Forex Reserve: फिर घटा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर तक नीचे आया

Forex Reserve: एक तरफ भारतीय करेंसी रुपये की लगातार गिरावट चिंता बढ़ा रही है, वहीं दूसरी तरफ देश का घटता विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई से लेकर सरकार की परेशानी बढ़ा रहा है.

By: ABP Live | Updated at : 28 Oct 2022 05:58 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

Forex Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) लगातार घटता जा रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के लिए ये बड़ी चिंता का विषय भी है. आज आरबीआई ने डेटा जारी करके बताया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल से ज्यादा के निचले स्तर तक चला गया है. देश की करेंसी रुपये की गिरावट इसकी बड़ी वजह भी है और फॉरेन करेंसी ऐसेट्स भी घटे हैं.

कितना हो गया देश का विदेशी मुद्रा भंडार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है. ये इसका 2 साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है. आरबीआई ने डेटा जारी करके बताया है कि रुपये की लगातार गिरावट को थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी जा रही है.

स्पॉट फॉरेक्स रिजर्व में भारी गिरावट

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स्पॉट फॉरेक्स रिजर्व जो पिछले साल सितंबर में 642.45 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, अब ये गिरकर 117.93 अरब डॉलर पर आ गया है. इसकी भारी गिरावट इस बात का इशारा कर रही है कि आर्थिक मोर्चे पर सब कुछ स्वर्णिम काल जैसा अच्छा नहीं है.

रुपये की गिरावट है बड़ा कारण

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट का कारण है कि देश की करेंसी रुपया लगातार निचले स्तरों पर जा रहा है जिसको थामने के लिए आरबीआई को अपने खजाने से और डॉलर की बिकवाली करनी पड़ सकती है. इसके चलते फॉरेक्स रिजर्व और घटेगा.

फॉरेन करेंसी ऐसेट्स की कमी का है असर

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के पीछे वजह ये भी है कि यहां फॉरेन करेंसी ऐसेट्स तेजी से घट रहे हैं और इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर देखा जा रहा है. चिंता करने वाली बात ये भी है कि पिछले 12 में से 11 हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट ही दर्ज की गई है और ये आंकड़ा देश के खजाने की विकट स्थिति को बढ़ा सकता है.

फॉरेन करेंसी ऐसेट्स और गोल्ड रिजर्व के आंकड़े जानिए

फॉरेन करेंसी ऐसेट्स को देखें तो 21 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में ये 3.59 अरब डॉलर घटकर 465.08 अरब डॉलर पर आ गए हैं. इसके अलावा गोल्ड रिजर्व 247 लाख डॉलर से घटकर 37.21 लाख डॉलर पर आ गया है.

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Published at : 28 Oct 2022 05:42 PM (IST) Tags: forex reserve foreign currency foreign currency reserve हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Forex Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों के निचले स्तर पर, जानिए देश में गोल्ड रिजर्व कितना बचा?

Forex Reserve: दो सितंबर विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी को खत्म हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इस हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के सभी घटकों में गिरावट दिखी। सबसे ज्यादा कमी फॉरेन करेंसी असेट में दिखी।

डॉलर और यूरो

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में साप्ताहिक आधार पर 7.941 अरब डालर की कमी आई है। अगस्त के महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने बड़ी मात्रा में डॉलर बेचे हैं जिसके कारण देश के विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी दर्ज की गई है।

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इस हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के सभी घटकों में गिरावट दिखी। सबसे ज्यादा कमी फॉरेन करेंसी असेट में दिखी। आरबीआई की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 553.105 अरब डॉलर रह गया। इसमें पिछले हफ्ते की तुलना में 7.941 अरब डॉलर की कमी आई। इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था।

बता दें कि देश में दो सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेश मुद्रा भंडार 09 अक्टूबर 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर था। इस हफ्ते के दौरान एफसीए (Foreign Currency Assets) में 6.527 अरब डॉलर की गिरावट आई और यह 492.117 अरब डॉलर पर रहा। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक एफसीए ही होता है। इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हुफ्ते के दौरान एफसीए 498.645 अरब डॉलर था।

