विश्व बैंक (WB) द्वारा जारी “टूलकिट ऑन एनेब्लिंग जेंडर रेस्पॉन्सिव अर्बन मोबिलिटी एंड पब्लिक स्पेसेस इन इंडिया” के अनुसार, महिलाएं भारत में सार्वजनिक परिवहन के सबसे अधिक उपयोगकर्ताओं में से हैं, जो सभी महिलाओं की यात्रा का 84% हिस्सा है।

Rajasthan: राजस्थान पुलिस का अपनी मांगों के साथ अभियान, सरकार तक बात पहुंचाने के लिए बनाई रणनीति

Jaipur News: पुलिसकर्मियों की मांग है कि प्रदेशभर के थानों में रिक्त पदों को भरा जाए, सभी पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ दिया जाए और उनकी ड्यूटी आठ घंटे की जाए. साथ ही उन्हें ग्रेड पे का लाभ मिले.

By: सुमित सारस्वत, अजमेर | Updated at : 16 Dec 2022 04:10 PM (IST)

(राजस्थान पुलिस, फोटो क्रेडिट- सुमित सारस्वत)

Rajasthan Police Demand: राजस्थान में कांग्रेस सरकार (Congress Government) चार साल पूरे होने का व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग जश्न मना रही है. इस बीच गहलोत सरकार से उम्मीद लगाए बैठी राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) अपनी मांगें को लेकर अभियान चला रही है. लंबे अर्से से मांगों की अनदेखी होने से निराश पुलिस ने पुरजोर तरीके से सरकार तक मांग पहुंचाने और अपनी सभी मांगें मनवाने के लिए रणनीति बनाई है. इसके तहत आज प्रदेश के 80 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी एक साथ आंदोलन के रूप में अपनी आवाज बुलंद करेंगे. वे चाहते हैं कि सरकार पुलिस की मांगों को स्वीकार करे.

ट्विटर के जरिए सरकार तक पहुंचाएंगे बात
राजस्थान का गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पास ही है. कांग्रेस सरकार की व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग चौथी वर्षगांठ के मौके पर 17 दिसंबर को सीएम गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. माना जा रहा है इस दौरान सीएम प्रदेश को कई सौगात दे सकते हैं. ऐसे में प्रदेश पुलिस आज 16 दिसंबर की शाम 7 बजे ट्विटर पर #पुलिस_डिमांड ट्रेंड करवाकर अपनी मांगें सरकार के सामने रखेगी. उन्हें विश्वास है कि समाज की सुरक्षा में दिन-रात सतर्क रहने वाले पुलिस कर्मचारियों को सीएम सौगात देंगे.

क्या हैं सरकार से पुलिस की प्रमुख मांगें
रफ्तार से बदलते वक्त में जिस तरह अपराध बढ़ रहे हैं उसकी तुलना में सूबे के पुलिस महकमे में मैनपावर की कमी है. पुलिस की मांग है कि प्रदेशभर के थानों में रिक्त पद भरें जाएं. अन्य विभागों की तरह पुलिस विभाग में भी कार्मिकों की ड्यूटी 8 घंटे हो. पुलिसकर्मियों को टाइम स्केल प्रमोशन और 3600 ग्रेड पे का लाभ मिले. प्रत्येक पुलिसकर्मी को वीकली ऑफ मिले. हालांकि, अभी अजमेर जिले के एक-दो थाने में प्रयोग के रूप में वीकली ऑफ दिया जाने लगा है.

प्रदेश में इतना बड़ा है पुलिस नेटवर्क
राजस्थान प्रदेश में पुलिस का नेटवर्क बहुत बड़ा है. यहां 7 पुलिस रेंज और 2 कमिश्नरेट हैं. 40 पुलिस जिले और 2 जीआरपी जिले हैं. प्रदेशभर में 214 पुलिस सर्किल क्षेत्र में 861 थाने और 1215 चौकियां स्थापित हैं. इनके अलावा मेवाड़ भील कोर समेत 17 आरएसी बटालियन हैं. 190 आईपीएस और 850 आरपीएस के साथ हजारों पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.

