नए जीन आमतौर पर दोहराव की घटनाओं जैसे मैकेनिज़्म के ज़रिए बनते हैं, जहां हमारी आनुवंशिक मशीनरी गलती से पहले से मौजूद जीनों की कॉपियां बनाती है जो समय के साथ अलग-अलग काम कर सकती हैं. लेकिन इस शोध में पहचाने अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार गए 155 माइक्रोजीन, डीएनए के हिस्सों में से बने प्रतीत होते हैं. ये नए जीन, जिन प्रोटीन को एनकोड करते हैं, वो बहुत छोटे होते हैं. इसलिए इन डीएनए सीकिवेंस को खोजना और इसकी स्टडी करना मुश्किल है. इसी वजह से अक्सर शोध में ये अनदेखे रह जाते हैं.
Behavioral Finance क्या है?
Behavioral finance behavioral economics के क्षेत्र में एक सिद्धांत है जो दावा करता है कि व्यक्तिगत पूर्वाग्रह और मनोवैज्ञानिक प्रभाव उनकी संपत्ति के संबंध में एक पेशेवर के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। व्यवहारिक अर्थशास्त्र विशेषज्ञ भी इस सिद्धांत का विस्तार वित्तीय बाजार में असामान्यताओं की व्याख्या करने के लिए करते हैं, जैसे स्टॉक की कीमतों में अचानक या भारी परिवर्तन। पेशेवर कई दृष्टिकोणों से व्यवहारिक वित्त का विश्लेषण करते हैं और स्वीकार करते हैं कि लोग तर्कसंगत रूप से कुछ वित्तीय निर्णय नहीं ले सकते हैं। उनका मानना है कि Conscious या Unconscious bias उनके वित्तीय जोखिम से बचने को प्रभावित करता है और जिसे वे मूल्यवान मानते हैं।
दूसरी ओर, मुख्यधारा का सिद्धांत, अपने मॉडलों में यह धारणा बनाता है कि लोग Rational actor हैं, कि वे भावना या संस्कृति और सामाजिक संबंधों के प्रभावों से मुक्त हैं, और यह कि लोग स्व-रुचि उपयोगिता अधिकतमकर्ता हैं। यह विस्तार से यह भी मानता है कि बाजार कुशल हैं और फर्म तर्कसंगत लाभ-अधिकतम करने वाले संगठन हैं। व्यवहारिक वित्त इनमें से प्रत्येक धारणा को गिनता है।
व्यवहार वित्त में खोज का एक उदाहरण क्या है? [What is an example of discovery in behavioral finance?]
यह पाया गया है कि निवेशक तर्कसंगत उम्मीदों की तुलना में बहुत लंबे समय तक निवेश को खोने के लिए व्यवस्थित रूप से पकड़ रखते हैं, और वे विजेताओं को बहुत जल्दी बेचते भी हैं। इसे स्वभाव प्रभाव के रूप में जाना जाता है, और यह निवेश के क्षेत्र में नुकसान से बचने की अवधारणा का विस्तार है। पेपर लॉस में लॉक करने के बजाय, लॉस पोजीशन रखने वाले निवेशक डबल डाउन भी हो सकते हैं और ब्रेक ईवन की उम्मीद में अधिक जोखिम उठा सकते हैं। Behavioral Economics क्या है?
व्यवहारिक वित्त का अर्थ मानव मनोविज्ञान से जोड़कर किसी इकाई के तर्कहीन वित्तीय निर्णयों की घटना का वर्णन करता है। अध्ययन बाजार के खिलाड़ियों के वित्तीय निर्णयों और बाद के बाजार परिणामों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मनोवैज्ञानिक प्रभावों और पूर्वाग्रहों को प्रदर्शित करता है। इस मनोवैज्ञानिक प्रभाव का ज्ञान बाजार के विभिन्न व्यवहारों को समझने और बेहतर निवेश निर्णय लेने में मदद करता है।
व्यवहार वित्त उदाहरण क्या हैं? [What are behavioral finance examples?]
उदाहरणों में जोखिम-प्रतिकूल निवेशकों की घटना शामिल है जो शॉर्ट सेलिंग गतिविधियों में संलग्न होने के बजाय एक अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टॉक पर लंबे समय तक चलना पसंद करते हैं। एक और उदाहरण है जब कई शौकिया निवेशक कंपनी के विकास या लाभप्रदता के बारे में शोध किए बिना मेमे स्टॉक बैंडवागन में शामिल हो जाते हैं।
दो स्तंभ Cognitive psychology हैं और मध्यस्थता तक सीमित हैं। संज्ञानात्मक मनोविज्ञान बताता है कि कैसे लोगों की व्यक्तिपरक सोच निर्णय में तर्कसंगतता को विकृत करती है। मध्यस्थता की सीमाएं उन परिस्थितियों को अलग करती हैं जिनमें मध्यस्थता बल प्रभावी और अप्रभावी होंगे।
वानर से इंसान बने. इंसान से अब क्या बनने वाले हैं? खुलासा. अब भी जारी है हमारा विकास
aajtak.in
- एथेंस,
- 26 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 26 दिसंबर 2022, 2:59 PM IST)
हम लाखों साल पहले ऐसे नहीं दिखते थे, जैसे आज दिखते हैं. हम अब बदल गए हैं. एक नए अध्ययन से पता चलता है कि इंसान लगातार विकसित होता रहता है और विकसित होने के इन तरीकों की हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी.