दो सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश के गोल्ड रिजर्व में 1.339 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह 38.303 अरब डॉलर रहा। वहीं दूसरी ओर एसडीआर में साप्ताहिक आधार पर पांच अरब डॉलर की गिरावट दिखी और यह 17.782 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आईएमएफ में देश का रिजर्व पोजिशन 2.4 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 4.902 अरब डॉलर रहा।

बता दें कि बीते छह सितंबर को जेफरीज नामक एजेंसी ने अपनी ओर से जारी एक नोट में कहा था कि भारत को अपने विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इस नोट में यह भी कहा गया है कि भारत का व्यापार घाटा बीते कुछ समय में अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह चालू खाते का घाटा (CAD) भी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3.5 फीसदी पर है जो एक दशक के उच्चत्म स्तर की ओर बढ़ रहा है।

विस्तार

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में साप्ताहिक आधार पर 7.941 अरब डालर की कमी आई है। अगस्त के महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने बड़ी मात्रा में डॉलर बेचे हैं जिसके कारण देश के विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी दर्ज की गई है।

23 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा विदेश मुद्रा भंडार

फॉरेक्स

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी 23 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इस हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के सभी घटकों में गिरावट दिखी। सबसे ज्यादा कमी फॉरेन करेंसी असेट में दिखी। आरबीआई की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 553.105 अरब डॉलर रह गया। इसमें पिछले हफ्ते की तुलना में 7.941 अरब डॉलर की कमी आई। इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था।

एफसीए में आई 6.527 अरब डॉलर की गिरावट

रुपया बनाम डॉलर

बता दें कि देश में दो सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेश मुद्रा भंडार 09 अक्टूबर 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर था। इस हफ्ते के दौरान एफसीए (Foreign Currency Assets) में 6.527 अरब डॉलर की गिरावट आई और यह 492.117 अरब डॉलर पर रहा। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक एफसीए ही होता है। इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हुफ्ते के दौरान एफसीए 498.645 अरब डॉलर था।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटक गोल्ड रिजर्व और एसडीआर भी घटे

सोना चांदी

दो सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश के गोल्ड रिजर्व में 1.339 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह 38.303 अरब डॉलर रहा। वहीं दूसरी ओर एसडीआर में साप्ताहिक आधार पर पांच अरब डॉलर की गिरावट दिखी और यह 17.782 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आईएमएफ में देश का रिजर्व पोजिशन 2.4 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 4.902 अरब डॉलर रहा।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर जेफरीज ने जाहिर की थी चिंता

विदेशी मुद्रा भंडार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बता दें कि बीते छह सितंबर को जेफरीज नामक एजेंसी ने अपनी ओर से जारी एक नोट में कहा था कि भारत को अपने विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इस नोट में विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी यह भी कहा गया है कि भारत का व्यापार घाटा बीते कुछ समय में अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह चालू खाते का घाटा (CAD) भी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3.5 फीसदी पर है जो एक दशक के उच्चत्म स्तर की ओर बढ़ रहा है।

Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा, एसडीआर बढ़ा

Forex Reserves: 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

फॉरेक्स

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।

बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।

प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।

आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।

विस्तार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।

बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।

प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।

आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ?

विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व या एफएक्स रिजर्व भी कहा जाता है

forex

कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंकनोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होनी चाहिए. हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है. यह व्यापक आंकड़ा अधिक आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार या अंतर्राष्ट्रीय भंडार कहा जाता है.

विदेशी मुद्रा भंडार को आमतौर पर किसी देश के अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. आमतौर पर, जब किसी देश के मौद्रिक प्राधिकरण पर किसी प्रकार का दायित्व होता है, तो उसे अन्य श्रेणियों जैसे कि अन्य निवेशों में शामिल किया जाएगा. सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में, घरेलू ऋण के साथ विदेशी मुद्रा भंडार संपत्ति है.

आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार संपत्ति एक केंद्रीय बैंक को घरेलू मुद्रा खरीदने की अनुमति देती है, जिसे केंद्रीय बैंक के लिए लायबिलिटी माना जाता है.
देश का विदेशी पूंजी भंडार 11 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.68 अरब डॉलर बढ़कर 396.08 अरब डॉलर हो गया, जो 27,671.0 अरब रुपये के बराबर है. विदेशी मुद्रा भंडार पर पाउंड, स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.

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