Published at : 16 Dec 2022 04:10 PM (IST) Tags: rajasthan news rajasthan government Rajasthan Police हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग

कोविड-19 की जारी वैश्विक महामारी के बीच पूरे विश्व में व्यावसायिक संस्थानों और समुदायों ने ईएसजी और नेट जीरो के प्रति अभूतपूर्व वचनबद्धता का प्रदर्शन किया है, जिसमें पुनर्विचार करने और जहाँ ज़रुरत हो वहाँ वर्तमान व्यावसायिक मॉडलों, रणनीतियों और डिजिटल रूपांतरण के प्रयासों में तेजी लाने का वादा सम्मिलित है।

रूबिक्स के चीफ आर्किटेक्ट और फाउंडर, के.सी.रेड्डी ने कहा कि, “जहाँ ये वचनबद्धताएं उत्साहवर्द्धक है, वहीं कार्यान्वयन में अनेक बाधाएँ है, जिनमें जलवायु कारवाईयों के डिजिटलीकरण के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रमुख है।

वर्ष 2020 में दूरस्थ काम-काज (रिमोट वोर्किंग), रहने और सीखने की शुरुआत के बाद से त्वरित डिजिटल युक्ति अनेक व्यावसायिक संगठनों और व्यक्तियों के लिए अस्तित्व बनाए रखने का एकमात्र विकल्प बन गया है। भविष्य-रक्षित उत्पादों, सेवाओं और व्यावसायिक प्रतिदर्शों को आरम्भ करने के बाद या प्रयास सदी में एक बार के सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के प्रति एकल-प्रयोग त्वरित प्रतिक्रिया से अधिक साबित हुए हैं। वे अब दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन में अन्तर्निहित सामायिक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का पता लगाने के व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग तरीके में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

श्री रेड्डी ने कहा कि, “उद्यमों और उनके हिस्सेदारों को सूचनाओं को प्राप्त करने, पता लगाने, सूचित करने और सत्यापित व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग करने के लिए एक व्यापक तथा सर्वांगीण सिस्टम रखने की ज़रुरत है। इससे पारदर्शी व्यावसायिक निर्णय निर्धारण में आसानी होगी जिसके फलस्वरूप संगठनात्मक दक्षता बेहतर बनेगी और जलवायु कारवाईयों में तेजी आयेगी। जलवायु कारवाईयों को डिजिटलीकृत करने के इन अगली पीढ़ी के प्रयासों को वेब3 टेक्नोलॉजी पर अवश्य ही आधारित होना चाहिए।”

टीआरएसटी01 के सीईओ, प्रबीर मिश्रा ने कहा कि, “कोविड उनके व्यवसाय के प्रति सभी संभावित खतरों के बारे में सोचने की चेतावनी बन गया और उन्‍होंने तुरंत मान लिया कि उन्हें जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए वह सब करने की ज़रुरत है जो वे कर सकते हैं। व्यावसायिक संगठन और व्यक्तियों को पता है कि उन्हें उसी सामूहिक दृष्टि के साथ जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की ज़रुरत है जिस दृष्टि ने उन्हें कोविड महामारी से लड़ने में मदद की थी। पूरी दुनिया में विशेषकर वेब3 तकनीकों की मदद से समस्या समाधान के बढ़ते फायदों को स्वीकार करने वालों से सभी व्यावसायिक संगठनों और व्यक्तियों के ओर से अभूतपूर्व माहौल, ईएसजी और नेट जीरो प्रतिबद्धता को देखना प्रेरणादायक है।”

टीआरएसटी01 और रूबिक्स अपने विकेंद्रीकरण और समकक्षों के बीच (पीर-टू-पीर) वेब3 टेक्नोलॉजी आर्किटेक्चर द्वारा निर्धारित अपनी तरह की प्रथम नवाचारी साझेदारी है। यह यूजर्स को जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में अभिन्न अंशदाता बनने के लिए सशक्त बनाने में सक्षम होगा। इन वेब3 तकनीकों का संयुक्त लाभ उठाना वास्तविक व्यावसायिक जगत के प्रतिबिम्ब से ज्यादा प्रदान करता है। यह अपने स्रोत पर सूचना को कैप्चर करने, मालिक की पहचान पता करने, और अनावश्यक भंडारण के माध्यम से छेड़छाड़ तथा जालसाजी को रोकने के लिए एक सम्पूर्ण नए परिदृश्य की पुनर्रचना करता है।

