RBI issues alert list

RBI Alert List: इन 34 वेबसाइट्स से रहें सावधान, वरना एक गलती पड़ जाएगी भारी; आरबीआई ने दी ये चेतावनी

RBI issues Alert List: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फॉरेक्स ट्रेड में शामिल 34 गैर अधिकृत एंटिटीज की एक अलर्ट लिस्ट जारी की है. RBI ने कहा कि ये सभी वेबसाइट्स फॉरेक्स ट्रेड (Forex Trade) के लिए अधिकृत नहीं हैं.

RBI issues Alert List: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फॉरेक्स ट्रेड में शामिल 34 गैर अधिकृत एंटिटीज की एक अलर्ट लिस्ट जारी की है. RBI ने कहा कि ये सभी वेबसाइट्स फॉरेक्स ट्रेड (Forex Trade) के लिए अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सर्च इंजन, ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म और गेमिंग ऐप समेत भारतीय निवासियों को फॉरेक्स ट्रेड फैसिलिटी की पेशकश करने वाले अनऑथराइज़्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के भ्रामक एड्स के खिलाफ भी आगाह किया है.

RBI की ओर से जारी अलर्ट लिस्ट में 34 नाम

RBI की ओर से जारी अलर्ट लिस्ट में 34 नाम हैं. RBI ने लोगों को चेतावनी देते हुए इन 34 प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने से मना किया है. RBI ने साफ किया है कि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए अगर विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आरबीआई ने जारी की अलर्ट लिस्ट: इन 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अवैध घोषित किया

आरबीआई ने 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी की है. लिस्ट जारी करते हुए आीबीआई ने कहा है कि कोई भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2022,
  • (Updated 11 सितंबर 2022, 2:22 PM IST)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETPs) से विदेशी मुद्रा लेनदेन को लेकर चेतावनी दी है. आरबीआई ने उन संस्थाओं की एक 'अलर्ट लिस्ट' जारी की है. जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही अपनी वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं.

एक विज्ञप्ति में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जारी की गई 'अलर्ट सूची' में ऐसी कंपनियों के नाम है जो आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने बताया कि FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म फेमा के तहत केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और कुछ उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं. सभी कंपनियों को केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से विदेशी मुद्रा में सौदा अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए.

आरबीआई ने कहा कि जनता को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा / जमा न करें. आरबीआई की तरफ से प्रतिबंधित 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पूरी लिस्ट यहां दी गई है.

फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई की तरफ से अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइटों की अलर्ट लिस्‍ट

भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने इस सप्ताह अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी मुद्रा लेनदेन में शामिल संस्थाओं की एक अलर्ट सूची जारी की। इसमें एक ऐप ऐसा भी है जो IPL टीम दिल्‍ली कैपिटल को स्‍पॉन्‍सर करता है। यह अवैध संस्‍था या ऐप लोगों से हाई रिटर्न का वादा करके लुभाते हैं। आरबीआई ने कहा कि इन अवैध प्‍लेटफॉर्म के यूजर्स पर मुकद्दमा चलाया जा सकता है।

अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्‍पॉन्‍सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है, वरना यूजर्स पर कार्रवाई भी की जा सकती है। यहां अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स और वेबसाइटों की पूरी सूची है।

अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप

Alpari, AnyFX, Ava Trade, Binomo, e Toro, Exness, Expert Option, FBS, FinFxPro, Forex.com, Forex4money, Foxorex, FTMO, FVP Trade, FXPrimus, FXStreet, FXCm, FxNice, FXTM, HotFores, ibell Markets, IC Markets, iFOREX, IG Market, IQ Option, NTS Forex Trading, Octa FX, Olymp Trade, TD Ameritrade, TP Global FX, Trade Sight FX, Urban Forex, Xm और XTB है।

आरबीआई ने यह भी कहा कि इस लिस्‍ट में नहीं आने वाले यूनिट को केंद्रीय बैंक की ओर से रजिस्‍टर्ड नहीं माना जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के मानदंडों के अनुसार लोगों को (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999) के अनुसार केवल रजिस्‍टर्ड संस्‍थाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन करना चाहिए।

आरबीआई ने क्‍या कहा

आरबीआई के अनुसार जबकि अनुमत विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जा सकते हैं, उन्हें केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा इस उद्देश्य के लिए अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए।

बिना मैनेजमेंट डिग्री के इस शख्स ने किया कमाल, अपने बिजनेस को पहुंचाया बुलंदी पर, हॉवर्ड-IIM वाले भी फेल!

हाल ही में Zerodha के सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) अपने कर्मचारियों को दिए चैलेंज को लेकर सुर्खियों में FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म रहे थे. उन्होंने एक महीने की बोनस सैलरी पाने के लिए कर्मचारियों को अपने रोजना फिटनेस लक्ष्य का 90 फीसदी हासिल करने का चैलेंज दिया था. इसके साथ ही इसमें 10 लाख रुपये का एक लकी ड्रा भी रखा था.

