Key Points

ऑनलाइन किसी भी सरकारी अस्पताल में ओपीडी अपॉइंटमेंट, प्रयोगशाला रिपोर्ट और रक्त उपलब्धता, आरसीएच पोर्टल

ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली (ओआरएस) आधार आधारित ऑनलाइन पंजीकरण और नियुक्ति प्रणाली के लिए देश भर के विभिन्न अस्पतालों को जोड़ने के लिए एक ढांचा है, जहां अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के माध्यम से काउंटर आधारित ओपीडी पंजीकरण संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें और नियुक्ति प्रणाली को डिजिटलकृत किया गया है। एप्लिकेशन एनआईसी की क्लाउड सेवाओं पर होस्ट किया गया है। यूआईडीएआई के साथ रोगी का मोबाइल नंबर पंजीकृत होने पर पोर्टल आधार संख्या के ईकेवाईसी डेटा का उपयोग करके विभिन्न अस्पतालों के विभिन्न विभागों के साथ ऑनलाइन नियुक्तियों की सुविधा प्रदान करता है। और यदि यूआईडीएआई के साथ मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं है तो यह रोगी का नाम उपयोग करता है। नए रोगी को नियुक्ति के साथ ही अद्वितीय स्वास्थ्य पहचान (यूएचआईडी) संख्या मिल जाएगी। यदि आधार संख्या पहले ही यूएचआईडी संख्या से जुड़ी हुई है, तो नियुक्ति संख्या दी जाएगी और यूएचआईडी वही रहेगा।

सरल नियुक्ति प्रक्रिया

अस्पताल की पहली यात्रा के लिए, डॉक्टर के साथ पंजीकरण और नियुक्ति सरल बना दी गई है। आपको बस इतना करना है कि आधार संख्या का उपयोग करके स्वयं को सत्यापित करें, अस्पताल और विभाग का चयन करें, नियुक्ति की तारीख चुनें और नियुक्ति के लिए एसएमएस प्राप्त करें।

अस्पताल बोर्डिंग पर

अस्पताल इस मंच पर आ सकते हैं और मरीजों द्वारा ऑनलाइन बुकिंग के लिए अपनी नियुक्ति स्लॉट प्रदान कर सकते हैं। यह प्रणाली अस्पतालों को आसानी से अपने पंजीकरण और नियुक्ति प्रक्रिया का प्रबंधन करने और मरीजों के प्रवाह की निगरानी करने में सुविधा प्रदान करती है।

डैशबोर्ड रिपोर्ट्स

अस्पतालों की कुल संख्या जिसके लिए नियुक्तियों को उनके विभागों के साथ वेब के माध्यम से लिया जा सकता है, जिनके लिए ऑनलाइन नियुक्तियां की जा सकती हैं, रिपोर्ट में देखी जा सकती है। इस पोर्टल के माध्यम से नियुक्ति लेने वाले नए और पुराने मरीजों के बारे में जानकारी दिखाते हुए विस्तृत रिपोर्ट देखी जा सकती है।

हेल्पडेस्क संख्या और ईमेल: कृपया ई-अस्पताल पर 24X7 समर्थन के लिए हमारे हेल्पडेस्क नंबर 91-785 9939 940 पर कॉल करें और [email protected] पर ई-अस्पताल आवेदन से संबंधित मुद्दों के लिए ईमेल भेजें।
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इंडिकेटर वार प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) रिपोर्ट: पारिवारिक योजना

संकेतक के रूप में प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) रिपोर्ट पर डेटा प्राप्त करें: पारिवारिक योजना। इसमें फैमिली प्लानिंग पैरामीटर यानी इंट्रा यूटेरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी सम्मिलन), ओरल पिल्ल यूजर, वेसेक्टॉमी और ट्यूबक्टोमी, स्टेरलाइजेशन इत्यादि से संबंधित प्रदर्शन शामिल है।

संकेतक के रूप में प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) रिपोर्ट: टीकाकरण

संकेतक के रूप में प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) रिपोर्ट पर डेटा प्राप्त करें: टीकाकरण। इसमें टीकाकरण पैरामीटर्स यानी बैसिलस कैल्मेट गुरिन (बीसीजी), टेटनस टोक्सॉयड, डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस (डीपीटी 3), डीटी या डीपीटी 5, मीसल्स, पोलियो (ओपीवी 3), विटामिन ए इत्यादि से संबंधित प्रदर्शन शामिल है।

इंडिकेटर वार प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) रिपोर्ट: मातृ स्वास्थ्य