तो भी, एक शून्य कार्बन भविष्य की कल्पना और कार्यान्वयन करने के लिए एक समझ अपेक्षित है कि जलवायु परिवर्तन के हल के लिए समयसीमा का लक्ष्य इधर-उधर हो सकता है। मई 2022 से ग्लोबल गवर्नमेंट फोरम पीस ने ठीक ही कहा कि जलवायु नीति पहल यानी क्लाइमेट पॉलिसी इनिशिएटिव (सीपीआइ) ने “चेतावनी दी है कि जलवायु वित्तीयन में लगातार वृद्धि के बावजूद यह जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए ज़रा भी पर्याप्त नहीं है। सीपीआइ का अनुमान व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग है कि विश्व को जलवायु परिवर्तन के सबसे हानिकारक पहलुओं का मुकाबला करने के लिए वर्ष 2030 तक कम से कम 4.5 ट्रिलियन यूएस डॉलर से लेकर 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर सालाना निवेश करने की ज़रुरत है, जो 590% (मौजूदा खर्च के स्तरों पर) की आश्चर्यजनक वृद्धि है।”

इसके अलावा पीस ने उल्लेख किया है, “फिलहाल सरकारें, मुख्यतः विकास वित्त संस्थानों के माध्यम से जलवायु वित्तीयन का सबसे बड़ा फण्ड प्रदाता हैं। सीपीआइ रिपोर्ट ग्लोबल लैंडस्केप ऑफ़ क्लाइमेट फाइनेंस के अनुसार वर्ष 2019 से 2020 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र ने विश्व के जलवायु फंडिंग का 51% यानी 321 बिलियन यूएस डॉलर का योगदान किया। व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग अगर जलवायु फंडिंग को वास्तविक बदलाव लाने के लिए पूर्वानुमानित स्तर पर पहुंचना है तो इसे बदलना होगा। [बायसा] नारण [सीपीआइ के क्लाइमेट फाइनेंस ट्रैकिंग का नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ विश्लेषक] का कहना है कि ‘अगर हम सार्वजनिक धन का एक-एक डॉलर भी खर्च कर दें तो भी हम वहाँ तक नहीं पहुँचने वाले हैं। स्पष्ट उत्तर है, निजी क्षेत्र के ज्यादा संसाधनों को आगे बढ़ाना।”

टीआरएसटी01 और रूबिक्स की ग्रीन ब्लॉकचेन तकनीक एवं समाधान इन संसाधनों को चिन्हित करने में सहायक हो सकते हैं और एक शून्य कार्बन भविष्य के लिए आवश्यक बदलावों के वित्तीयन की जिम्मेवारी कौन लेगा, इसकी गतिशीलता बदलने के प्रति महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।

रूबिक्स ब्लॉकचेन प्राइवेट लिमिटेड के विषय में: रूबिक्स समकक्ष संगठनों के बीच (पीर टू पीर) डेटा स्थानान्तरण और लेन-देन के लिए लेयर-1 ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल है। रूबिक्स सिंगापुर, भारत, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यवसाय करता है। यह एक वेब स्केल प्रोटोकॉल है जो शून्य ट्रांजैक्शन फीस, न्यूनतम अवसंरचनागत लागत, उच्च सुरक्षा और निजता के साथ काम करता है। प्रति ट्रांजैक्शन 1 केडब्लूएच से भी कम के साथ रूबिक्स सभी कंप्यूटिंग नेटवर्क के बीच सबसे कम ऊर्जा खपत वाले सॉफ्टवेर में से एक है। रूबिक्स सॉफ्टवेयर को किसी भी पीसी या वर्चुअल मशीन पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। रूबिक्स कम्युनिटी में 12,500 से अधिक यूजर्स हैं। https://rubix.net/

टीआरएसटी01 के विषय में:

टीआरएसटी01 (ट्रस्ट ओ वन) ब्लॉकचेन-प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो भरोसे, पारदर्शिता और पता लगाने की क्षमता (ट्रेसेबिलिटी) पर उद्योग की कठिनाइयों के समाधान हेतु उभरती प्रौद्योगिकी का प्रयोग करती है। टीआरएसटी01 का विशिष्ट प्रौद्योगिकी मंच उभरती डिजिटल रूपातंरण से जुड़ी चुनौतियों को संबोधित करता है। इस कंपनी का मुख्यालय भारत में है।

व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग

विश्व बैंक की रिपोर्ट: महिलाएं भारत में सार्वजनिक परिवहन की प्राथमिक उपयोगकर्ता हैं

Women biggest users of public transport in India

विश्व बैंक (WB) द्वारा जारी “टूलकिट ऑन एनेब्लिंग जेंडर रेस्पॉन्सिव अर्बन मोबिलिटी एंड पब्लिक स्पेसेस इन इंडिया” के अनुसार, महिलाएं भारत में सार्वजनिक परिवहन के सबसे अधिक उपयोगकर्ताओं में से हैं, जो सभी महिलाओं की यात्रा का 84% हिस्सा है।