बायोमेडिकल साइंसेज रिसर्च सेंटर 'अलेक्जेंडर फ्लेमिंग' (BSRC Flemming), ग्रीस और ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के शोधकर्ताओं ने हमारे जीनोम में 155 जीनों की पहचान की है, जो DNA के छोटे और नॉन-कोडिंग सेक्शन से निकले हैं. इनमें से कई जीन हमारे जीव विज्ञान में अहम भूमिका निभाते हैं और बताते हैं कि नोवल जीन्स किस तरह विकसित हो रहे हैं.
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शिकारियों से बचने के लिए ट्रांसपैरेंट हो जाता है ये मेंढक, इंसानों के लिए फायदेमंद
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ग्रीस में BSRC फ्लेमिंग के विकासवादी आनुवंशिकीविद् निकोलाओस वैकिर्लिस (Nikolaos Vakirlis) कहते हैं कि यह प्रोजेक्ट 2017 में शुरू हुआ था, लेकिन कुछ साल ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. इसके बाद जब एक और स्टडी पब्लिश हुई तो उसमें बहुत ही दिलचस्प डेटा था जिससे हमने वापस इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया. वो स्टडी कैलिफोर्निया सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने 2020 में पब्लिश की थी. इस स्टडी में उन माइक्रोप्रोटीन्स के बारे में बताया गया था, जो गैर-कोडिंग रिजन से बने होते हैं जिन्हें 'जंक डीएनए' के रूप में वर्णित किया गया है.
नए शोध को करने वाली टीम ने एक अनुवांशिक जेनेटिक ट्री बनाया, ताकि हमारे जीनोम के उन छोटे सीक्वेंस अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार की तुलना 99 अन्य कशेरुक प्रजातियों से करने पर, समय के साथ जीन के विकास को ट्रैक किया जा सके. शोध में पहचाने गए कुछ नए 'माइक्रोजीन' से स्तनधारियों के शुरुआती दिनों को ट्रैक किया जा सकता है, जबकि बाकी हाल ही में जुड़े हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि अशोध में पहचाने गए दो जीन मानव-चिंपैंजी के विभाजन के बाद उभरे हैं.
Coronavirus: 'लॉन्ग कोविड' के क्या हैं लक्षण? रिसर्चर ने बताए
By: एजेंसी | Updated at : 21 Dec 2022 08:09 PM (IST)
Covid 19: कोरोना एक बार फिर अपना पैर पसार रहा है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच एक नया अध्ययन हुआ है. इस अध्ययन में कोरोना के लक्षण के बारे में बताया गया है. एक नए अध्ययन में ये कहा गया है कि गंध पहचानने की क्षमता खत्म होना या इसमें कमी आना, लंबे समय तक मौजूद रहने वाले कोविड के सबसे हावी लक्षणों में से एक है. अध्ययन के अनुसार, कोविड का लंबे समय तक असर रहने के कारण लगभग एक तिहाई मरीजों की गंध पहचानने की क्षमता कम हो गई है और लगभग 20 प्रतिशत मरीजों को स्वाद नहीं मिलने जैसे लक्षण पाए गए.
लॉन्ग कोविड एक जटिल स्थिति है
यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया (UEA), ब्रिटेन की टीम ने लंबे समय तक कोविड का असर रहने से विशेष रूप से कान, नाक और गले से संबंधित लक्षणों की जांच की, जिनमें गंध पहचानने की कमी और ‘पेरोस्मिया’ (गंध को लेकर भ्रम) शामिल है.
वेटनरी अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार यूनिवर्सिटी में हुआ कुलपतियों का वार्षिक सम्मेलन: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर हो रहा मंथन, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति कर रहे चर्चा
मथुरा में स्थित उत्तर प्रदेश अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवम गौ अनुसंधान संस्थान में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ के सहयोग से कुलपतियों के 46 वें वार्षिक अधिवेशन का सोमवार को शुभारंभ हुआ। सेमिनार के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने ऑनलाइन जुड़ कर की।
दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ
46 वें वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और उनके समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। इस अधिवेशन में 45 कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति,अधिष्ठाता एवं निदेशक रिसर्च शामिल हुए। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल थी। जिन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता ऑनलाइन की।
दुश्मनों की खैर नहीं, अत्याधुनिक हथियारों से लैस हो रहा है भारत
नई दिल्ली। सरकार ने संसद की एक उच्च स्तरीय समिति को बताया कि भारत अपने बलों को नवीनतम अत्याधुनिक एवं नयी पीढ़ी के हथियारों (weapons) और उपकरणों(equipment) से लैस कर रहा है ताकि विरोधियों के किसी भी नापाक मंसूबों को विफल करने के लिये पूरी तरह से तत्पर रहा जा सके।
लोकसभा में 14 दिसंबर को पेश हुई कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhary) की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) से यह पूछा, नवीनतम प्रौद्योगिकीय हथियारों (latest technological weapons) और उपकरणों के मामले में चीन की अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार तुलना में हमारी स्थिति क्या है और हम अपने सशस्त्र बलों के लिये स्वदेशी हथियारों और अन्य आयुध आवश्यक्ताओं को कब तक विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं?
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