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कुंडलिनी और क्रिया योग (भाग-1): 1st Hindi Edition Kindle Edition

"कुंडलिनी और क्रिया योग" एक पूर्ण, व्यापक व्यावहारिक मार्गदर्शिका और कार्य-पुस्तक है, जिसमें पतंजलि योग-सूत्रों के सभी आठ सूत्रधारों को शामिल किया गया है: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि, बंधास मुद्राएँ, ग्रन्थियाँ, नाड़ियाँ, चक्र, सिद्धियाँ और ऋद्धियाँ, मंत्र, यन्त्र और क्रिया-योग की पवित्र तकनीक।

संस्कृति और शिक्षा की उन्नति के कारण मनुष्य का जीवन बहुत व्यस्त और बहुत तेज हो गया है। समय मनुष्य की सबसे बड़ी सीमा बन गया है। अपने आश्रम में एक स्वयंभू गुरु की प्रत्यक्ष कंपनी में बने रहने के लिए एक महान सीमा बन गई है। लेकिन वैकल्पिक रूप से, यह पुस्तक भगवान के साधकों को उनके सुविधाजनक समय पर उनके घरों में मार्गदर्शन करने के लिए एक त्वरित खोज के रूप में काम करेगी। यदि भक्ति के साथ “कुंडलिनी और क्रिया योग” का सही तरीके से पालन किया जाए तो निश्चित रूप से भगवान और पूर्ण ज्ञान का एहसास करने के लिए इच्छुक लोगों की मदद करेगी। वे खुशी, आनंद, शांति के साथ धन्य होंगे और सिद्धियों और रिद्धियों के रूप में जाने वाली रहस्यमय शक्तियां भी प्राप्त कर सकते हैं।

अब मानवता अधिक शिक्षित और सभ्य हो गई है। हमने आकर्षक और सूक्ष्म सवाल पूछना वैकल्पिक मुद्राएँ शुरू कर दिया है जैसे कि वास्तव में हम कौन हैं? कहाँ से, हम इस अस्थायी दुनिया में आए हैं? किसने हमें कठपुतली की तरह इस दुनिया में जबरदस्ती काम करने के लिए एक चमत्कारिक शरीर में कैद कर दिया है? हमारी मौत के बाद क्या होगा? मेरी मृत्यु के बाद मैं कहां जाऊंगा? क्या मैं दूसरा जन्म लूँगा? मेरे जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है? यह रहस्यमय ब्रह्मांड हमारे आसपास क्या है? इस ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाले वैज्ञानिक कानून किसने बनाए? ब्रह्मांड के निर्माण के पीछे उद्देश्य क्या है? ईश्वर क्या है? क्या ईश्वर से संपर्क करना संभव है? ईश्वर को कैसे जानें और उससे कैसे संपर्क करें? वर्तमान पुस्तक सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से मनुष्य की ऐसी सभी शाश्वत खदानों का जवाब देती है। लेखक ने व्यावहारिक तरीके से समझने के लिए व्यवस्थित रूप से सूक्ष्मता विषय को आसान तरीके से समझाया है।

हम आशा करते हैं कि यह पुस्तक सबसे उपयोगी होगी, एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए, बीमारियों से मुक्त और किसी को भी आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने के लिए, जो भी उनका धर्म और विश्वास है।

विदेशी मुद्रा पर क्या IMF की सलाह मानने को मजबूर है भारत? जानें हर एक बात

यूएस फेड (US Fed) द्वारा कई ब्याज दरों में वृद्धि ने दुनिया भर के देशों को प्रभावित किया है। जहां 2022 में रुपये में लगभग 11.36% की गिरावट आई है, वहीं अन्य मुद्राओं में भी गिरावट आई है।

विदेशी मुद्रा पर क्या IMF की सलाह मानने को मजबूर है भारत? जानें हर एक बात

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों से अपने डॉलर-मूल्य वाले विदेशी मुद्रा भंडार का विवेकपूर्ण उपयोग करने और मुद्रा की लेन-देन की दर को समायोजित करने की अनुमति देने के लिए कहा है। आईएमएफ की सलाह की पृष्ठभूमि में मिंट ने जांच की कि अभी तक रुपये का प्रदर्शन कैसा रहा है।

