म्यूचुअल फंड हमेशा निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प रहे हैं.

नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए?

बहुत से लोग म्युचुअल फ़ंड में निवेश करना चाहते हैं ताकि लंबी समय अवधि में उन्हें दूसरी असेट क्लास की तुलना में संभावित बेहतर मुनाफा मिले, पर वे नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें। क्योंकि म्युचुअल फंड में रिस्क होता है, इसलिए ज़्यादातर संभावित निवेशक इसमें अपनी मेहनत की कमाई लगाने से घबराते हैं। वे लगातार यह पता लगाते रहते हैं कि उन्हें किस फंड में निवेश करना चाहिए जिससे उन्हें रिस्क (जोखिम) के बिना म्यूचुअल फंड का मुनाफा मिल सके। क्योंकि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, ऐसा कोई जीरो-रिस्क फंड नहीं है जो हमें दूसरे म्यूचुअल फंड्स की तरह मुनाफे देता हो। लेकिन ओवरनाइट फंड्स इसके काफ़ी करीब हैं।

ये फंड्स अगले दिन मैच्योर होने वाली सेक्यूरिटीज़ में निवेश करते हैं। इसलिए, वे काफ़ी स्पष्ट(आसान) होते हैं और उनमें सबसे कम रिस्क होता है। लेकिन लंबी समय अवधि में जो मुनाफा आप अपने पोर्टफोलियो के लिए चाहते हैं वह इन फंड्स से मिलना मुश्किल है। अगर आप अपनी ज़िंदगी भर की बचत म्युचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले इसे छोटे स्तर पर आजमा रहे हैं, तो ओवरनाइट फंड आपके लिए बिल्कुल सही है।

लेकिन इन फंड्स का इस्तेमाल केवल तब करें जब आप थोड़े समय के लिए एक बड़ी रकम सुरक्षित करना चाहते हैं या फिर निवेश विकल्प के तौर पर म्यूचुअल फंड को आज़माना चाहते हैं। क्रिकेटरों के लिए मैच के लिए मैदान में उतरने से पहले ये नेट प्रैक्टिस सेशन की तरह हैं।

Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश से होगी जबरदस्त कमाई, बस इन 5 टिप्स का रखें ध्यान

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय सही निर्णय लेने में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आपकी मदद के लिए यहां हमने कुछ अहम सुझाव दिए हैं.

Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश से होगी जबरदस्त कमाई, बस इन 5 टिप्स का रखें ध्यान

म्यूचुअल फंड हमेशा निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प रहे हैं.

Mutual Funds: म्यूचुअल फंड हमेशा निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प रहे हैं. कई निवेशक अपने फाइनेंशियल गोल्स को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते हैं. अक्सर पहली बार निवेश करने वाले निवेशक यह नहीं समझ पाते कि नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? उन्हें कहां निवेश करना चाहिए और गलती कर बैठते हैं. ऐसे फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स के लिए म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. इसके तहत, सही स्कीम चुनना जरूरी है ताकि आपको अधिकतम रिटर्न मिल सके. म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय सही निर्णय लेने में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आपकी मदद करने के लिए यहां हमने कुछ अहम सुझाव दिए हैं.

रिस्क लेने की क्षमता का आकलन जरूरी

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश रिटर्न की उम्मीद का आकलन करना चाहिए. उसके बाद आप सही म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन करें जिसके ज़रिए आपको आपको बेहतर रिटर्न मिल सके. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप अगले दस सालों में एक निश्चित अमाउंट बनाना चाहते हैं और आपकी जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है. आप एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं जो आपको आपकी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार हाई रिटर्न दे सके और 10 सालों के बाद आपके वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सके. आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर यह समझना होगा कि किसी फाइनेंशियल गोल को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम में कितना निवेश करने की जरूरत है.

निवेश का डायवर्सिफिकेशन जरूरी

एक या दो म्यूचुअल फंड स्कीम्स में पूरे फंड का निवेश करने से आपको अधिक जोखिम उठाना पड़ सकता है. आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो को अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीम्स और अलग-अलग म्यूचुअल फंड कंपनियों में डायवर्सिफाई करना चाहिए. एक निवेशक के तौर पर आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि अपने पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन कैसे किया जाए. निवेशक को अपनी पर्सनल इन्वेस्टमेंट गोल्स और जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए एसेट एलोकेट करना चाहिए. एसेट एलोकेशन निवेश की रणनीति बनाने में मदद करता है. एसेट एलोकेशन का एक फायदा यह है कि अगर किसी एक एसेट क्लास में उतार-चढ़ाव होता है तो जरूरी नहीं है कि दूसरे में भी हो.

