प्रश्न 5. मैथिलीशरण गुप्त ने गर्व रहित जीवन बिताने के लिए क्या तर्क दिए हैं ?
उत्तर:

पर्णतट (leaf margins) कण्टयुक्त होते हैं :

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Aap ko kya acha nahi laga

Question Details till 23/12/2022

हैंडसम लुक ऑपरेशन है कि वर्ल्ड कंट्री यूज़ होते हैं ठीक है ससुराल से शुरू करने से पहले हम क्या होता है क्या क्या यह क्या होता है यह पक्षियों का किनारा क्या सकते हैं किसका बच्चियों का किनारा ठीक है इन्हीं को पहचान तो क्या करते हम लोग पश्चिम की पहचान करते हैं क्या करते हैं पतियों ही पहचान करते हैं कैसे पति छूते आप लोग ठीक है पति सोते आप देखते हैं सफर की साइड से वह काटे जा रहे हैं आप नहीं कांटेदार जी सबको बुलाकर कैसी होती है उसके क्या पहचानते हैं कि गुलाब की पत्तियों ठीक है उस प्रकार से पत्तियों को उनके किनारों से पहचाना क्या होता है ठीक है तो जो यह आपकी इस

अब आपराधिक मनोरोगी की पहचान हुई आसान, जानें- क्‍या है लक्ष्‍ण

अब आपराधिक मनोरोगी की पहचान हुई आसान, जानें- क्‍या है लक्ष्‍ण

लंदन [ एजेंसी ]। यह शोध आपके लिए उपयोगी हो सकता है। क्‍या आपके आस-पास कोई मनोरोगी तो मौजूद नहीं है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने अपने शोध में गुनाह और मनोविकार का गहरा संबंध स्‍थापित किया है। कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ साइकोलॉजी के शोधकर्ताअों ने मनोवैज्ञानिक अपराधियों के भौतिक लक्ष्‍णों को चिन्हित किया है। इन लक्ष्‍णों के अधार पर आप आपराधिक मनोरोगी को आसानी से पहचान सकते हैं।
दरअसल, अापराधिक प्रवृत्ति के मनोरोगी की आंखों की प्रतिक्रिया अन्‍य लोगों से विलग होती है। इससे उसकी पहचान करना आसान है। किसी स्‍ट्रेस करने वाले दृश्‍य पर उसकी आंखें असमान्‍य और असहज हरकते करती हैं। उनकी आंखों में अलग किस्‍म का खिंचाव पैदा होता है। इससे उनकी आंखों के आकार में बदलाव आता है। कार्डिफ़ और स्वानसी विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने इन दृश्‍यों की अांखों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्‍ययन किया है। उनका दावा है कि इस दृश्‍य का मनोवैज्ञानिक अपराधियों और सामान्‍य व्‍यक्ति की आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव में एक महत्‍वपूर्ण अंतर देखने को मिला। कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ साइकोलॉजी के प्रमुख लेखक डॉ डैन बर्ली ने कहा कि हमारे निष्कर्ष मनोवैज्ञानिक अपराधियों के लिए सामान्य भावनात्मक घाटे का भौतिक प्रमाण प्रदान करते हैं।
मनोरागी की कैसे करें पहचान
एक मनोरोगी अपने विकार के आधार पर विभिन्न लक्षणोें को प्रदर्शित करते हैं। प्रोफेसर मनोचिकित्सा जैकब वेल्स ने कहा कि किसी से मिलने पर वह सबसे दिलचस्प व्यक्ति बनने की कोशिश करता है। मनोरोगी कभी-कभी आवाज या शरीर की भाषा सहित स्लिप-अप के साथ असंगत भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को प्रदर्शित करते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि वे भय और प्रेम जैसी भावनाओं को समझने में आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? असमर्थ हैं, लेकिन उनकी नकल कर सकते हैं।
मनोरोगी अक्सर बेहद मोहक और करिश्माई होते हैं। इनके व्यक्तित्व को आकर्षक कहा जा सकता है। ये सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। सबकी प्रशंसा पाते हैं। इस रोग से ग्रसित लोग अपने आप को पूर्ण अधिकारी मानते हैं और केवल अपने मत और विश्वास को प्राध्यानय देते हैं। वे दूसरों के मतों कि उपेक्षा करते हैं। मनोरोगी अक्‍सर लज्जालु, आशंकित या निरुत्तर होते हैं। इनको अपना गुस्‍सा या अधीरता को छिपाने में दिक्कत होती हैं। ये हमेशा दुसरों के अपने भावों कि जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देते हैं। मनोविकार से ग्रसित लोग असाधारण रूप से साहसी स्वभाव दर्शाते हैं। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि वे सामाजिक नियमों के दायरे के बाहर जा कर कार्य करते हैं। वे अपने कार्यों के फल को या प्रतिक्रिया को सोचे बिना अजीबोगरीब और जोखिम भरे काम करते हैं।
मनोरोगी लोग अपराधी हो सकते हैं। कानून कि और सामाजिक नियमों कि उपेक्षा करने कि प्रवृत्ति के कारण इन व्यक्तियों का अतीत अपराध से आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? जुड़ा हो सकता है। ये चोरी करने कि बीमारी से पीड़ित, धोखेबाज या खूनी भी हो सकते हैं। ये लोग पेशेवर झूठे होते हैं। ये लोग मनगढंत कहानियां बुनते हैं। अपने आत्मविश्वास और दृढ़ता के कारण और विचित्र एवं झूठे वाक्य बोलकर भी लोगो का भरोसा जीतते हैं। ये दूसरों से अपना काम करवाने में माहिर होते हैं। इनकी करिश्मा या ज़ोर ज़बरदस्ती के कारण इनकी मित्र या सहकर्मी इनकी हर बात मानते हैं। मनोरोगी व्‍यक्ति अपने कर्मों के लिए लज्जित होने या पछतावा करने में असमर्थ होता है। इन्होंने अगर किसी को चोट पहुंचाई है तो इसका आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? उन्हें कोई पश्चाताप नहीं होता। ये आपको बेरुख और अपनी बात को सिद्ध करते हुए नज़र आएंगे।
इस विकार से ग्रसित व्यक्ति चालाक होते हैं। ये अपने आस-पास के लोगों को प्रभावित करने कि और उन पर वर्चस्व पाने कि कोशिश करते हैं। ऐसे व्यक्ति प्यार करने में असक्षम होता है। उनको अपनी भावनाओं को समझने में दिक्कत होती है।