  • रिपोर्ट का उद्देश्य भारतीय शहरों के लिए एक खाका के रूप में काम करना है कि सार्वजनिक परिवहन का निर्माण कैसे किया जाए जो महिलाओं की यात्रा की जरूरतों को अधिक अनुकूल बना सके।

i. विश्व बैंक टूलकिट 2019 में मुंबई (महाराष्ट्र) में 6,048 उत्तरदाताओं के विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित सर्वेक्षण के जवाब में विकसित किया गया व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग था।

ii. एक समावेशी डिजाइन की अनुपस्थिति, सामर्थ्य और सुरक्षा की कमी के अलावा, भारत में सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं की उपस्थिति और श्रम बल की भागीदारी पर प्रभाव पड़ता है, जो 2019-2020 में 22.8% था।

  • भारत में 2020-21 में 26.2% पर दुनिया में सबसे कम महिला श्रम बल भागीदारी दर व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग है।

iii. टूलकिट में दी गई सिफारिशें दुनिया भर के शहरों द्वारा 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रयासों की समीक्षा पर आधारित हैं।

WB रिपोर्ट की सिफारिशें

i. भारतीय शहरों के लिए WB टूलकिट नई और मौजूदा परिवहन नीतियों और रणनीतियों में एक लैंगिक परिप्रेक्ष्य को शामिल करने का प्रस्ताव करता है।

  • यह स्थानीय सरकारों और सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों जैसे प्रमुख संगठनों में निर्णय लेने में महिला प्रतिनिधित्व में वृद्धि की मांग करता है।

ii. रिपोर्ट में पैदल चलने वालों और साइकिल चलाने के रास्तों के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट में भी सुधार करने का आग्रह किया गया है।

iii. यह विश्व बैंक समर्थित चेन्नई शहर साझेदारी परियोजना के हिस्से के रूप में चेन्नई (तमिलनाडु) में लिंग-उत्तरदायी शहरी परिवहन पहलों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के व्यावहारिक अनुभव पर आधारित है।

  • एक सुरक्षित और अधिक समावेशी शहर को बढ़ावा देने के लिए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन में नव स्थापित जेंडर एंड पॉलिसी लैब द्वारा दो साल की कार्य योजना भी विकसित की गई है।

रिपोर्ट से मुख्य अवलोकन:

i. विश्व बैंक की रिपोर्ट ने पुरुषों और महिलाओं के यात्रा पैटर्न की भी जांच की।

  • रिपोर्ट के मुताबिक, 45.4% भारतीय महिलाएं काम पर पैदल जाती हैं, जबकि केवल 27.4% पुरुष पैदल ही काम पर जाते हैं।

ii. ज्यादातर महिलाएं जो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करती हैं, बस से यात्रा करती हैं, जो परिवहन का एक धीमा तरीका है, क्योंकि यह तेजी से चलने वाले साधनों की तुलना में अधिक सस्ती है, जो महंगे हैं।

iii. रिपोर्ट के मुताबिक, एक अच्छी शिकायत निवारण प्रणाली यौन उत्पीड़न के आरोपों में तेजी लाने में मदद कर सकती है।

iv. टूलकिट में व्यावहारिक उपाय शामिल हैं जो नीति निर्माताओं, व्यापार और समुदाय-आधारित संगठनों और अन्य लोगों को भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित और समावेशी सार्वजनिक क्षेत्रों और सार्वजनिक परिवहन को सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं।

हाल के संबंधित समाचार:

नवंबर 2022 में, विश्व बैंक (WB) ने ‘फाइनेंसिंग इंडियाज अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर नीड्स: कंस्ट्रेंट्स टू कमर्शियल फाइनेंसिंग एंड प्रॉस्पेक्ट्स फॉर पॉलिसी एक्शन’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार, भारत को तेजी से बढ़ती शहरी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले 15 वर्षों में 2036 तक (2020 की कीमतों में) या औसतन 55 बिलियन अमरीकी डालर (4.46 लाख करोड़ रुपये) प्रति वर्ष शहरी बुनियादी ढांचे में निवेश करने की आवश्यकता है।

विश्व बैंक (WB) के बारे में:

राष्ट्रपति – डेविड रॉबर्ट मलपास
मुख्यालय – वाशिंगटन D.C., संयुक्त राज्य अमेरिका (US)
स्थापना – 1944