मौजूदा विदेशी मुद्रा चलन

मजबूत अमेरिकी मुद्रा के बीच अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 113 अंक से ऊपर बढ़ने के साथ, रुपया 20 अक्टूबर को 83.073 के नए निचले स्तर पर आ गया। इस वर्ष रुपया अब लगभग 11.36% कमजोर हो गया है जबकि डॉलर इंडेक्स 3 जनवरी को 96.21 से बढ़कर 20 अक्टूबर को 113.08 हो गया है। डॉलर इंडेक्स छह मुद्राओं- यूरो, स्विस फ्रैंक, जापानी येन, कैनेडियन डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और स्वीडिश क्रोना की एक बॉस्केट के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्य को मापता है।

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रुपये का प्रदर्शन बाकी मुद्राओं से बेहतर

यूएस फेड द्वारा कई ब्याज दरों में वृद्धि ने दुनिया भर के देशों को प्रभावित किया है। जहां 2022 में रुपये में लगभग 11.36% की गिरावट आई है, वहीं अन्य मुद्राओं में भी गिरावट आई है। जापानी येन 26.90% कमजोर है; पाउंड स्टर्लिंग 15.76%; यूरो 12.09%; अर्जेंटीना पेसो 51.09%; और चीनी युआन 12.91% टूटा है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय रुपये में कुछ विदेशी मुद्राओं की तुलना में तेजी आई है- पाउंड स्टर्लिंग के मुकाबले रुपया 7.08% बढ़ा है; यूरो के खिलाफ 3.42%; और येन के मुकाबले 13.11% बढ़ा है। भारतीय रुपए की तुलना में अधिक स्थिर मुद्राएं इंडोनेशियाई रुपिया, सिंगापुर डॉलर और हांगकांग डॉलर हैं।

केंद्रीय बैंकों ने हालात को संभाला

अस्थिरता और मुद्रा अवमूल्यन को कम करने के लिए, वैकल्पिक मुद्राएँ केंद्रीय बैंकों ने विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया है और अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर बेच रहे हैं। जबकि भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार का 13.9% खर्च किया है, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने प्रतिशत और पूर्ण संख्या दोनों के संदर्भ में कम उपयोग किया है।

मुद्रा भंडार संरक्षित करने की सलाह दी थी

आईएमएफ ने अपने सबसे हालिया वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में, 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 6.8% कर दिया, जिसमें उम्मीद से कम वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में विकास और बाहरी दबावों जैसे कारणों का हवाला दिया गया। अमेरिकी डॉलर में जोरदार तेजी के साथ, आईएमएफ ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं से भविष्य में संभावित रूप से तेज पूंजी निकासी और उथल-पुथल से निपटने के लिए महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने का भी आग्रह किया। आईएमएफ ने चेताया है कि डॉलर की मजबूती का सभी देशों के लिए बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है।

छह माह तक आयात पर निगाह रखना जरूरी

बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति और विश्व व्यापार में मंदी की पृष्ठभूमि में निर्यात प्रदर्शन असंतोषजनक रहा है। संशोधित आईएमएफ विकास अनुमानों से पता चलता है कि भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों में या तो अल्प वृद्धि या अनुबंध दर्ज होने की उम्मीद है। अगर आरबीआई ने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो मूल्यह्रास बहुत अधिक होता। हालांकि, आरबीआई को आईएमएफ की सलाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, जब तक कि वह कम से कम छह महीने के लिए अपनी आयात क्षमता के मामले में सहज है।

योग - यह आपकी प्रतिरक्षा को कैसे बढ़ावा दे सकता है?

Dr.Neeraj Gupta | Lybrate.com

योग को शरीर के साथ-साथ दिमाग के साथ विभिन्न बीमारियों और समस्याओं को खत्म करने के लिए सबसे अच्छे और सबसे प्रभावी, समय परीक्षण और प्राकृतिक तरीके से कहा गया है. यह एक पुरातन शिल्प कौशल है जो शरीर को मजबूत करती है और दिमाग को सही दिमाग की सही खुराक से भी आराम देती है. योग तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी, पाचन और परिसंचरण तंत्र को उत्तेजित करता है और इसके कार्यप्रणाली में सुधार करता है.