संकेतक के रूप में प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) रिपोर्ट पर डेटा प्राप्त करें: मातृ स्वास्थ्य। इसमें मातृ स्वास्थ्य मानकों से संबंधित प्रदर्शन शामिल है यानी एंटी नेटाल केयर (एएनसी), गृह वितरण, संस्थागत वितरण, गर्भवती महिलाएं 100 आईएफए (पोषण संबंधी एनीमिया के खिलाफ प्रोफिलैक्सिस) और टेटनस टीकाकरण इत्यादि।

वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण से संकेतक

भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) के सहयोग से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पूर्ववर्ती अधिकारित कार्य समूह राज्यों (बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश) में एक वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एएचएस) लॉन्च किया था। , उड़ीसा और राजस्थान और असम)संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें । एएचएस विभिन्न मानकों पर जिलावार डेटा प्रदान करता है |

गर्भवती महिलाओं की संख्या भारत में 3 एएनसी चेक-अप प्राप्त हुई

प्रसव के दौरान गर्भवती देखभाल एक महिला द्वारा प्राप्त स्वास्थ्य देखभाल है। प्रसवपूर्व देखभाल इतिहास के साथ शुरू होती है और उसके बाद महिला की परीक्षा होती है, जिसमें मूल रूप से रिकॉर्डिंग वजन और ऊंचाई, एनीमिया के लिए रक्त परीक्षण, रक्तचाप माप, नियमित पेट की परीक्षा आदि शामिल हैं। महिलाओं को आहार, नियमित पूर्व-प्रसवपूर्व जांच के लिए सलाह दी जाती है और परिवार नियोजन के लिए सलाह दी जाती है। किसी भी जटिलता के मामले में उचित उपचार के साथ टीटी और आईएफए टैबलेट के लिए उन्हें टीकाकरण भी प्रदान किया जाता है।

जिला अस्पताल-शेखपुरा

जिला अस्पताल शेखपुरा -811105
स्थान : जिला अस्पताल-शेखपुरा | शहर : शेखपुरा | पिन कोड : 811105
फोन : 06341225031 | मोबाइल : 9934298248 | ईमेल : dhs[dot]skhp[at]gmail[dot]com

ईवीएस में आकलन का संकेतक है-

Key Points

प्राथमिक स्तर पर ईवीएस में आकलन के लिए संकेतक निम्न को सम्मिलित करते हैं: -

  • अवलोकन और विवरण करना (रिकॉर्डिंग) - रिपोर्टिंग, वर्णन और ड्राइंग, चित्र-पठन, चित्र, तालिका और मानचित्र बनाना।
  • चर्चा - सुनना, बात करना, राय व्यक्त करना, दूसरों से खोजना
  • अभिव्यक्ति - चित्र बनाना, शारीरिक गति, रचनात्मक लेखन आदि।
  • व्याख्या – तर्क करना, तार्किक संबंध बनाना
  • वर्गीकरण - वर्गीकरण, समूहीकरण, विषमता और तुलना
  • प्रश्न करना - जिज्ञासा व्यक्त करना, गहन चिंतन, विकासशील प्रश्न
  • विश्लेषण - पूर्वानुमान करना, संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें परिकल्पना करना और अनुमान लगाना
  • प्रयोग - सुधार करना, चीजें बनाना और प्रयोग करना
  • न्याय और समानता के लिए चिंता - वंचितों या अलग-अलग विकलांगों के प्रति संवेदनशीलता, पर्यावरण के लिए चिंता दिखाना
  • सहयोग - जिम्मेदारी लेना और पहल करना, साझा करना और एक साथ काम करना।

Important Points

  • ईवीएस में आकलन के लिए चर्चा पद्धति एक संकेतक बन जाती है क्योंकि शिक्षार्थी इस बात पर चर्चा करने के लिए खुले होंगे कि उन्होंने क्या सीखा और किस हद तक उन्होंने शिक्षक के साथ सीखा।
  • शिक्षक को छात्रों की अधिगम की स्थिति का आकलन करने का अवसर मिलता है।

इसलिए, चर्चा करना ईवीएस में आकलन के लिए एक संकेतक है।

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Last updated on Dec 13, 2022

The CTET Admit Card link is active from 26th December 2022! The CTET exam will be conducted between 29th December 2022 and 23rd January 2023. The CTET Application Correction Window was active from 28th November 2022 to 3rd December 2022. The detailed Notification for CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle was released on 31st October 2022. The last date to apply was 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of classes 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination.

