किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे,
देश के खेत फिर से लहराएंगे।
धन्यवाद @narendramodi जी, इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया।
जय जवान जय किसान। 🇮🇳 — sonu sood (@SonuSood) November 19, 2021
NSE ने जारी किया अलर्ट! गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम के बहकावे में न आएं, वरना डूब सकता है पैसा
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने निवेशकों को आगाह किया कि वे गारंटीड रिटर्न देने का वादा करने वाली इन्वेस्टमेंट स्कीम्स के बहकावे में न आएं.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने निवेशकों को आगाह किया कि वे गारंटीड रिटर्न देने का वादा करने वाली इन्वेस्टमेंट प्लान के बहकावे में न आएं. देश के सबसे बड़ी एक्सचेंज की यह चेतावनी यू-ट्यूब (YouTube) और टेलीग्राम (Telegram) चैनलों के माध्यम से अनरजिस्टर्ड एंटिटीज द्वारा निवेश की मांग करने वाले मामलों के बाद आई है.
एक्सचेंज ने बताया कि ये संस्थाएं NSE के किसी भी रजिस्टर्ड सदस्य के बतौर या रजिस्टर्ड सदस्य के द्वारा अधिकृत व्यक्ति के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं.
दी ये चेतावनी
एक्सचेंज ने एक बयान में कहा, निवेशकों को चेतावनी दी जाती है और सलाह दी जाती है कि वे शेयर बाजार में सांकेतिक/एश्योर्ड/गारंटीड रिटर्न देने वाली किसी भी संस्था/व्यक्तियों द्वारा पेश की गई ऐसी किसी योजना या उत्पाद की सदस्यता न लें, क्योंकि यह कानून द्वारा प्रतिबंधित है.
इसने कहा है कि यह देखा गया कि डिसेंट वेल्थ मैनेजमेंट के माध्यम से कीर्ति पटेल, यू-ट्यूब चैनल और टेलीग्राम चैनल के माध्यम से आदर्श यादव/साहेब लाल यादव - आर्ट ऑफ ट्रेडिंग आदर्श - और आयुष और राहुल कुमार जैसे एंटिटीज गारंटीड रिटर्न देने वाली योजनाओं के लिए जनता से धन एकत्र कर रही हैं.
इससे पहले, एक्सचेंज ने इसी तरह की एडवाइजरी जारी की थी, जब उसने देखा कि प्रॉफिट एक्सिस पीएमएस सर्विसेज नाम की एक एंटिटी निवेशकों से फंड जुटा रही थी और गारंटीड रिटर्न के साथ निवेश योजनाओं की पेशकश कर रही थी.
सीएए को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर किया
आगरा ब्यूरो
Updated Sat, 28 Dec 2019 11:27 PM IST
कासगंज इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं पटियाली में सीएए को लेकर आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा आयोग के पूर्व सदस्य जानकारी देते हुए? - फोटो : इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं KASGANJ
पटियाली। नगर पंचायत परिसर में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सीएए कानून को लेकर लोगों को जानकारी दी गई। समाजसेवी उच्चशिक्षा आयोग के पूर्व सदस्य प्रॉफेसर नीरज किशोर मिश्रा ने कहा कि शासन कोई भी कानून बनाता है या फिर संसोधन करता है तो वह देशवासियों के हित के लिए होता है। कानून की नजर में सभी जाति धर्म के लोग समान हैं।
सरकार ने जो नया सीएए कानून लागू किया है उसमें पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीडन का शिकार अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। यह कानून पहले से लागू है। इस कानून में समय सीमा को घटाया गया है ताकि वे भी देश के नागरिक बनकर शासन की योजनाओं का लाभ ले सकें। सीएए क़ानून किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिकों को प्रभावित नही करता हैं।
इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने की बात केवल गुमराह करने के लिए फैलाई जा रही है। ऐसी अफवाहों से सावधान रहें। किसी के बहकावे में न आएं। उन्होंने एन आर सी व सी ए ए दोनों ही कानूनों की आदि जानकारियां दीं और सभी नगर वासियों से दोनों ही कानूनों को समझने की अपील की और देश की एकता अखंडता को बनाएं रखने को कहा इस दौरान अधिशासी अधिकारी अखिलेश कुमार तिवारी, ख़ालिद पहलवान, सतेंद्र पांडेय, सलीम अंसारी, केशव कश्यप, सज्जाद सिद्दीकी, उत्तमराठौर, सभासद मुश्ताक अली, गुड्डृ वसीम मौजूद रहे।
पटियाली। नगर पंचायत परिसर में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सीएए कानून को लेकर लोगों को जानकारी दी गई। समाजसेवी उच्चशिक्षा आयोग के पूर्व सदस्य प्रॉफेसर इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं नीरज किशोर मिश्रा ने कहा कि शासन कोई भी कानून बनाता है या फिर संसोधन करता है तो वह देशवासियों के हित के लिए होता है। कानून की नजर में सभी जाति धर्म के लोग समान हैं।