  1. शिशुसासन (बाल मुद्रा): शिशुसासन एक असाधारण रुख है जो पेट को डी-कॉन्जेस्ट करता है और एक बेहतर और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाता है.
  2. सेतु बंधासन (पुल मुद्रा): सेतु बंधसना दिल खोलता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है. यह रोगजनकों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध बनाने के लिए शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है.
  3. हलासन (हल मुद्रा): हलासन एक मुद्रा है जिसके लिए पिछड़े मोड़ की आवश्यकता होती है. यह शरीर में सफेद कोशिकाओं को निर्वहन करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है.
  4. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा): भुजंगसन एक मध्य-खंड उद्घाटन मुद्रा है जो सफेद कोशिकाओं को निर्वहन करता है जो शरीर के प्रतिरोध को बढ़ाता है.
  5. धनुरासन (धनुष मुद्रा): धनुरासन अभी भी एक और मुद्रा है जो पाचन तंत्र के काम पर वजन डालकर सफेद कोशिकाओं के प्रवाह को बढ़ाता है.
  6. मत्स्यसन (मछली की मुद्रा): मत्स्यसन पेट और छाती को फैलाता है और थाइमस को मजबूत करता है. यह शरीर के असुरक्षा स्तर को बढ़ाता है.
  7. विनियास अधो मुख स्वन्नासन्(नीचे की तरफ कुत्ते के सालमने बहने वाला): प्लैंक पॉज़ के साथ शुरू करें, अपने कंधे के नीचे फर्श पर झूठ बोलने वाले हथेलियों और पैरों को पीछे की ओर बढ़ाएं. पूरे शरीर को बोर्ड की तरह सीधी रेखा बनाना चाहिए. पूरी सांस लेते हुए, फर्श से अपने कूल्हों को उठाओ. हाथों और ऊँची एड़ी के जूते पर खुद को पकड़ो. आपके सिर को जमीन की तरफ इशारा करने की जरूरत है. जब आप स्थिति धारण करते हैं, तो दो या तीन बार पूर्ण सांस लें. एक गहरी सांस बाहर सांस लें, आराम करो और फलक मुद्रा पर लौटें. धीरे-धीरे अपने शरीर को नीचे लाओ. अपने हाथों को पीछे की ओर स्लाइड करें, जिससे आपके हथेलियों को छाती के साथ आराम करने की इजाजत मिलती है. पैर की अंगुली या मंजिल के संपर्क में होना चाहिए.

योग एक समग्र दिनचर्या है जो शरीर को शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से मजबूत करता है. इसके बाद, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अतिरिक्त रूप से ऐसी स्थिति में बढ़ जाती है. यदि हम जीवन के एक स्वस्थ तरीके, स्वस्थ भोजन निर्णय, और योग और ध्यान के मानक दिनचर्या को कैसे गले लगाते हैं, तो एक ध्वनि जीवन को आसानी से पूरा किया जा सकता है. आयुर्वेद, योग और ध्यान एक ध्वनि जीवन के साथ आगे बढ़ने के लिए एकदम सही चर हैं.

योग दवाइयों के लिए वैकल्पिक विकल्प नहीं है. संक्रमण में नियंत्रण रखने के लिए यह एक सावधान कदम है. इन पंक्तियों के साथ, किसी को मौसमी फ्लू के शरीर को प्रभावित करने के लिए कड़े इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसे योग के साथ आसानी से ठीक किया जा सकता है. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप एक डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं.

