग्लादेश से भारत आते देख उसकी तलाशी ली गई। संदिग्ध ट्रक की तलाशी के दौरान जवानों को ट्रक केबिन के अंदर ड्राइवर की सीट के नीचे से 09 पैकेट मिले, जिसे काफी अच्छे तरीके से पैकिंग किया गया था।
जब बीएसएफ की टीम ने यह पैकेट खोला तब इसके अंदर से 500-500 के सऊदी अरब रियाल के 17 बंडल मिले। जिसे ट्रक चालक अवैध तरीके से तस्करी के माध्यम से बांग्लादेश से भारत में ला रहे थे जवानों ने जब्त विदेशी मुद्रा के सभी पैकेट समेत ट्रक को जब्त कर लिया और ट्रक चालक (तस्कर) और क्लीनर को भी हिरासत में ले लिया है।
पुलिस ने बताया कि, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह भारतीय नागरिक है और बनगांव का रहने वाला है। उसका नाम बाकि बिल्ला शाह है और वह ट्रक ड्राइवर है। आरोपी ‘इनलैंड & फैक्टो’ ट्रांसपोर्ट का निर्यात का माल लेकर नियमित तौर पर बांग्लादेश जाते रहता है। 12 अगस्त को आरोपी निर्यात का माल (कपड़ा) लेकर बांग्लादेश गया था और आज वह साथी साहिन हुसैन मंडल (क्लीनर ) के साथ कार्गो गेट से खाली गाड़ी लेने बेनापोल (बांग्लादेश) पार्किंग गया था।
जहां उसे सुबह 11.30 बजे अब्दुल नाम के एक बांग्लादेशी व्यक्ति ने बेनापोल पार्किंग में संदिग्ध पैकेट दिया और इसे भारत में नईमुद्दीन मंडल नाम के एक व्यक्ति को देने को कहा। जिसके बदले आरोपी को प्रति पैकेट 300 रुपये मिलने वाले थे, लेकिन आईसीपी पार करने से पहले ही बीएसएफ ने उसे वाहन चेकिंग के दौरान संदिग्ध पैकेट (सऊदी अरब रियाल) के साथ उन्हें हिरासत में ले लिया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया है कि, बीएसएफ के ख़ुफ़िया विभाग मामले की जांच कर रहा है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है की इसके पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ तो नहीं।
बंगाल में डेयरी क्षेत्र में बहुत संभावना : अमूल
डेयरी किसानों को संगठित कर और दुग्ध खरीद प्रक्रिया को बेहतर बनाने के जरिये राज्य में दूध की मांग पूरी की जा सकती है.
अमूल पहले ही यहां 17 एकड़ में एक केंद्रीयकृत प्रसंस्करण संयंत्र लगाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसे वह पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम के हावड़ा स्थित संकरेल फूड पार्क में स्थापित करेगी. सोढ़ी ने कहा, 'हमारा संयंत्र अगले एक साल में तैयार हो जाएगा.' प्रस्तावित संयंत्र में आम दूध के अलावा योगर्ट, यूएसडी दूध और घी का उत्पादन किया जाएगा.
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