इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।

क्रिप्टोकरेंसी का मूलभूत विश्लेषण

भारत में कैसे खरीदें शीबा इनू?

इस साल के शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालो की सूची में निचले पायदान पर खिसक गई Meme-आधारित क्रिप्टो करेंसी शीबा इनू एक बार फिर वापसी करती दिख रही है। करीब 23 अरब डॉलर के मार्केट कैप वाली इस क्रिप्टोकरेंसी में पिछले हफ्ते अपना ऑल टाइम हाई छुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Dogecoin-किलर शिबा इनू का वर्तमान वैल्यूएशन 0.004753 रुपये है और यह मार्केट कैप के लिहाज से 11वीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन गई है। शीबा इनू इसी तरह काम करती है, जैसे दूसरी क्रिप्टोकरेंसी काम करती है। लेकिन इसको अलग तरीके से डिजाइन किया गया है। इसे समझने के लिए हम बिटकॉइन का उदाहरण लेते हैं। बिटकॉइन की संख्या सीमित है, लेकिन शीबा इनू की कोई सीमा नहीं है। इसका कुल सर्कुलेशन सप्लाई एक क्वाड्रिलियन (quadrillion) है।

अगला बड़ा टोकन ?

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पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी सुर्खियों में है। क्रिप्टोमार्केट में नए-नए इनोवेशन हो रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी के मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

हालांकि कई देश ऐसे हैं, जो डिजिटल करेंसी को लेकर आशंकित हैं। क्रिप्टोकरेंसी को एलन मस्क जैसे उद्यमियों का भी सपोर्ट मिला है।

इस बीच बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू में तेजी से उछाल देखने को मिला है। अब तक काफी तेजी दिखा चुकी बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में एंट्री पॉइंट ढूंढना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में शीबा इनू जैसी नई और उभरते क्रिप्टो करेंसी निवेशकों के काम आती है। शीबा इनू में बढ़ता कारोबार इसका एक अच्छा उदाहरण है। शीबा इनू को बाजार से मिल रहे अच्छे रिस्पॉन्स की एक और वजह इसका डीसेन्ट्रलाइज्ड एक्सचेंज ShibaSwap है जो NFT (NFT (non-fungible token) ट्रेड की सुविधा देता है। यह एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने बेचने वालों के लिए एक पीयर-टू-पीयर (peer-to-peer) मार्केट प्लेस का काम करता है।

क्रिप्टो ट्रेडिंग शुरू करें

क्रिप्टोकरेंसी बाजारों की अपनी विशेषताएं हैं। आप उन्हें सीख सकते हैं और ट्रेड में उनका उपयोग कर सकते हैं। यह खंड आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग की मूलभूत बातों के बारे में शिक्षित करेगा ताकि आप आसानी से इसमें शुरुआत कर सकें।

क्रिप्टो मनी लॉन्ड्रिंग (हवाला) और अन्य के बारे में मिथकों का खंडन

कैसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करें: नौसिखियों के लिए एक गाइड

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क्रिप्टो ट्रेडिंग शुरू करने के बारे में अधिक

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक वर्चुअल असेट है। क्रिप्टोकरेंसी की मुख्य विशेषता विकेंद्रीकरण और केंद्रीय नियामक निकाय न होना है। इसका मतलब है कि बैंक और कर अधिकारी क्रिप्टो में ट्रेडिंग शुरू करने और क्रिप्टो असेट के उपयोगकर्ताओं के लेनदेन को प्रभावित या इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।

दिलचस्प बात, है ना? और यह बहुत लाभदायक भी है। इसलिए लाखों लोग क्रिप्टो में निवेश और ट्रेडिंग करने के इच्छुक हैं। क्या आप इस समुदाय में शामिल होना चाहते हैं और नौसिखियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड करने के तरीके के बारे में दिशानिर्देश ढूंढ रहे हैं? आप सही जगह पर आ पहुंचे हैं।

Olymp Trade का आधिकारिक ब्लॉग क्रिप्टो ट्रेडिंग शुरू करने और इस रोमांचक दुनिया से अधिकतम लाभ उठाने के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। चूंकि प्लेटफॉर्म सीधे कॉइन या टोकन को खरीदे बिना एक अंतर्निहित असेट के रूप में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने का अवसर प्रदान करता है, कोई भी क्रिप्टोकरेंसी का आगमन इस बाजार से लाभ उठा सकता है, बिना किसी अपवाद के।

हरियाणा पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने क्रिप्टोकरेंसी का आगमन बृहस्पतिवार को कहा कि मास्टरमाइंड- हरिंदर चहल उर्फ सोनू चहल ने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाकर उन्हें धोखा दिया कि उनके पास बिटकॉइन हैं, जबकि पर्स में नकली बिटकॉइन थे।

उन्होंने बताया कि चहल और उनके सहयोगियों ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में से एक, बिनेंस के नाम का इस्तेमाल किया और उन्होंने बिटकॉइन व्यवसाय के लिए ऑनलाइन पैसा निवेश करने पर उन्हें भारी कमाई करवाने के बहाने से लोगों को धोखा दिया।

डीजीपी ने कहा कि मामला हाल ही में तब सामने आया जब सोनीपत के सेक्टर-23 निवासी प्रवेश कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि हिसार जिले के माधा गांव निवासी चहल ने उसके साथ धोखाधड़ी की है.

क्रिप्टो मुद्रा पर कर से बाजार की ‘गहराई’ का पता चलेगा: सीबीडीटी प्रमुख

महापात्र ने कहा कि कर अधिकारियों के लिये इस क्षेत्र में प्रवेश का यह सही समय है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और उससे निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर राष्ट्रीय नीति और नियमन तैयार किये जाएंगे।

वित्त मंत्री ने 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों पर कराधान को स्पष्ट किया। उन्होंने ऐसी संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाली आय को लेकर क्रिप्टोकरेंसी का आगमन 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने का भी प्रस्ताव किया।

दो तरह की होगी CBDC

– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है

पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।

RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।

डिजिटल करेंसी के फायदे

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे

बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।

CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के क्रिप्टोकरेंसी का आगमन ट्रांजैक्शन होगा

चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी

CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है

अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।

भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।

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