अनियमित मल त्याग से परेशान है? तो राहत पाने के लिए आजमाएं 3 प्रभावी योगासन

वर्तमान लाइफस्टाइल को देखें तो कब्ज की समस्या काफी आम हो गई है। इसके लिए आप दवा या अन्य सप्लीमेंट ले सकते हैं। लेकिन स्थायी समाधान के लिए कुछ प्रभावी योगासनों का अभ्यास करना जरूरी है।

kabj se raahat paane ke liye yogasan

कुछ योगासन आपको कब्ज से राहत दे सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

कई लोगों में कब्ज एक साधारण शिकायत है। जबकि दवाएं और ट्रीटमेंट मदद कर सकते हैं, कुछ लोगों को वैकल्पिक उपचारों में रुचि हो सकती है, जैसे कि योग। हम जानते हैं कि जब कब्ज की बात आती है, तो योग पहला निदान नहीं हो सकता है। लेकिन कुछ सबूत हैं जो बताते हैं कि योग इसे कम करने में मदद कर सकता है।

उदाहरण के लिए, 2015 में इरिटेबल बावल सिंड्रोम (IBS) वाले लोगों के NCBI के एक अध्ययन ने निर्धारित किया कि योग स्थिति के प्रमुख लक्षणों के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक चिकित्सा हो सकता है। यह कब्ज और दस्त से लड़ने में मदद कर सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि योग अन्य लक्षणों को दूर करने में भी मदद कर सकता है जो आईबीएस का कारण होते हैं, जैसे चिंता और थकान।

कुछ योग मुद्राएं किसी व्यक्ति के पाचन तंत्र में हेरफेर कर सकती हैं और पाचन तंत्र को मल या गैस पास करने के लिए प्रोत्साहित करके कब्ज को दूर करने में मदद कर सकती हैं।

Constipation aaj ke samay ki samanya pareshai hai

यहां हैं वे योगासन जो आपके पाचन को दुरुस्त कर कब्ज से राहत दिलाते हैं

1. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Half Spinal Twist)

लोग इस आसन को योगा मैट या अन्य नरम सतह पर बैठकर कर सकते हैं।

ट्विस्ट करने के लिए:

  1. पैरों को शरीर के सामने सीधा करके बैठें
  2. दाहिने पैर को मोड़ें और दाहिने पैर को बाएं पैर के बाहर जमीन पर रखें, आदर्श रूप से घुटने के पास
  3. बाएं पैर को मोड़ें और उसे हिप्स के नीचे या पास रखें
  4. बाएं हाथ या कोहनी को दाहिने घुटने पर या उसके ऊपर रखें और धीरे से दाहिने कंधे के ऊपर की ओर मोड़ें
  5. कुछ सांसों के लिए मुद्रा को पकड़ें, फिर बाजू बदलें

2. भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन में किसी घुमाव की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यह गैस जैसे अन्य लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

  1. पेट के बल लेट जाएं और पंजों की उंगलियां बाहर की ओर इशारा करनी चाहिए
  2. हथेलियों को कंधों के बगल में फर्श पर रखें
  3. पेट की मांसपेशियों और पैरों को संलग्न करें
  4. सिर को थोड़ा ऊपर उठाएं, और धीरे से गर्दन को पीछे की ओर मोड़ें
  5. हथेलियों वैकल्पिक मुद्राएँ को फर्श में दबाएं, धीरे से कंधों और ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं
  6. कई सांसों के लिए इस मुद्रा में बने रहें
  7. शरीर को वापस फर्श पर छोड़ें और नीचे करें

Bhujangasan is paeshani ko kam karne me helpful hai

भुजंगासन इस पार्शनी को कम करने में मददगार है। चित्र: शटरस्टॉक

3. पवनमुक्तासन (Wind Relieving Pose)

यह पोज़ शुरुआती लोगों के लिए एक आसान मुद्रा है जो कब्ज से जुड़ी गैस को कम करने में मदद कर सकता है।

बिटक्वाइनः सात साल पहले का एक लाख ऐसे बना 710 करोड़ रुपये

bitcoin

पिछले कुछ महीनों में कई बार चेतावनियां जारी की जा चुकी हैं- बिटक्वाइन का बुलबुला बस फूटने ही वाला है। लेकिन वर्चुअल मुद्रा बिटक्वाइन की कीमत तो थमने का नाम ही नहीं ले रही है। साल 2017 के अभी 11 महीने ही बीते हैं और एक बिटक्वाइन की कीमत 11 हजार डॉलर यानी करीब सवा सात लाख रुपये हो गई है।