स्कीम चुनने में बरतें सावधानी

यहां कई म्यूचुअल फंड कंपनियां हैं. इनके द्वारा कई तरह की स्कीम पेश की जाती हैं. आपको इनमें से अपनी जरूरत के अनुसार सही स्कीम का चुनाव करना होगा. अब सवाल यह है कि निवेश के लिए सबसे अच्छी स्कीम का चुनाव कैसे करें? किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश से पहले आपको उनके पिछले प्रदर्शन, मैनेजमेंट एफिशिएंसी और एक्सपेंस रेश्यो की जांच करनी चाहिए. इसके साथ ही, अलग-अलग स्कीम की तुलना ऑनलाइन माध्यम से करनी चाहिए. रेगुलर प्लान्स की तुलना में डायरेक्ट प्लान्स को प्राथमिकता दें क्योंकि इनका एक्सपेंस रेश्यो कम होता है.

एकमुश्त निवेश या SIP इन्वेस्टमेंट

यदि आप एकमुश्त राशि निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आप अधिक जोखिम नहीं लेना चाहेंगे. इसलिए, डेट फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है. अगर आप बेहतर रिटर्न के लिए मध्यम जोखिम लेने को तैयार हैं, तो आप बैलेंस्ड फंड में निवेश कर सकते हैं. ज्यादा रिटर्न के लिए आपको ज्यादा जोखिम उठाने होंगे. इसलिए, आप लार्ज-कैप इक्विटी फंड में निवेश के लिए नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? जा सकते हैं. अलग-अलग स्कीम और म्यूचुअल फंड कंपनियों में अपने फंड को डायवर्सिफाई करें. अगर आप जोखिम को और कम करना चाहते हैं, तो आप एकमुश्त फंड को लिक्विड फंड में रख सकते हैं और एसटीपी विकल्प का उपयोग करके एक उपयुक्त म्यूचुअल फंड योजना में निवेश कर सकते हैं.

अगर आप लंबी अवधि में किस्तों में निवेश करते हुए फंड तैयार करना चाहते हैं, तो आप इक्विटी फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. एसआईपी आपको आकर्षक रिटर्न पाने में मदद कर सकता है, खासकर जब आप उतार-चढ़ाव भरे बाजार के बीच लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं.

पोर्टफोलियो की समीक्षा और री-बैलेंस जरूरी

म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश के दौरान समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करना जरूरी है. हमेशा यह चेक करते रहें कि आपका निवेश कैसा प्रदर्शन नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? कर रहा है. हो सकता है कि कभी-कभी यह आपके उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन न करे. वहीं, कभी-कभी यह आपकी उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. अगर यह आपकी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन न करे तो खराब प्रदर्शन वाले निवेश को बेहतर फंड में बदलना पड़ सकता है.

दूसरी ओर, अगर आपके पोर्टफोलियो ने नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? आपकी उम्मीद से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है, तो आप हाई रिस्क वाली स्कीम से कम रिस्क वाली म्यूचुअल फंड स्कीम में स्विच कर सकते हैं और अर्जित रिटर्न को सुरक्षित करते हुए अपने पोर्टफोलियो को रि-बैलेंस कर सकते हैं. म्युचुअल फंड में कम उम्र से ही निवेश करना शुरू कर दें. लंबी अवधि के लिए निवेशित रहकर आपको निवेश पर लाभ को अधिकतम करने में मदद मिलेगी.

Investment Tips : कितने रुपये से करें म्‍यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत? एक्‍सपर्ट से जानें पूरी एबीसीडी

म्‍यूचुअल फंड सिप में न्‍यूनतम 500 रुपये से निवेश किया जा सकता है.

म्‍यूचुअल फंड सिप में न्‍यूनतम 500 रुपये से निवेश किया जा सकता है.

म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना नए जमाने का सबसे पसंदीदा विकल्‍प है. नए निवेशकों के साथ सबसे बड़ी मुश्किल ये आती है कि वे . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 15, 2022, 11:03 IST

हाइलाइट्स

म्‍यूचुअल फंड कैलकुलेटर के जरिये अनुमानित निवेश राशि निकाल सकते हैं.
यह ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि आपके रोजमर्रा के खर्चे प्रभावित न हों.
यह समझना होगा कि लक्ष्‍य के लिए कितनी राशि की जरूरत होगी.

