क्यों चाहिए ये डिजीटल करेंसी?
फिलहाल इस बारे में अभी कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन भारत सरकार डिजीटल करेंसी इसलिए लॉन्च कर रही है क्योंकि आज कल डिजीटल करेंसी का जमाना है और भारत किसी भी मायने में दूसरे देशों से पीछे नहीं रहना चाहता है. हम सब की तरह सरकार ने भी ये मान लिया है कि इस करेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सरकार ने वर्चुअल करेंसी के वजूद को नकारने के बजाय अपनी खुद की एक करेंसी लॉन्च करने का फैसला किया है. नियमित करेंसी के विपरीत आपको डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी. चूंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगा, इसलिए आप इसे सीधे दूसरे व्यक्ति के डिजिटल रुपये वाले वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.
रुपये का मूल्य और विदेशी मुद्रा भंडार
एक डॉलर का मूल्य करीब 82 रुपये हो चुका है। ऐसा इस वर्ष अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की उस नीति के पश्चात हुआ है जिसमें उसने फेडरल फंड्स की दरों में तेज इजाफा किया था और उन्हें मार्च के 0.25 फीसदी से बढ़ाकर सितंबर में 3.25 फीसदी कर दिया था। अन्य कारकों मसलन तेल कीमतों आदि ने भी मदद नहीं की है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी हस्तक्षेप नहीं किया और विदेशी मुद्रा भंडार भी 3 सितंबर, 2021 के 642.45 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर से 23 सितंबर, 2022 तक करीब 104.93 अरब डॉलर घट गया। परंतु ये आंकड़े जितना बताते हैं उससे अधिक छिपाते हैं। हमें तीन पहलुओं पर विचार करना होगा।
पहली बात, डॉलर वाली परिसंपत्तियों के अलावा कुछ विदेशी मुद्रा भंडार यूरो, येन आदि विदेशी मुद्राओं में भी रहता है। विविधता की यह नीति अच्छी है। परंतु हुआ यह कि इन सभी मुद्राओं में काफी अधिक गिरावट आई और इसके चलते रिजर्व बैंक को विदेशी मुद्रा की हानि हुई। बहरहाल, अगर इन अन्य मुद्राओं का अवमूल्यन स्थायी न हो तो उस स्थिति में अभी जो नुकसान दिख रहा है वह आगे चलकर नहीं दिखेगा।
SBI: 37 अरब डॉलर रह गया बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार, एसबीआई ने कहा- रुपये-टका में कारोबार करें निर्यातक
एसबीआई ने निर्यातकों से कहा है कि वे बांग्लादेश के साथ डॉलर व अन्य बड़ी मुद्राओं में कारोबार करने से बचें। इसकी जगह पर रुपये और टका में व्यापार कर सकते हैं।
बांग्लादेश की 416 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था ऊर्जा और भोजन की बढ़ती कीमतों से जूझ रही है, क्योंकि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने अपने चालू खाते के घाटे को बढ़ा दिया है। घटती विदेशी मुद्रा इसे आईएमएफ जैसे वैश्विक उधारदाताओं की ओर मुड़ने के लिए मजबूर करती है। एसबीआई ने 24 अगस्त को अपनी सभी शाखाओं को भेजे पत्र में कहा, हाल में उच्च आयात बिल और डॉलर के मुकाबले बांग्लादेशी टका की कमजोरी से वह विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है।
विस्तार
एसबीआई ने निर्यातकों से कहा है कि वे बांग्लादेश के साथ डॉलर व अन्य बड़ी मुद्राओं में कारोबार करने से बचें। इसकी जगह पर रुपये और टका में व्यापार कर सकते हैं।
बांग्लादेश की 416 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था ऊर्जा और भोजन की बढ़ती कीमतों से जूझ रही है, क्योंकि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने अपने चालू खाते के घाटे को बढ़ा दिया है। घटती विदेशी मुद्रा इसे आईएमएफ जैसे वैश्विक उधारदाताओं की ओर मुड़ने के लिए मजबूर करती है। एसबीआई क्यों हम मुद्राओं को व्यापार कर सकते हैं क्यों हम मुद्राओं को व्यापार कर सकते हैं ने 24 अगस्त को अपनी सभी शाखाओं को भेजे पत्र में कहा, हाल में उच्च आयात बिल और डॉलर के मुकाबले बांग्लादेशी टका की कमजोरी से वह विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है।
भारत-सऊदी अरब में रुपये व रियाल कारोबार में चर्चा
भारत और सऊदी अरब ने रुपये व रियाल में कारोबार करने के साथ रूपे कार्ड एवं यूपीआई में भी कारोबार करने पर चर्चा कर रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के रियाद दौरे पर इस बारे में चर्चा हुई है।
इन देशों में इस्तेमाल कर सकते हैं भारत की करेंसी
भारतीय मुद्रा को जिम्बाब्वे ने घोषित किया है लीगल टेंडर मनी।
- कई अर्थव्यवस्थाएं अपने देश में करती हैं भारतीय मुद्रा का इस्तेमाल।
- जिम्बाब्वे ने भारतीय रुपये को अपना लीगल टेंडर मनी घोषित किया है।भारत के व्यापारी को एक भारतीय रुपये के बदले ज्यादा नेपाली मुद्रा मिलती है।
- भारत के व्यापारी को एक भारतीय रुपये के बदले ज्यादा नेपाली मुद्रा मिलती है।
2. नेपाल
नेपाल एक ऐसा देश है जिसे भारत का ही एक अभिन्न अंग कहा जाए तो गलत नहीं होगा। नेपाल ने दिसम्बर 2018 से 100 रुपये से बड़े मूल्य के भारतीय नोटों को बंद कर दिया है लेकिन 200 रुपये से कम के नोट बेधड़क स्वीकार किये जा रहे हैं। जब 2016 में भारत ने नोटबंदी की थी तब वहां पर लगभग 9.48 अरब रुपये मूल्य के भारतीय नोट इस्तेमाल किए जा रहे थे। भारत के व्यापारी नेपाल से व्यापार करने को उत्सुक रहते हैं क्योंकि भारत के व्यापारी को एक भारतीय रुपये के बदले ज्यादा नेपाली मुद्रा मिलती है।
क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा
डिजिटल करेंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 फरवरी 2022,
- (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल क्यों हम मुद्राओं को व्यापार कर सकते हैं करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.
किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों – जानें उन देशों के नाम!
अगर आप विदेश घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको करेंसी को लेकर एक अलग ही सिरदर्द रहता है। आप भारतीय करेंसी को डॉलर में बदलवाते हैं, फिर उसे उस देश की करेंसी में चेंज कराते हैं। लेकिन अगर आपको ये पता चले कि कुछ देश ऐसे है, जहां पर भारतीय करेंसी को बदलावने की झंझट नहीं होगी, बल्कि भारतीय करेंसी से ही आप खरीदारी कर सकते हैं, तो आप काफी खुश होंगे। इस लेख के जरिए हम आपको बताने वाले हैं कि किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों (In which countries Indian currency is valid and why in Hindi)?
विश्वभर में लगभग 85% अमेरिकी डॉलर की सहायता से ही लेनदेन होता है। पूरे विश्व में लोग लगभग 39% कर्ज अमेरिकी डॉलर के माध्यम से देते हैं। कुल डॉलर में से 65 परसेंट डॉलर का उपयोग अमेरिका के बाहर किया जाता है। इसी कारण विदेशी बैंकों को दूसरे देश में व्यापार करने के लिए डॉलर की आवश्यकता पड़ती है। इसी वजह से डॉलर अंतरराष्ट्रीय व्यापार करेंसी के नाम से भी जाना जाता है और पूरे विश्व में डॉलर को इंटरनेशनल करेंसी भी कहते हैं, इसीलिए लगभग सभी देशों में सामान का मूल्य चुकाने के लिए डॉलर का इस्तेमाल किया जाता है, परंतु भारत की मुद्रा भी डॉलर से कम नहीं है, रुपए का इस्तेमाल भी सभी देशों में आसानी से हो जाता है इसलिए लोग भारत की करेंसी मैं लेन- देन करना भी पसंद करते हैं। अमेरिकी डॉलर की तरह भारतीय मुद्रा रुपए को भी कई देशों में सम्मान मिलता है और कुछ देश तो ऐसे हैं जिनमें केवल भारतीय मुद्रा के द्वारा ही लेन- देन किया जाता है। बांग्लादेश, नेपाल, मालदीप और भूटान जैसे देशों में भारतीय मुद्रा को ही स्वीकारा गया है और जिंबाब्वे में भी भारतीय करेंसी को लीगल रूप से मान्यता प्राप्त है। इस लेख के माध्यम से हम आपको किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों (In which countries Indian currency is valid and why in Hindi) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
भारतीय करेंसी | Indian currency in Hindi
भारतीय करेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसका इस्तेमाल भारत के अलावा अन्य देशों में भी बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है। इस करेंसी का अन्य देशों में इस्तेमाल करने का मुख्य कारण भारत का इन देशों में किया क्यों हम मुद्राओं को व्यापार कर सकते हैं जाने वाला निर्यात है। कोई भी करेंसी इंटरनेशनल करेंसी तभी बनती है, जब उस देश से बहुत अधिक मात्रा में निर्यात किया जाता है। आयात करने से कोई भी करेंसी इंटरनेशनल करेंसी नहीं बनती है। आइए नीचे जानते हैं कि किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों?
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किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों | In which countries Indian Currency is Valid and Why
नेपाल
भारत की करेंसी का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में नेपाल में किया जाता है। इतनी अधिक मात्रा में उपयोग करने का मुख्य कारण यह है कि भारत के 1 रुपए की कीमत नेपाल के 1.60 रुपये के बराबर है। हम भारत के ₹1 को देकर नेपाल के 1.60 रुपए खरीद सकते हैं। इस बात का अंदाज हम इस प्रकार लगा सकते हैं कि जब भारत में सन 2016 में नोटबंदी की गई थी तब नेपाल में लगभग 9.48 अरब रुपए के भारत के नोट चल रहे थे। भारत से व्यापार करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत के 1 रुपए के बदले में नेपाल के ज्यादा रुपए मिल जाते हैं, इसलिए भारत के लोग नेपाल के साथ व्यापार करना ज्यादा पसंद करते हैं। वर्ष 2017-18 के पहले के 11 महीनों को देखा जाए तो नेपाल से भारत में लगभग 42.34 अरब रुपए का निर्यात हुआ था। जबकि भारत द्वारा रुपयों का केवल 731 अरब रुपए निर्यात भेजा गया।
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