ठीक एक साल पहले बिटक्वाइन का भाव 753 डॉलर पर था यानी एक साल में ही इसमें लगभग 1,300 फीसदी का उछाल आया है।

लक्जमबर्ग आधारित बिटक्वाइन एक्सचेंज के मुताबिक बिटक्वाइन ने इस साल अपना सफर 1000 डॉलर से शुरू किया था यानी जनवरी की शुरुआत में एक बिटक्वाइन के बदले 1000 डॉलर मिलते थे।

तो ऐसा कैसे संभव है कि जो मुद्रा प्रत्यक्ष रूप से मौजूद ही नहीं है, उसका भाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। जानकारों के लिए इस सवाल का जवाब एक और सवाल में छिपा है कि बिटक्वाइन में निवेश करने वाले आखिर हैं कौन?

रिसर्च फर्म ऑटोनोमस नेक्स्ट ने इसका पता लगाने की कोशिश की। उसका दावा है कि इसके पीछे हेज फंड्स का हाथ है, जो शेयर खरीदती है और फिर उन्हें मुनाफे में बेच देती है। ये फंड्स कुछ ऐसा ही बिटक्वाइन के साथ भी कर रहा है।

फाइनेंशियल मार्केट में हेज फंड निवेश के ऐसे वैकल्पिक कोष हैं, जिनका इस्तेमाल बेहतर रिटर्न पाने के लिए किया जाता है। ये फंड एक साथ निवेश की कई रणनीतियां अपनाते हैं, ताकि रिटर्न सुनिश्चित किया जा सके।

ऑटोनोमस नेक्स्ट के मुताबिक, इस साल बिटक्वाइन की खरीद-फरोख्त में इन हेज फंड्स की भागीदारी 30 से बढ़कर 130 हो गई है। यही वजह है कि बिटक्वाइन ने ऐसा छप्पर फाड़ मुनाफा दिया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली कंपनियां डिज्नी, आईबीएम या मैक्डोनल्ड भी इसके आस-पास तक नहीं हैं।

विश्लेषक नाथनियल पॉपर इसी बात वैकल्पिक मुद्राएँ को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि इन फंड्स के आने से बिटक्वाइन के खरीदार दुनियाभर में फैल गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख में पॉपर ने लिखा, "वो मानते हैं कि उन्होंने एक ऐसा निवेश ढूंढ लिया है जो सोने के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। ये ऐसा निवेश है जिस पर कंपनियों का अधिकार नहीं है और न ही इस पर सरकारों का कोई नियंत्रण है।"

चार्ली बिलेलो जैसे विश्लेषकों का अनुमान है कि बिटक्वाइन की मौजूदा पूंजी एक लाख 60 हजार डॉलर तक पहुँच गई है जो कि जनरल इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों से भी अधिक है। बिलेलो कहते हैं कि 7 साल पहले अगर किसी ने बिटक्वाइन में 10 हजार डॉलर का निवेश किया है तो आज ये रकम बढ़कर 110 करोड़ डॉलर हो गई है। बिटक्वाइन की अब तक की कहानी सिर चकरा देने वाली है। इतना पढ़ने के बाद दिमाग में कुछ सवाल उठने लाजमी हैं।

बिटक्वाइन एक वर्चुअल मुद्रा है जिस पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं हैं। इस मुद्रा को किसी बैंक ने जारी नहीं किया है। चूंकि ये किसी देश की मुद्रा नहीं है इसलिए इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। बिटक्वाइन पूरी तरह गुप्त करेंसी है और इसे सरकार से छुपाकर रखा जा सकता है। साथ ही इसे दुनिया में कहीं भी सीधा खरीदा या बेचा जा सकता है। शुरुआत में कंप्यूटर पर बेहद जटिल कार्यों के बदले ये क्रिप्टो करेंसी कमाई जाती थी।

ये कैसे काम करती है?
प्रत्येक बिटक्वाइन कंप्यूटर में एक फाइल होती है जिसे स्मार्टफोन या कंप्यूटर के डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। प्रत्येक लेन-देन को आम सूची में दर्ज किया जाता है और इसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। चूंकि ये करेंसी सिर्फ कोड में होती है इसलिए न इसे जब्त किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।