सरकार ने जो नया सीएए कानून लागू किया है उसमें पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीडन का शिकार अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। यह कानून पहले से लागू है। इस कानून में समय सीमा को घटाया गया है ताकि वे भी देश के नागरिक बनकर शासन की योजनाओं का लाभ ले सकें। सीएए क़ानून किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिकों को प्रभावित नही करता हैं।
इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने की बात केवल गुमराह करने के लिए फैलाई जा रही है। ऐसी अफवाहों से सावधान रहें। किसी के बहकावे में न आएं। उन्होंने एन आर सी इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं व सी ए ए दोनों ही कानूनों की आदि जानकारियां दीं और सभी नगर वासियों से दोनों ही कानूनों को समझने की अपील की और देश की एकता अखंडता को बनाएं रखने को कहा इस दौरान अधिशासी अधिकारी अखिलेश इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं कुमार तिवारी, ख़ालिद पहलवान, सतेंद्र पांडेय, सलीम अंसारी, केशव कश्यप, सज्जाद सिद्दीकी, उत्तमराठौर, सभासद मुश्ताक अली, गुड्डृ वसीम मौजूद इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं रहे।
मुंबई पुलिस की सलाह: बिना सही रिसर्च के क्रिप्टो में निवेश से जीवन की बचत खत्म हो जाएगी, ऑनलाइन ट्रेडिंग को पहले समझें
मुंबई पुलिस के कमिश्नर (सीपी मुंबई पुलिस) के सोशल मीडिया पर लिखा कि क्रिप्टो करेंसी में किसी के बहकावे में आकर या बिना किसी रिसर्च के निवेश करने से आपके जीवन की बचत खत्म हो सकती है। अपने निवेश से पहले आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में हर कदम को जानना जरूरी है।
साइबर सेफ्टी हैश टैग के साथ सोशल मीडिया पोस्ट
मुंबई पुलिस ने इसे साइबर सेफ्टी हैश टैग के साथ सोशल मीडिया पोस्ट किया है। इसमें इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं मुंबई पुलिस के लोगो के साथ एक बिटकॉइन का ग्राफ है। इसमें बिटकॉइन के भाव के ऊपर जाने और नीचे आने के रूप में दिखाया गया है। जब बिटकॉइन का भाव ऊपर जाता है तो इसमें ज्यादा रिटर्न और नीचे आने पर ज्यादा जोखिम को दिखाया गया है। यानी जितना ज्यादा फायदा उतना ज्यादा जोखिम है।
दरअसल साइबर क्राइम फ्रॉड और सोच समझ कर निवेश न करने पर मुंबई पुलिस का यह पोस्ट निवेशकों के लिए है। हाल के समय में क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में भारी गिरावट आई है।
क्रिप्टो की तमाम करेंसी की कीमतों में भारी गिरावट
पिछले 24 घंटों में क्रिप्टो की तमाम करेंसीज की कीमतों में 25% की गिरावट आई है। इसमें सबसे लोकप्रिय करेंसी बिटकॉइन की कीमतों में 8% की गिरावट आई है। जबकि एथरियम की कीमत 21% गिरी है। बिनांस कॉइन, एक्सआरपी और कार्डानो के भाव में 10% से ज्यादा की कमी आई है। दिलचस्प यह है कि इन करेंसीज में बिकवाली भारी वैल्यू पर हुई है। इसका अर्थ यह है कि इन करेंसीज में गिरावट का रुझान आगे भी जारी रह सकता है।
मंदड़ियों के कब्जे में क्रिप्टो का बाजार
क्रिप्टो का बाजार इस समय मंदड़ियों के कब्जे में है। बिटकॉइन की कीमत 31,938 हजार डॉलर के लेवल पर आ गया है। एथरियम की कीमत 1,890 डॉलर के लेवल पर आ गई है। इसी तरह बिनांस कॉइन की कीमत में 10.72% की कमी आई है, तो डागकॉइन की कीमत में 19.26% की गिरावट आई है। यह आधा डॉलर से भी नीचे पहुंच गई है। एथरियम की कीमत 1,900 डॉलर से नीचे पहुंच गई है।
पोलकाडाट की कीमत में 20.49% की गिरावट आई है। यह 9.60 डॉलर पर कारोबार कर रही है। यूनिस्वैप की कीमत में 10% की गिरावट आई है। यह 17.5 डॉलर पर कारोबार कर रही है।
Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें
Share Market: स्टॉक इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें
aajtak.in
- नई दिल्ली ,
- 22 जनवरी 2022,
- अपडेटेड 7:17 PM IST
शेयर मार्केट में सफल निवेशक बनना आसान नहीं है पर इन बातों का ध्यान रखकर आप शुरूआत कर सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
‘हम जीत गए. ’ कृषि कानून वापस लेने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने इस तरह से जताई प्रतिक्रिया
कृषि कानूनों की वापसी के बाद पूरे देश के किसान खुश हैं। हालांकि किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक पूरी प्रक्रिया अपनाकर संसद में इसे वापस नहीं लिया जाता वो संतुष्ट नहीं होंगे। वहीं इस फैसले को लेकर.