नई दिल्‍ली. म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) नए जमाने का सबसे लोकप्रिय और आकर्षक निवेश टूल है. अगर आप भी इसमें पैसे लगाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन यह समझ नहीं आ रहा कि कितने रुपये से शुरुआत की जाए तो एक्‍सपर्ट से इसका हल जान सकते हैं.

निवेश सलाहकार और ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया का कहना है कि म्‍यूचुअल फंड में पैसे लगाने वाले नए निवेशकों के सामने सबसे बड़ी समस्‍या इसकी राशि को लेकर आती है. वे समझ नहीं पाते कि कितने रुपये से निवेश की शुरुआत की जाए. ऐसे में यह समझना होगा कि आप किस लक्ष्‍य के लिए निवेश कर रहे हैं और उसके लिए आपको कितनी राशि की जरूरत होगी. इसके बाद आप म्‍यूचुअल फंड कैलकुलेटर के जरिये अनुमानित ब्‍याज दर की मदद से निवेश की राशि निकाल

हालांकि, यह ध्‍यान रखना होगा कि लंबी के निवेश में रिटर्न की ब्‍याज दर आपके अनुमान से थोड़ा

ऊपर या नीचे हो सकती है. खासकर शेयर बाजार नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? से जुड़े इक्विटी उत्‍पादों में यह उतार-चढ़ाव ज्‍यादा दिखता है.

अनुमान से थोड़ा ज्‍यादा लगाएं पैसे

एक्‍सपर्ट का कहना है कि आपने म्‍यूचुअल फंड के जरिये जिस लक्ष्‍य को हासिल करने की शुरुआत की है और कैलकुलेटर के जरिये निवेश की जोर राशि सामने आई है, वास्‍वत में उससे थोड़ी ज्‍यादा रकम ही निवेश करनी चाहिए. इससे नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? आप बाजार के उतार-चढ़ाव को पार करके अपने लक्ष्‍य को पूरा करने में ज्‍यादा आसानी से सक्षम बन सकेंगे. हो सकता है कि आपने रिटर्न पर जिस ब्‍याज दर का अनुमान लगाया है, उससे कम मिला तो निवेश की गई रकम के जरिये इसकी भरपाई हो सकेगी.

निवेशक की न्‍यूनतम सीमा भी निर्धारित

एक्‍सपर्ट का कहना है कि वैसे तो म्‍यूचुअल फंड में निवेश की न्‍यूनतम सीमा भी निर्धारित है और आप 500 रुपये की रकम से इसकी शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन अपना लक्ष्‍य तय करने के बाद बेहतर होगा कि इसमें अधिकतम राशि का निवेश किया जाए. हालांकि, ऐसा करते समय यह ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि आपका मासिक बजट और रोजमर्रा के खर्चे प्रभावित न हों. म्‍यूचुअल फंड में आप 500 रुपये की न्‍यूनतम राशि से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.

ऐसे समझें निवेश का गणित

मान लीजिए आपने अगले 10 साल में 50 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्‍य रखा है. इस पर म्‍युचुअल फंड में निवेश किए जाने से 10 फीसदी का सालाना ब्‍याज मिलने का अनुमान है तो आपको हर महीने 24,408.7 रुपये लगाने होंगे. इस तरह, 10 साल में आपका कुल निवेश 29.29 लाख रुपये हो जाएगा, जबकि ब्‍याज के रूप में आपको 20.71 लाख रुपये मिलेंगे और आपका लक्ष्‍य आसानी से पूरा हो जाएगा.

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Diwali Mutual Funds: इन फंड्स के साथ करें निवेश का श्रीगणेश; चमकेगा पोर्टफोलियो, बरसता रहेगा पैसा

Diwali Mutual Funds: एक्‍सपर्ट मानते हैं कि म्‍यूचुअल फंड में निवेश हमेशा लंबी अवधि के नजरिए से बेहतर रहता है. वैसे तो निवेश की शुरुआत करने का कोई तय समय नहीं रहता है, लेकिन इस दिवाली नए निवेशक क्‍वालिटी और दमदार आउटलुक वाले फंड्स के साथ म्‍यूचुअल फंड में श्रीगणेश कर सकते हैं.