ये कैसे मिलती है?
बिटक्वाइन हासिल करने के तीन मुख्य तरीके हैं। इन्हें असली पैसों से खरीदा जाए, दूसरा, ऐसे उत्पादों और सेवाओं के बदले जिनका भुगतान बिटक्वाइन में होता है और तीसरे, नई कंपनियों के माध्यम से इन्हें खरीदा जाए, जिनकी अपनी वर्चुअल मुद्रा है।

मूल्यांकन कैसे?
बिटक्वाइन मूल्यवान हैं, क्योंकि लोग उन्हें असली सामान और सेवाओं के बदले खरीदने के इच्छुक हैं। यहाँ तक कि नकद पैसा देकर भी लोग बिटक्वाइन खरीदने में हिचकते नहीं हैं।

बिटक्वाइन को कैसे मिल रही है हवा?
साल 2009 में सतोशी नाकामोतो नामक समूह ने पहली बार बिटक्वाइन को दुनिया के सामने पेश किया था। हालाँकि अभी दुनियाभर में 700 से अधिक वैकल्पिक मुद्राएँ वर्चुअल मुद्राएं इंटरनेट के माध्यम से संचालित हो रही हैं। दिन पर दिन नई-नई कंपनियां अपनी वर्चुअल मुद्रा लेकर आ रही हैं।

दरअसल, लोग इसलिए भी इन वर्चुअल मुद्राओं को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं हैं और न ही किसी तरह के सरकारी कायदे-कानून हैं। कहा जा रहा है कि साल 2017 में बिटक्वाइन में आए इस जबर्दस्त उछाल की वजह एशिया खासकर जापान और दक्षिण कोरिया से आया निवेश है। इसके अलावा कई और हेज फंडस आना और शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज पर बिटक्वाइन फ्यूचर्स लॉन्च करने को भी वजह बताया जा रहा है।

बिटक्वाइन कैसे लुढ़क सकता है?
वर्चुअल मुद्रा का अहम सिद्धांत है कि इसका लेन-देन दुनिया के किसी भी कोने में बैठे-बैठे हो सकता है, बस जरूरत है एक इंटरनेट कनेक्शन की। लेन-देन एक्सचेंज फर्म के माध्यम से होता है। वर्चुअल मुद्रा को वर्चुअल वॉलेट में ही रखा जाता है और जिस डेटाबेस में ये स्टोर रहता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं।

लेकिन क्या बिटक्वाइन गिर भी सकता है? जवाब इतना आसान तो नहीं है, लेकिन जब हेज फंड अचानक अपना पैसा निकालेंगे तो गिरावट आ सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स में झोऊ ने लिखा, "जैसे के अचानक ये खबर लीक कर दी जाए कि एक बड़ा निवेशक अपना पैसा निकाल रहा है। इससे हड़कंप मच सकता है और दूसरे निवेशक भी अपनी रकम निकाल सकते हैं।"

अमरीका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेमी डिमॉन और दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट बिटक्वाइन को पहले ही फर्जी करार दे चुके हैं और उनका कहना है कि पिरामिड स्कीम्स की तरह है।

पिछले कुछ महीनों में कई बार चेतावनियां जारी की जा चुकी हैं- बिटक्वाइन का बुलबुला बस फूटने ही वाला है। लेकिन वर्चुअल मुद्रा बिटक्वाइन की कीमत तो थमने का नाम ही नहीं ले रही है। साल 2017 के अभी 11 महीने ही बीते हैं और एक बिटक्वाइन की कीमत 11 हजार डॉलर यानी करीब सवा सात लाख रुपये हो गई है।

ठीक एक साल पहले बिटक्वाइन का भाव 753 डॉलर पर था यानी एक साल में ही इसमें लगभग 1,300 फीसदी का उछाल आया है।

लक्जमबर्ग आधारित बिटक्वाइन एक्सचेंज के मुताबिक बिटक्वाइन ने इस साल अपना सफर 1000 डॉलर से शुरू किया था यानी जनवरी की शुरुआत में एक बिटक्वाइन के बदले 1000 डॉलर मिलते थे।

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