इथेरियम क्लासिक क्रिप्टोकरेंसी का चिह्न ETC है. भारतीय रुपए की कीमत के हिसाब से एक ETC की कीमत 531.69 रुपए है. इस क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार मुद्रा से जुड़ी एक ethereumclassic.github.io वेबसाइट भी है जहां पर आपको इससे जुड़ी कई सारी जानकारी मिल जाएंगी.

क्रिप्टो सट्टेबाजी का जरिया है, निजी क्रिप्टोकरेंसी से वित्तीय संकट का खतरा : आरबीआई गवर्नर

NewDelhi : निजी क्रिप्टोकरेंसी से वित्तीय संकट पैदा हो सकता है. क्रिप्टो सट्टेबाजी का जरिया है. यह कहते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोगों को चेताया है. बता दें कि आरबीआई गर्वनर पिछले कई माह से क्रिप्टोकरेंसी से लगातार आगाह करते रहे हैं.
आरबीआई गर्वनर BFSI समिट में बोल रहे थे. उनका कहना था कि वित्तीय स्थिरता के लिए क्रिप्टोकरेंसी बेहद खतरनाक है. कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यूएशन का कोई आधार नहीं है. यह पूरी तरह अनुमान पर आधारित है. जान लें कि आरबीआई गर्वनर पहले भी कह चुके हैं कि इससे देश की व्यापक आर्थिक ( Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता ( Financial Stability) को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

माना जा रहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए संसद में बिल लेकर आयेगी. लेकिन सरकार इस बिल को लाने से पीछे हट चुकी है. हाल ही में संसद में सरकार से इसे लेकर क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार सवाल भी पूछा गया. जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी एक ग्लोबल मुद्दा है. और केवल भारत में रेग्युलेट करने से काम नहीं चलेगा. पूरी दुनिया को साथ मिलकर इसे रेग्युलेट करने के लिए कदम उठाने होंगे.

सीतारमण ने 30 फीसदी टैक्स लगाने का सुझाव दिया था

2022-23 वित्त वर्ष के लिए बजट करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का सुझाव दिया था, जो एक अप्रैल 2022 से लागू हो चुका है. एक अप्रैल, 2022 से बिट्कॉइन जैसे सभी क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर पर सरचार्ज क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार और सेस के साथ 30 फीसदी इनकम टैक्स वसूली का नियम लागू है. इसके बाद वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) यानि क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (NFT) के ट्रांसफर पर किए जाने भुगतान पर 1 फीसदी टीडीएस ( Tax Deducted At Source) लगाने का प्रावधान लागू हो चुका है.

10,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस (TDS) लगा दिया गया था. क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर के समय अगर खरीदार के पास पैन नहीं है तो 20 फीसदी के दर से टैक्स लगाने का नियम है. और अगर खरीदार ने आयकर रिटर्न नहीं भरा है तो 5 फीसदी के दर से टीडीएस का भुगतान करना होता है.

आज से 7 बड़े बदलाव, जिनका असर जेब पर पड़ेगा: कॉमर्शियल सिलेंडर सस्ता, बाइक महंगी हुई; आधार-पैन लिंक और टैक्स से जुड़े नियम भी बदले

एक जुलाई यानी आज से देशभर में कई बदलाव हुए हैं। इनका सीधा असर आपकी जेब और जिंदगी पर पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि नियमों की जानकारी पहले ही आपको हो। आज से कॉमर्शियल गैस सिलेंडर सस्ता हो गया है। वहीं आधार-पैन लिंक करने के लिए 1000 रुपए चार्ज देना होगा। हम आपको ऐसे 7 बदलावों के बारे में बता रहे हैं.

1. कॉमर्शियल गैस सिलेंडर सस्ता
कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई है। द‍िल्‍ली में 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत 2219 रुपए से घटकर 2021 रुपए हो गई है। इसी तरह कोलकाता में 2322 रुपए के मुकाबले अब यह स‍िलेंडर 2140 रुपए में म‍िलेगा। मुंबई में कीमत 2171.50 रुपए से घटकर 1981 रुपए और चेन्‍नई में 2373 से घटकर 2186 रुपए हो गई है।

Cryptocurrency: जानिए सभी करेंसी के नाम और उनकी कीमतों के बारे में

Cryptocurrency: जानिए सभी करेंसी के नाम और उनकी कीमतों के बारे में

आजकल हर जगह Cryptocurrency का खूब जिक्र किया जा रहा है. वहीं हर कोई व्यक्ति जानना चाहता है, कि आखिर क्यों यह इतने कम समय में एक महत्वपूर्ण चीज बन गई है. आपको क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार बता दें, की दुनिया में हर जगह पर Cryptocurrency को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह है. अभी कुछ लोगों को इसके बारे क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार में थोड़ी बहुत जानकारी है. लेकिन अभी, उन्हें यह नहीं पता कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है.