Diwali Tips for Mutual Funds: दिवाली के साथ नए संवत 2079 की शुरुआत हो रही है. इसे हर अच्‍छे काम की शुरुआत का शुभ समय माना जाता है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं या अपने पोर्टफोलियो में पॉजिटिव बदलाव करना चाहते हैं, तो इस दिवाली अच्‍छा मौका है. म्‍यूचुअल फंड में एकमुश्‍त या हर महीने SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि म्‍यूचुअल फंड में निवेश हमेशा लंबी अवधि के नजरिए से बेहतर रहता है. वैसे तो निवेश की शुरुआत करने का कोई तय समय नहीं रहता है, लेकिन इस दिवाली नए निवेशक क्‍वालिटी और दमदार आउटलुक वाले फंड्स के साथ म्‍यूचुअल फंड में श्रीगणेश कर सकते हैं. वहीं, मौजूदा निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बदलते समय और बाजार की संभावनाओं के अनुरूप बदलाव ला सकते हैं. यहां मार्केट के दिग्‍गज एक्‍सपर्ट से समझते हैं कि किस तरह का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए और कौन-से फंड लंबी अवधि में वेल्‍थ क्रिएशन में मददगार होंगे.

निवेश की कैसे करें प्‍लानिंग

सैमको ग्रुप के हेड (RankMF) ओमकेश्‍वर सिंह का कहना है, इस दिवाली क्‍वालिटी पोर्टफोलियो बनाने पर फोकस करना चाहिए, जिनमें हाई सेफ्टी मार्जिन हो. इसका मतलब कि सेफ्टी नेट के साथ दमदार रिटर्न वाला पोर्टफोलियो बनाने की सलाह है.

एसोसिएशन ऑफ रजिस्‍टर्ड इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के वाइस चेयरमैन विशाल धवन का कहना है, दिवाली पिक्‍स के नाम पर इक्विटी या गोल्‍ड में शार्ट टर्म नजरिए से निवेश करने से बचना चाहिए. निवेशकों को सलाह है कि वे अपने फाइनेंशियल गोल और स्‍ट्रैटजिक एसेट एलोकेशन पर फोकस बनाएं रखें.

आनंद राठी शेयर्स एंड स्‍टॉक ब्रोकर्स के हेड (इन्‍वेस्‍टमेंट प्रोडक्‍ट्स एंड एडवाइजरी) अमर रानु का कहना है, निवेश कोई इवेंट नहीं है. यह लंबी अवधि की प्रक्रिया है. इसलिए अपने रिस्‍क प्रोफाइल और इन्‍वेस्‍टमेंट होरिजॉन के मुताबिक निवेश प्‍लान करना चाहिए. यह बात सही है कि पोर्टफोलियो को साफ-सुथरा करने या चमकाने के लिए दिवाली अच्‍छा समय है. जैसे-जैसे हम अपने निवेश की अवधि में बढ़ते हैं, कुछ चीजें हमारे पोर्टफोलियो में लंबे समय तक बनी रहती हैं. ऐसे में अक्‍सर हम इसमें बदलाव करने या इसमें लॉस बुक करने या बाहर निकलने से हिचकिचाते हैं. लेकिन हमें अपने रिस्‍क प्रोफाइल के मुताबिक पोर्टफोलियो को क्लिन करने या नए निवेश की शुरुआत करनी चाहिए.

किन फंड्स/कैटेगरी में करें निवेश

एक्‍सपर्ट कहते हैं, म्‍यूचुअल फंड में सबसे जरूरी है रिस्‍क और लक्ष्‍य को देखते हुए अच्‍छे फंड्स/कैटेगरी में निवेश शुरू करना. लंबी अवधि के लिए यह जरूरी है कि आपका पोर्टफोलियो दमदार हो. ओमकेश्‍वर सिंह का कहना है, निवेशक कुछ स्‍कीम्‍स जैसेकि PPFAS Flexi Cap - Growth , Samco Flexi cap - Growth , Kotak Business Cycle Fund - Growth और Axis ESG Equity fund - Growth में निवेश पर विचार कर सकते हैं.

विशाल धवन के मुताबिक, अगर निवेश करने जा रहे हैं, तो आपके पोर्टफोलियो में इक्विटीज के साथ-साथ डेट फंड्स भी होने चाहिए.
घरेलू म्यूचुअल फंड्स में इक्विटी एलोकेशन के लिए SIPs/STPs अच्‍छा ऑप्‍शन है. वहीं, हाल ही में खराब प्रदर्शन के बावजूद इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स में एलोकेशन जारी रखना चाहिए.

