Published on Dec 10, 2022
कृषि में इन 5 आधुनिक तकनीक को अपनाकर होगा लाखों का मुनाफा
अगर आप खेती करते हैं तो ऐसे में आप कृषि में इन 5 आधुनिक तकनीकों को अपनाकर कम निवेश में अच्छा फायदा पा सकते हैं.
बीते कुछ वर्षों में ‘आधुनिक तकनीक’ किसानों के लिए सफलता का वरदान साबित हुई है.
भारतीय किसानों ने खेती में आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर अपना नसीब बदला है.
कृषि कार्य में निवेश की निगरानी उपयोगी आधुनिक विधियां यानि बेहतर बीजों का प्रयोग, उचित सिंचाई व रासायनिक खादों के प्रयोग से पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति व कीटनाशकों के प्रयोग से पौधों को लगने वाली बीमारियों व कीटाणुओं का नियंत्रण करना.
स्मार्ट डेयरी फार्मिंग
ये डिजिटल सेंसर तकनीक है. यह तकनीक पशुओं के व्यवहार पर नजर रखती है.
यानि स्मार्ट डेयरी फार्मिंग के जरिये किसान पशुओं की भूख-प्यास से लेकर सैर-सपाटे पर निकले पशुओं की लोकेशन भी जान सकते हैं.
आधुनिक डेयरी फार्मिंग के तहत पशुपालन संबधी कामों को तकनीक और मशीनों से जोड़ दिया जाता है, जिससे पशुपालकों के समय और संसाधनों की बचत हो सके.
स्मार्ट डेयरी फार्मिंग से दूध उत्पादन में कई गुना बढोत्तरी हो रही है.
इसी के साथ किसानों और पशुपालकों को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है.
हाइड्रोपॉनिक्स
बढ़ती आबादी और खेती की लिए कम पड़ती ज़मीन को देखते हुए हाइड्रोपोनिक्स तकनीक बहुत ही कारगार है. इस तकनीक में मिट्टी की जरूरत नहीं होती है.
इस तकनीक का नाम है- हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती, जिसमें बिना खाद-मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिये सब्जियों की फसल को बढ़ाया जाता है.
इस तकनीक में मिट्टी के बगैर, जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है.
हाइड्रोपोनिक खेती में केवल पानी में या पानी के साथ बालू और कंकण में पौधे उगाए जाते हैं.
उपजाऊ जमीन का सबसे बड़ा हल है ये तकनीक. इस तकनीक में प्लास्टिक के पाइप से चैंबर बनाया जाता है.
इसको दूर निवेश की निगरानी बैठे कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है.
हाइड्रोपोनिक तकनीक से धनिया, टमाटर, पालक, खीरा, करेला, गुलाब, मिर्च इत्यादि सब्जियां उगाई जा सकती हैं.
ड्रोन तकनीक
कृषि ड्रोन खेती के आधुनिक उपकरणों में से एक है.
पुरानी पेंशन योजना को लेकर क्यों गर्मा रहा मुद्दा, उदाहरण के जरिए समझें पूरा कैलकुलेशन
नई दिल्ली | लाखों सरकारी कर्मचारी न्यू पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग पर वर्षों से अड़े हुए हैं. दरअसल, इन कर्मचारियों का मानना है कि पुरानी पेंशन स्कीम एनपीएस (NPS Vs OPS) से बेहतर है. जनवरी 2004 में नई पेंशन योजना लागू होने के बाद ओपीएस को खत्म कर दिया गया था. पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर उसे अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता था.
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सेवा अवधि का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इसके अलावा, हर साल महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के साथ ही वेतनमान लागू होने पर वेतन में भी इजाफा होता था. ओपीएस धारक की मृत्यु के बाद पत्नी या अन्य आश्रित को पेंशन मिलती निवेश की निगरानी थी. इन्हीं कारणों से कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं. कुछ राज्य सरकारों ने फिर से ओपीएस लागू करने का ऐलान किया निवेश की निगरानी है.
सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को इसलिए किया बंद
निवेश सलाहकार बलवंत जैन के अनुसार ओल्ड पेंशन सिस्टम या ओपीएस सरकारी कर्मचारियों को अधिक आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रदान करता है क्योंकि इसमें सरकार की तरफ से तय बेनेफिट्स दिए जाते हैं लेकिन 2004 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने ओपीएस को यह कहकर बंद कर दिया था कि इससे सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ता है इसलिए सरकार ने इसका रिस्क कर्मचारियों पर डाला.
एनपीएस के आने के बाद जीपीएफ यानी जनरल प्रॉविडेंट फंड को बंद कर दिया गया, जिसमें 12 फीसदी एंप्लॉयी और 12 फीसदी एंप्लॉयर का इनवेस्टमेंट कंट्रीब्यूशन किया गया. एनपीएस में राज्य सरकार निवेश की निगरानी के कर्मचारी के मूल वेतन और डीए का 10 प्रतिशत काटा जाता है और इतनी ही राशि का भुगतान नियोक्ता भी करता है. लेकिन यह जीपीएफ से 2 फीसदी कम है. पेंशन और बचत दोनों ही मामलों में राज्य कर्मचारियों का एनपीएस जीपीएफ से कम निवेश की निगरानी है.
एनपीएस में कैसे मिलेगा एकमुश्त पैसा और पेंशन
एनपीएस का रिटर्न पूरी तरह से बाजार के जोखिम के अधीन है इसलिए सरकारी कर्मचारी इस पर ज्यादा भरोसा नहीं कर रहे हैं. अगर एनपीएस को लंबे समय तक चलाया जाए तो पेंशन के रूप में सही निवेश की निगरानी रकम ही मिलती है. क्योंकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी की सेवा अवधि पर सीधा असर पड़ता है.