आपको बता दें, कि Cryptocurrency डिजिटल दुनिया की देन है. आजकल की डिजिटल दुनिया में कई तरह की खोज की जा रही हैं. इन्हीं खोजों में से एक खोज का नाम Cryptocurrency है. इसके नाम से पता चल रहा है, कि यह किसी प्रकार की मुद्रा या करेंसी है. इसे एक ई-करेंसी या डिजिटल करेंसी के रूप में देखा जाता है. बता दें, कि यह अन्य करेंसियों जैसी नहीं होती है. इन करेंसी का लेन-देन कंप्यूटर के माध्यम से ही किया जाता है. आप भी Cryptocurrency को यूरो, डॉलर या फिर किसी भी मुद्रा से खरीद सकते हैं.

जानिए प्रसिद्ध Cryptocurrency के नाम की सूची और उनकी कीमत

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि दुनिया में आज कई तरह की Cryptocurrency मौजूद हैं. इन Cryptocurrency को लोगों द्वारा खूब खरीदा भी जा रहा है. जानिए कुछ ऐसी Cryptocurrency के बारे में.

बिटकॉइन(Bitcoin): दुनिया की सबसे पहले बनाई जाने वाली Cryptocurrency या डिजिटल करेंसी की बात करें तो वो बिटकॉइन है. बिटकॉइन Cryptocurrency की खोज साल 2009 में की गई थी. आपको बता दें, इस करेंसी की खोज एक जापान के निवासी द्वारा की गई थी, जिसका नाम Satoshi Nakamoto बताया जाता है. इस वक्त 1 बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार लगभग 33,85,337.29 रुपए है.

लाइटक्वाइन (Litecoin): क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार लाइटक्वाइन एक तरह की Cryptocurrency है. आपको बता दें, कि इसे Charles Li द्वारा बनाया गया है. वहीं इस मुद्रा का चिह्न LTC है. इस क्रिप्टोकरेंसी को साल 2011 में बाजार में उतारा गया था. इस वक्त एक 1 LTC की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार करीब 13,296.75 रुपए है.

अगले वित्तीय संकट का कारण क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन हो सकता है: शक्तिकांत दास

बी.एफ.एस.आई इनसाइट समिट में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अनियमित मुद्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि ये हमारे व्यापक आर्थिक हितों और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम है। श्री दास ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान क्रिप्टो करेंसी के प्रचलन में बहुत कुछ नया होते देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार भर के अधिकांश केंद्रीय बैंकर क्रिप्टोकरेंसी से सचेत रहे हैं। श्री दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तीन मुख्य चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो निजी क्रिप्टो की उत्पत्ति व्यवस्था को तोड़ने के मकसद से हुई है और इसके पक्षधर विनियमित वित्तीय विश्व में विश्वास नहीं करते हैं। दूसरे, क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है और इसे लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है कि ये किस सार्वजनिक कल्याण या उद्देश्य की पूर्ति के लिए है।

बिटटोरेंट क्रिप्टोक्यूरेंसी (BTT)

BitTorrent यह इंटरनेट के माध्यम क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार से फाइलों के आदान-प्रदान और वितरण के साथ जुड़ा हुआ है। यह प्रोटोकॉल और सॉफ्टवेयर एक अमेरिकी प्रोग्रामर द्वारा बनाया गया था कोहेन का गेट 2002 साल में।

यह फ़ाइल-साझाकरण सर्वर से छुटकारा दिलाता है और इस प्रोटोकॉल के लिए धन्यवाद फ़ाइल को साझा करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिंक क्रिप्टोक्यूरेंसी का आधार पर लोड को काफी कम करता है। सबसे बड़ा लाभ फ़ाइल को डाउनलोड करने के साथ ही लोगों के बीच बैंड का विभाजन है। डाउनलोड के दौरान, उपयोगकर्ता एक साथ फ़ाइल के कुछ हिस्सों को अन्य उपयोगकर्ताओं को भेजता है। नकल उन कंप्यूटरों के बीच होती है जो नेटवर्क बनाते हैं P2P। इस तरह के समाधान के लिए धन्यवाद, प्रतिलिपि गति सर्वर और उसके नेटवर्क कनेक्शन की क्षमताओं द्वारा सीमित नहीं है।

मूल बिटटोरेंट प्रोटोकॉल क्लाइंट Microsoft Windows, Mac OS X और Linux पर संस्करणों में उपलब्ध है।

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