अब रुपये का 'बॉस' नहीं रहेगा डॉलर, विदेशी लेनदेन भी भारतीय मुद्रा में होगा, कैसे काम करेगा आरबीआई का नया सिस्‍टम?

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.45 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर तक चला गया है.

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.45 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर तक चला गया है.

डॉलर के मुकाबले रुपये में आती कमजोरी को थामने के साथ व्‍यापार के मोर्चे पर अमेरिकी बादशाहत को चुनौती देने के लिए रिजर्व . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 12, 2022, 11:34 IST

हाइलाइट्स

भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा.
नया सिस्‍टम फॉरेन एक्‍सचेंज मैनेजमेंट एक्‍ट (FEMA) के तहत बनाया जा रहा है.
भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्‍ट्रो खाते खोलने की इजाजत दी गई है.

नई दिल्‍ली. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही भारतीय मुद्रा पर अमेरिकी डॉलर का दबाव भी बढ़ने लगा. ग्‍लोबल मार्केट में तमाम प्रतिबंधों के बाद हालात ये बन गए कि डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस समस्‍या से निपटने के लिए नया सिस्‍टम विकसित कर रहा है.

आरबीआई ने बताया है कि अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार भी रुपये में करने के लिए नया सिस्‍टम बनाया जा रहा है. डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में लगातार आ रही गिरावट और दुनिया की रुपये में बढ़ती दिलचस्‍पी को देखते हुए नया सिस्‍टम विकसित किया जा रहा है. इसके बाद भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा और ग्‍लोबल ट्रेडिंग सिस्‍टम में डॉलर व अमेरिका का दबाव खत्‍म हो जाएगा.

अब नहीं होगा प्रतिबंधों का असर
आरबीआई का नया सिस्‍टम शुरू होने के बाद भारत पर अमेरिका सहित अन्‍य पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का असर खत्‍म हो जाएगा. ऐसा कई बार हुआ है जब अमेरिका ने किसी देश पर प्रतिबंध लगाया है और भारत विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म कैसे चुनें? को उसका खामियाजा भुगतना पड़ा है. ईरान से तनातनी के बीच जब अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगाया तो भारत को इरान से कच्‍चा तेल खरीदने में काफी मुश्किल आई. इसी तरह, रूस-यूक्रेन के हालिया युद्ध की वजह से जब अमेरिका, यूरोप ने रूस पर विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म कैसे चुनें? प्रतिबंध लगाए तो भारतीय कंपनियां भी रूस के उत्‍पाद खरीदने में नाकाम रहीं.

इन प्रतिबंधों का भारत पर असर इसलिए ज्‍यादा होता था, विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म कैसे चुनें? क्‍योंकि ग्‍लोबल मार्केट में डॉलर में ही व्‍यापार का लेनदेन किया जाता है और प्रतिबंधों के कारण अमेरिकी डॉलर में लेनदेन भी बंद हो जाता है. इन परेशानियों से निजात पाने के लिए ही आरबीआई ग्‍लोबल मार्केट में सीधे रुपये में ट्रेडिंग का सिस्‍टम तैयार कर रहा है.

फॉरेक्‍स मार्केट से तय होगी दर
आरबीआई ने कहा है कि नया सिस्‍टम फॉरेन एक्‍सचेंज मैनेजमेंट एक्‍ट (FEMA) के तहत बनाया जा रहा है. इससे विदेश में होने वाले आयात और निर्यात के सभी सेटलमेंट रुपये में किए जा सकेंगे. रुपये की कीमत संबंधित देश की मुद्रा के ग्‍लोबल फॉरेक्‍स मार्केट में चल रहे भाव के आधार की तय की जाएगी और सौदे का सेटलमेंट भारतीय मुद्रा में ही किया जाएगा.

खोले जाएंगे विशेष खाते
रिजर्व बैंक के अनुसार, नया सिस्‍टम लागू करने के लिए भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्‍ट्रो खाते खोलने की इजाजत दी गई है. अब भारत विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म कैसे चुनें? का अधिकृत बैंक व्‍यापार से जुड़े देश के बैंक के साथ मिलकर रुपये का वॉस्‍ट्रो खाता खोल सकेगा. इससे भारतीय आयातकों और विदेशी सप्‍लायर्स का सेटलमेंट रुपये में हो सकेगा. इसी तरह, भारतीय निर्यातकों को संबंधित देश के बैंकों की ओर से खोले गए विशेष वॉस्‍ट्रो खाते से भुगतान किया जाएगा.

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