Short Question Answer: मनुष्यता Notes | Study Hindi Class 10 - Class 10

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न. 1. सरस्वती किसकी कथा कहती हैं?
उत्तर:
सरस्वती उदार व्यक्ति की कथा कहती हैं।

प्रश्न. 2. उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?
उत्तर:
उदार व्यक्ति की पहचान उसके कार्यों से हो सकती है।

प्रश्न. 3. मनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ क्या है?
उत्तर:
मनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ एक भाई का दूसरे भाई के कष्टों का हरण न करना है।

पहचान से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपहचान एक खोज है – एक दृष्टि है और एक प्रवृत्ति को आत्मसात करना है। यह प्रवृत्ति हमें अपनी और दूसरों की छवि प्रदान करती है। इस मानक दृष्टिकोण के माध्यम से हम दूसरों से संबंध बनाते हैं। दूसरे शब्दों में, पहचान’ अपने अथवा अन्यों के संबंध में विकसित किया गया सामान्य विचार है।

इसे सुनेंरोकेंसामाजिक स्तरीकरण के प्रकार्यवादी सिद्धान्त का प्रतिपादक कौन है?(A) कार्ल मार्क्स

समाज में संस्तरण के प्रमुख आधार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Explanation: सामाजिक स्तरीकरण (social stratification) वह प्रक्रिया है जिसमे व्यक्तियों के समूहों को उनकी प्रतिष्ठा, संपत्ति और शक्ति की मात्रा के सापेक्ष पदानुक्रम में विभिन्न श्रेणियों में उच्च से निम्न रूप में स्तरीकृत किया जाता है।

पहचान निर्माण से आप क्या समझते है?

पहचान के निर्माण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमन द्वारा विचार तरंगे उत्पन्न करते हैं और ये विचार तरंगे इतनी तीव्र गति से कार्य करती हैं कि लगने लगता है कि मन स्वचालित है. स्वयं को समझने के लिए सर्व प्रथम दृढ़ निश्चय से आत्मा और शरीर को समझे कि मैं आत्मा हूँ और शरीर, मन प्राण इन्द्रियाँ मेरे साधन हैं. मैं ही इन का स्वामी और ये मेरे सेवक हैं.

स्वयं को समझने का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंआत्म ज्ञान :- व्यक्ति जब स्वयं के बारे में पूर्णतः परिचित होता है अर्थात् स्वयं को जानना – उसे आत्म ज्ञान कहते है। इस अवस्था में व्यक्ति के पास बहुत से शब्द, उनको व्याख्याओं का ज्ञान, अनुभव का संगठन होता है, जो उसे निरन्तर ज्ञान के मार्ग पर पहूँचाता है।

सिद्धांत के निर्माण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंतथ्यों के बीच सही कार्य-कारणात्मक संबंध स्थापित करने के पश्चात् कार्य-कारणात्मकता के एक ही ढांचे के अंतर्गत विभिन्न तथ्यों को एक साथ लाया जाता है। जिस प्रक्रिया द्वारा ऐसा किया जाता है उसे सिद्धांत निर्माण कहते हैं क्योंकि इस तरह से निकले संबंध को ही प्रायः सिद्धांत कहा जाता है।

suicide prevention day : आत्‍महत्‍या क्‍यों करते हैं लोग, कैसे करें इस प्रवृत्ति की पहचान

टाइम्स नाउ डिजिटल

world suicide prevention day reasons for committing suicide and how to identify Suicide warning signs

  • प्रति वर्ष करीब पंद्रह लाख लोग विश्व भर में आत्महत्या करते हैं।
  • समाज से दूर रहने वाले लोगों पर पड़ता है इसका सबसे अधिक प्रभाव
  • लोगों के हावभाव से मानसिक तनाव की पहचान की जा सकती है

साल 2003 से ही प्रतिवर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्मह्त्या निरोध दिवस (world suicide prevention day, WSPD) मनाया जाता है। इस दिवस को मानने का कारण है विश्व में आत्महत्या के लगातार बढ़ते मामले। इस दिन को मानने का मकसद लोगों को आत्महत्या की समस्या के प्रति जागरूक करना है। इस मुहिम की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (WFMH) के साथ मिल कर की थी। 2011 तक विश्व के 40 देश इस मुहि‍म का हिस्सा बनें। प्रतिवर्ष 1.5 मिलियन लोग सिर्फ खुदकुशी कर मरते हैं। हर दशक में ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

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