अमर रानु कहते हैं, निवेश हमेशा लंबी अवधि के लिए होता है. म्‍यूचुअल फंड एक मुफीद इन्‍स्‍ट्रूमेंट है. रिस्‍क प्रोफाइल के आधार पर हमें इक्विटी और डेट के कॉम्बिनेशन में निवेश करना चाहिए. इक्विटी के लिहाज से देखें, तो ग्रोथ/क्‍वालिटी ओरिएंटेड फंड्स, सेक्‍टर रोटेशन फंड और इकोनॉमि फेसिंग फंड्स शामिल करना चाहिए. इसमें डायरेक्‍ट या इनडायरेक्‍ट रूप से सभी मार्केट कैप वाले न्‍यू एज इन्‍वेस्‍टमेंट्स भी रखना चाहिए. एक एग्रेसिव निवेशक को आमतौर पर 30-40 फीसदी लॉर्ज कैप और बाकी मिड व स्‍माल कैप रखने चाहिए.

डेट फंड्स के नजरिए से देखें तो टारगेट मैच्‍योरिटी फंड्स और मीडियम ड्यूरेशन फंड्स का मिस्‍स रखना चाहिए. उनका कहना है, आपके पोर्टफोलियो में मल्‍टीकैप, लॉर्ज एंड मिड कैप, फ्लैक्‍सी कैप, मिड कैप और स्‍माल कैप फंड्स होने चाहिए. स्‍टैंडअलोन लॉर्ज कैप फंड्स की बजाए समझदारी इसमें है कि 70-75 फीसदी वाले लॉर्ज कैप कॉम्बिनेशन वाले फ्लैक्‍सी कैप चुनें.

पोर्टफोलियो में कैसे करें बदलाव

ओमकेश्‍वर सिंह कहते हैं, पोर्टफोलियो की परफॉर्मेंस के आधार पर उसमें बदलाव करना चाहिए. इसका मतलब कि खराब क्‍वालिटी फंड्स को पोर्टफोलियो से बाहर करें और अच्‍छे क्‍वालिटी फंड्स को शामिल. अगर पोर्टफोलियो की परफॉर्मेंस अच्‍छी है, तो नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए? सिर्फ बदलाव के लिए बदलाव नहीं करना चाहिए.

विशाल धवन के मुताबिक, अगर किसी खास एसेट क्‍लास जैसेकि घरेलू इक्विटीज या गोल्‍ड में पोर्टफोलियो ओवरवेट हो गया है, तो उसे रिबैलेंस करें. डेट और इंटरनेशनल इक्विटीज की तुलना में जिन्होंने पिछली दिवाली से मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, जिन्हें आप खरीद सकते हैं.

अमर रानु का कहना है, जिस तरह दिवाली पर घर की सफाई करते हैं, उसी तरह पोर्टफोलियो को भी चमकाना चाहिए. बेकार फंड्स को साफ करें और एसेट एलोकेशन के बुनियादी सिद्धांत के मुताबिक पोर्टफोलियो में बदलाव करें. मौजूदा इकोनॉमिक साइकिल के मुताबिक नए फंड्स में निवेश करना चाहिए.

नए निवेशक क्‍या करें

अगर आप म्‍यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो दिवाली एक शुभ अवसर है. ओमकेश्‍वर सिंह कहते हैं, नए निवेशकों को सबसे पहले अपने अपने रिस्‍क एंड रिटर्न प्रोफाइल का आकलन करना चाहिए. साथ ही यह अच्‍छी तरह समझ लेना चाहिए कि म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. इसके बाद उन्‍हें SIP (सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान) या STP (सिस्‍टमैटिक ट्रांसफर प्‍लान) के साथ निवेश शुरू करना चाहिए. अगर वे एकमुश्‍त निवेश करने के लिए तैयार हैं, तो ये ऑप्‍शन भी अच्‍छा है.

विशाल धवन का कहना है कि नए निवेशकों को बैलेंस्‍ड फंड्स/डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड्स के जरिए निवेश की शुरुआत करनी चाहिए. साथ ही 10 साल से ज्‍यादा नजरिए के साथ इंडेक्‍स फंड्स (घरेलू और इंटरनेशनल) में SIPs की शुरुआत करनी चाहिए.

अमर रानु का कहना है कि नए निवेशकों को साथी, रिश्‍तेदार या सोशल इन्‍फ्लुएंशर की सलाह पर निवेश करने से बचना चाहिए. आदर्श रूप से आपका अपना रिस्‍क प्रोफाइल है इसलिए इसके आधार पर इक्विटी और डेट में निवेश करना चाहिए. साथ ही अपने निवेश लक्ष्‍य या निवेश होरिजॉन तक उसमें बने रहे. हर साल या प्रत्‍येक छह महीने पर पोर्टफोलियो की समीक्षा जरूर करनी चाहिए.


(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले स्‍वयं पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

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