कृषि कानूनों की वापसी के बाद पूरे देश के किसान खुश हैं। हालांकि किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक पूरी प्रक्रिया अपनाकर संसद में इसे वापस नहीं लिया जाता वो संतुष्ट नहीं होंगे। वहीं इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर भी तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। आइए देखते हैं क्या आ रहा है सोशल मीडिया पर रिएक्शन.
किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे,
— sonu sood (@SonuSood) November 19, 2021
देश के खेत फिर से लहराएंगे।
धन्यवाद @narendramodi जी, इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया।
जय जवान जय किसान। 🇮🇳
सोनू सूद ने ऐसे जताई अपनी प्रतिक्रिया
फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने लिखा, किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे। देश के खेत फिर से लहराएंगे। धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी। इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया। जय जवान जय किसान। अभिनव पांडेय नाम के एक यूजर ने लिखा, पंजाब के किसानों से मिलने और उनका जूनून देखने के बाद 14 जनवरी 2021 को राहुल गांधी ने कहा था, "मेरे शब्दों को नोट कर लीजिए,सरकार ये कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर हो जाएगी। मेरी इस बात को याद रखिएगा।" आज वो बात याद आ गई,क्योंकि बात सच निकली। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि 'कृषि आंदोलन में शहीद हुए 700 से ज्यादा किसानों को नमन, आपकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं गई, मोदी को आखिरकार झुकना ही पड़ा, किसान एकता जिंदाबाद! इंकलाब जिंदाबाद। एक अन्य यूजर ने लगान की तस्वीर लगा रखी है, जिस पर लिखा है, “हम जीत गए।”
फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू भी किया ट्वीट
फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू ने इस खबर की पर एक न्यूज चैनल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए गुरुपर्व की बधाइयां दी हैं। खालिद एम अंसारी नाम के एक यूजर ने एक कार्टून ट्वीट किया है। इस ट्वीट में एक गाय है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसे कृषि कानून की प्रतियां खिला रहे हैं। एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा कि एक अभिमानी ,अहंकारी ,घमंडी और 700 किसानों की हत्यारी सरकार को आखिर किसानो की अहिंसक आंदोलन के आगे झुकना ही पड़ा लेकिन यह आधी जीत है जबतक एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं मिल जाती, झुकते सभी हैं झुकाने वाला होना चाहिए हमारा किसान जिंदाबाद।
कृषि कानूनों को वापस लेना सिर्फ एक खराब निर्णय ही नही अपितु शर्मनाक भी है।
देश के इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं छोटे व गरीब किसानो के लिये आज काला दिन है।#FarmersProtest #farmlaws
— Harsh Pal (@HarshPal_) November 19, 2021कुछ ने जताया विरोध
एक अन्य यूजर ने लिखा कि जीत किसानों की हुई है, उनके आत्मसम्मान की है, उनके संघर्ष की इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं कहानी अगली पीढ़ियों को इतिहास की किताबों में पढ़ाई जायेगी। उन्होंने न सिर्फ अपनी रोजगार की रक्षा की बल्कि तानाशाही दबाव में एक दम तोड़ती लोकतांत्रिक व्यवस्था, संविधान,संवैधानिक अधिकारों और लोकतंत्र को भी प्राण दिये। हालांकि कुछ लोग प्रधानमंत्री के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि यह बहुत ही दुःखद है कि कुछ सिरफिरों के बहकावे में आकर आपने नये कृषि कानून रद्द कर दिये हैं। इन कृषि कानून का महत्व नौकरी के लिए दूसरे शहर में बस गये लोगों को मालूम था जो खेती के लिए समय से घर इस ट्रेडिंग कानून के बहकावे में न आएं नहीं आ पाते थे। एक अन्य यूजर ने विरोध जताते हुए लिखा है, कृषि कानूनों को वापस लेना सिर्फ एक खराब निर्णय ही नही अपितु शर्मनाक भी है। देश के छोटे व गरीब किसानो के लिये आज काला दिन है।
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