बेहद दिलचस्प है जेरोधा फाउंडर नितिन कामथ की कहानी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 07 नवंबर 2022, 4:26 PM IST)

कहते हैं जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं और काबिलियत के लिए किसी ड्रिगी-डिप्लोमा की जरूरत नहीं बस जुनून ही काफी है. ये कहावतें भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में से एक जेरोधा (Zerodha) के फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) के ऊपर बखूबी लागू होती है. नितिन ने कैसे बिना किसी बिजनेस स्कूल की पढ़ाई किए ही अपने बिजनेस को इतनी बुलंदियों पर पहुंचा दिया कि कई हॉवर्ड (Harvard) और FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आईआईएम (IIM) वाले भी फेल नजर आते हैं.

नितिन के पास नहीं था कोई Plan-B
देश के टॉप ब्रोकरेज हाउस जेरोधा के फाउंडर और CEO नितिन कामथ के पास कोई प्लान बी नहीं था. उनकी मानें तो अगर मैं भी दुनिया के बड़े बिजनेस स्कूल आईआईएम या फिर हार्वर्ड का छात्र होता, तो मुझे पता होता कि अगर एक काम नहीं करूंगा, तो दूसरी नौकरी तलाश लूंगा. लेकिन इसके साथ ही कामथ का कहना है कि बिजनेस स्कूल की शिक्षा एक पैराशूट जरूर है, लेकिन यह मुझे अपने सपनों को पूरा करने से रोकती है. जेरोधा आज एक टॉप FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ब्रोकरेज हाउस है और इसके करीब 40 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं.

शेयर बाजार का एक्सपीरियंस आया काम
नितिन कामथ का मानना है कि इस स्टार्टअप (Start-up) ने आज जो भी सफलता पाई है, उसमें भाई निखिल कामथ (Nikhil Kamath) के साथ जेरोधा की शुरुआत से पहले शेयर बाजार (Stock Market) बिताए गए 10-12 सालों का बड़ा रोल है. गौरतलब है कि जेरोधा, आज देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न में से एक है और भारत की स्टार्ट-अप कहानियों में एक महत्वपूर्ण किरदार अदा करती है. बता दें भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है.

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KV Kamath ने भी की सराहना
हाल ही में ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha की नेशनल बैंक फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रेसिडेंट केवी कामथ ने भी सराहना की थी. अनुभवी बैंकर ने एक कार्यक्रम में बूटस्ट्रैप्ड और कैश-फ्लो पॉजिटिव वेंचर होने के लिए जेरोधा को बधाई देते हुए इसे कारोबार के लिए एक अच्छा मॉडल करार दिया था. जेरोधा एक फाइनेंसियल सर्विस कंपनी है. ये शेयर मार्केट में स्टॉक की खरीद-बिक्री करती है और म्यूचुअल फंड में ट्रांजेक्शन के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है

दिलचस्प है नितिम कामथ का सफर
नितिन कामथ ने 90 के दशक में ही Share Bazar में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी. वे अपनी मां के ऑफलाइन ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे भी निवेश करने लगे थे. इसके बाद उन्होंने कॉल सेंटर में भी काम किया. कम उम्र में ही शेयरों की अच्छी समझ ने उन्हें अपना लक्ष्य स्थापित करने में मदद की. 2005 में उन्होंने अपना एडवाइजरी बिजनेस भी शुरू किया था. इसके कुछ समय बाद NSE ने फ्री ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जहां से नितिन कामत को जीरोधा की शुरुआत का आइडिया मिला.

2010 में जेरोधा की शुरुआत
नितिन कामथ अक्सर Social Media पर लोगों को कई टॉपिक पर अवेयर करते रहते थे, जो अभी भी लगातार जारी है. खासकर स्टॉक मार्केट की उठा-पठक और इन्वेस्टमेंट करने को लेकर वह अपनी जानकारियां सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं. साल 2010 में नितिन कामथ ने अपने छोटे भाई निखिल कामथ के साथ मिलकर ब्रोकरेज फर्म जेरोधा की नींव रखी थी. इसके बाद दोनों भाइयों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2020 में फोर्ब्स ने इन दोनों भाइयों को भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में भी शामिल किया था.

छात्रों का रहता है नौकरी पर फोकस
एक ओर जहां देश में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है और नितिन कामथ जैसे कारोबारी मिसाल पेश कर रहे हैं. विशेषज्ञों का भी मानना है कि देश को सैकड़ों हजारों उद्यमियों की जरूरत है. इंडियन एंजेल नेटवर्क की को-फाउंडर और IAN फंड की फाउंडिंग पार्टनर पद्मजा रूपारेल का कहना है कि हमारे देश के 90 फीसदी छात्र अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मोटी सैलरी वाली जॉब पाने पर ज्यादा फोकस करते हैं. वाधवानी फाउंडेशन के वाधवानी एंटरप्रेन्योर के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव वारियर का कहना है कि हम एक नौकरी-उन्मुख अर्थव्यवस्था में हैं, न कि स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था में.

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