अब 21 को होगी अम्बुजा प्रबंधन व ट्रक आप्रेटर्ज सोसायटियों की बैठक

सोलन (पाल): अम्बुजा सीमैंट उद्योग को बंद करने से उपजे विवाद के समाधान के लिए डी.सी. सोलन की अध्यक्षता में बुधवार को अम्बुजा व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग प्रबंधन व ट्रक आप्रेटर्ज सोसायटियों के पदाधिकारियों की एक बार फिर बैठक होगी। हालांकि पहले मंगलवार को बैठक होने की बात कही गई थी लेकिन प्रशासन ने 21 दिसम्बर को यह बैठक रखी है। यदि इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलता है तो अम्बुजा सीमैंट उद्योग में कार्यरत 8 ट्रक आप्रेटर्ज सोसायटियों की वीरवार को संयुक्त बैठक बुलाने की योजना है, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। सोसायटियों के पदाधिकारियों की मानें तो अब उन पर ट्रक ऑप्रेटरों का दबाव बढऩा शुरू हो गया है। जिस तरह से ए.सी.सी. बरमाणा सीमैंट कंपनी में ट्रक आप्रेटरों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हंै, उसी तरह ट्रक आप्रेटर अब दाड़लाघाट में भी आंदोलन करने की योजना बनाने लग गए हैं। यही वजह है कि डी.सी. कृतिका कुल्हारी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक पर ट्रक आप्रेटरों की नजरें टिकी हुई हंै।

सूत्रों की मानें तो बैठक में सरकारी सीमैंट रेट यानी 9.06 रुपए प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर का भी प्रस्ताव आ सकता है लेकिन लगता नहीं ट्रक ऑप्रेटर इस रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार हांगे क्योंकि वे 1 अप्रैल, 2019 से देय हाइक को भी अड़े हुए हैं। हालांकि ऑप्रेटरों ने 16 दिसम्बर की बैठक में कंपनी को हाइक के मसले पर चर्चा करने के लिए 31 मार्च, 2023 का समय दिया और वर्तमान रेट पर ही माल ढुलाई की हामी भरी। अब देखना है कि 21 दिसम्बर को डी.सी. की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में क्या रणनीति बनती है।

अब आंदोलन किया जाएगा : बालक राम शर्मा
अम्बुजा सीमैंट कंपनी में कार्यरत ए.डी.के.एम. (अम्बुजा दाड़ला कशलोग मांगू) ट्रक ऑप्रेटर्ज सोसायटियों के अध्यक्ष बालक राम शर्मा ने स्पष्ट कहा कि यदि 21 दिसम्बर की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला तो व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग अब आंदोलन शुरू होगा। सभी 8 ट्रक ऑप्रेटर्ज सोसायटियों की वीरवार को संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी। हालांकि आंदोलन शांति पूर्ण होगा। उद्योग कंपनी ने बंद किया है लेकिन दबाव के आगे अब ऑप्रेटर्ज नहीं झुकेंगे।

उद्योग में बाहर की गाडिय़ां नहीं चलने देंंगे : रामकृष्ण शर्मा
बाघल लैंड लूजर्स ट्रक ऑप्रेटर सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि माल ढुलाई वर्तमान रेट पर ही होगी। यदि कंपनी यह सोच रही है कि बाहर के ट्रकों से माल ढुलाई होगी तो ऐसा ऑप्रेटर होने नहीं देंगे। ट्रक ऑप्रेटर शांति से 21 दिसम्बर को होने वाली बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। यदि नतीजा नहीं निकला तो ट्रक ऑप्रेटर ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों को लामबंद कर आंदोलन का भी रास्ता अपनाना पड़ेगा तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे।

ट्रक ऑप्रेटरों का है व्यापार रणनीतियों को स्केलिंग भारी दबाव : जयदेव कौंडल
अम्बुजा सीमैंट उद्योग में कार्यरत ए.डी.टी.ओ. (सोलन जिला ट्रक ऑप्रेटर) सहकारी सभा के प्रधान जयदेव कौंडल का कहना है कि ट्रक ऑप्रेटरों का अब भारी दबाव है। हालांकि अभी शांति बनी हुई है। उम्मीद है कि जिला प्रशासन के साथ 21 दिसम्बर को होने वाली बैठक में कोई नतीजा निकलेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संयुक्त बैठक में अगली रणनीति बनाई जाएगी।

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