एनपीएस लेने वाले कर्मचारी सेवानिवृत्ति पर कुल संचित राशि का 60% एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि 40% राशि को बीमा कंपनी का एन्युइटी प्लान खरीदना होगा और इस राशि पर मिलने वाले ब्याज को हर महीने पेंशन के रूप में दिया जाएगा. इससे साफ है कि एन्युटी की रकम और उसका ब्याज जितना ज्यादा होगा, पेंशन उतनी ही ज्यादा होगी.
आइए एनपीएस के इस पूरे कैलकुलेशन को एक उदाहरण के जरिए समझते हैं...
मान लीजिए आपकी उम्र 30 साल है और आप सरकारी सेवा में आए हैं. चूंकि सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है, आप अगले 30 वर्षों के लिए एनपीएस में योगदान करेंगे. नई पेंशन योजना में अगर आपके 5 हजार रुपए हर महीने कटते हैं तो यह एक साल में 60 हजार रुपए हो जाएगा और 30 साल में यह रकम 18 लाख हो जाएगी.
एनपीएस रिटर्न पर सेवा की अवधि का प्रभाव
चूंकि, एनपीएस में रिटर्न बाजार के जोखिम के अधीन हैं, उपरोक्त राशि परिवर्तन के अधीन है. उदाहरण के लिए, हमने रिटर्न की निश्चित दर के आधार पर गणना की है. वहीं, एनपीएस में मिलने वाला रिटर्न कर्मचारी के सेवाकाल की अवधि पर निर्भर करता है क्योंकि लंबे समय तक निवेश करने से अधिक पैसा जमा होगा और उस पर बाजार में रिटर्न मिलेगा. दूसरी ओर पुरानी पेंशन योजना में सेवा की अवधि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि सेवानिवृत्ति के समय अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा.
अगर आप एनपीएस की तुलना पुरानी पेंशन स्कीम से न करके सिर्फ एक निवेश विकल्प के तौर पर देखें तो यह काफी आकर्षक नजर आता है. क्योंकि एनपीएस के लागू होने के बाद से अब तक इस पर सालाना औसतन 10 फीसदी का रिटर्न मिला है लेकिन कर्मचारी इसके कुछ नुकसानों को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
IPL 2022: दिल्ली कैपिटल्स टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज Tim Seifert हुए कोरोना पॉजिटिव
दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच आईपीएल 2022 का 32वां मैच निवेश की निगरानी मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेला जाना है। लेकिन दिल्ली कैपिटल्स के कैंप में कोरोना विस्फोट के चलते इस मैच पर सकंट के बादल छाए हुए हैं। मैच से कुछ घंटे पहले ही दिल्ली कैपिटल्स के खेमे से बुरी खबर सामने आई है। टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज टिम साइफर्ट का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है।
PNB SO Recruitment 2022 : PNB बैंक ने निकाली 145 स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स की भर्ती, आवेदन 22 अप्रैल से, जानें पूरी डिटेल
न्यूजीलैंड के कीपर-बल्लेबाज टिम सीफर्ट ने कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कल बाकी टीम के साथ ट्रेनिंग की है। टिम साइफर्ट दिल्ली कैपिटल्स के दूसरे विदेशी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने COVID 19 के लिए पॉजिटिव परीक्षण किया है।
इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला मिशेल मार्श को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दिल्ली टीम में संक्रमितों की संख्या बढकर पांच हो गई है। सोमवार को कराई गई जांच में टीम के बाकी सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अगले दौर की जांच आज हुई है, जिसमें टिम साइफर्ट के कोविड पॉजिटिव पाए जाने की रिपोर्ट सामने आई है।
अक्षय ऊर्जा उत्पादन में कर्नाटक अग्रणी राज्य-बोम्मई
इस अवसर पर श्री बोम्मई ने कहा कि देश की 46 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कर्नाटक में होता है। कर्नाटक ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। जहां एशिया में पहला पनबिजली संयंत्र शुरू किया। राज्य में 31 हजार मेगा वाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें से आधा नवीकरणीय ऊर्जा है।
उन्होंने कहा कि बैंगलोर के पास एक सौर पार्क स्थापित किया गया है। देश की 46 प्रतिशत बिजली कर्नाटक में उत्पादित की जा रही है। लेकिन बिजली भंडारण एक चुनौती है। अक्षय ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन और भंडारण बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्रदेश में हाइड्रोजन विज्ञान के क्षेत्र में पूंजी निवेश भी हो रहा है। इसके अलावा समुद्री जल से अमोनिया के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन के कम इस्तेमाल और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाना चाहिए।
निवेश समाचार निगरानी सेवा और प्रेस विज्ञप्ति वितरण – कृषि उद्योग आज
कैंब्रिजशायर को बाढ़ के जोखिम वाले शीर्ष दस यूके क्षेत्रों में से एक के रूप में नामित किया गया है। एक नई रिपोर्ट में, यह पाया गया कि छह में से एक ब्रिटिश संपत्ति बाढ़ के खतरे में है, विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के कारण इस संख्या में निरंतर वृद्धि की भविष्यवाणी की है। …
स्रोत: कैम्ब्रिज न्यूज – न्यूट्रल
10 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित
While Alberta may offer good value when it comes to buying a house, the same can’t be said when it comes to paying for auto insurance, according to a report conducted by international accounting firm Ernst & Young. Commissioned by the Insurance …
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