बीएमआई कैलकेलुटर

बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बॉडी फैट नापने का कैलकुलेटर है जो किसी शख्स की हाइट और उसके वेट के आधार पर नापते हैं.
अपना बीएमआई जानने के लिए अपना वेट और हाइट इस कैलकुलेटर में डालें जिसके बाद आपका बीएमआई निकल आएगा।

अन्य कैलकुलेटर
बीएमआई (Body Mass Index) ठीक है या या नहीं, कहां होता है बीएमआई कैलकुलेटर का प्रयोग?

एक स्वस्थ व्यक्ति का वेट उसकी हाइट के हिसाब से होना चाहिए और इसके लिए मानक निर्धारित है. आपकी लंबाई और वेट का अनुपात ही बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स कहलाता है और इसको मापने के लिए अलग-अलग कैलकुलेटर आते हैं. ये किस फॉर्मूले पर काम करता है और इसके इस्तेमाल की जरूरत कहां होती है, आपको इसके बारे में जानना चाहिए.

बॉडी मास इंडेक्स का क्या है फॉर्मूला?संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें

बीएमआई को कैलकुलेट करने का एक सामान्य सा फॉर्मूला होता है और इसके लिए व्यक्ति को अपना वेट और अपनी हाइट एकदम ठीक तरह से डालनी होती है जिसके बाद
बीएमआई= वजन / (ऊंचाई X ऊंचाई) या बीएमआई =वजन/ (लंबाई स्क्वेयर)

बीएमआई का क्या है मानक?

किसी व्यक्ति की ऊंचाई और वजन के आधार पर अगर उसका बीएमआई इंडेक्स 18.5 से कम आता है तो ये सामान्य से कम होता है. अगर आपका बीएमआई स्तर 18.5 से 24.9 के बीच में है तो यह एकदम ठीक स्थिति है. बीएमआई स्तर अगर 25 या उससे ऊपर है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. ऐसे लोगों को दिल की बीमारी, स्ट्रोक, डाइबिटीज होने का डर रहता है. 30 से ज्यादा बीएमआई होने पर मोटापे से जुड़ी सभी बीमारियों के लिए आपका शरीर ज्यादा मुफीद है.

बीएमआई कैलकुलेटर का इस्तेमाल किनके लिए सही नहीं होता?

एक बात ध्यान रखने की है जो जरूरी भी है कि बीएमआई का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं या बुजुर्गों तथा छोटे बच्चों के लिए नहीं करना चाहिए, साथ ही बॉडी बिल्डर्स और एथलीट्स के लिए भी बीएमआई का उपयोग नहीं होना चाहिए. इसकी एक बड़ी वजह है कि इन मामलों में यह सही कैलकुलेशन करने संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें में सक्षम नहीं है. इसके पीछे इस बात का कारण बताया जाता है कि बीएमआई मांसपेशियों या वसा को अलग रूप से नहीं समझ पाता है? उदाहरण के लिए इसे इस तरह समझिए कि गर्भवती महिलाओं का वजन सिर्फ उनके वेट के आधार पर नहीं बल्कि इसमें गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन भी शामिल होता है.

अगर आपका बीएमआई इंडेक्स आपकी ऊंचाई और वजन के आधार पर 18.5 से कम आता है तो ये वजन सामान्य से कम है और इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है. बीएमआई का आदर्श स्तर 18.5 से 24.9 के बीच में माना जाता है. जिन लोगों का बीएमआई इस लेवल के बीच में आता है उनके लिए इसे मेंटेन करने की जरूरत है. 25 या उससे ज्यादा बीएमआई आने पर अलर्ट होने की जरूरत है क्योंकि इस बीएमआई लेवल वालों को डायबिटीज टाइप 2, हार्ट डिजीज या स्ट्रोक होने का डर रहता है. वहीं अगर 30 से ज्यादा बीएमआई होता है तो मोटापे या ओबेसिटी से होने वाले साइड इफेक्टस का आपके शरीर को बड़ा खतरा है.

बीएमआई की सीमाएं या लिमिट क्या हैं?

एक जरूरी बात ये है कि स्वस्थ शरीर और मानक वजन का आधार सिर्फ केवल बीएमआई नहीं हो सकता. आयु और जेंडर यानी लिंग से भी बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स पर असर पड़ता है. बीएमआई को आपके शरीर की लंबाई और वजन का रेश्यो माना जा सकता है. बीएमआई से ये पता लगाया जा सकता है कि आपके शरीर का वजन आपकी हाइट के मुताबिक ठीक है या नहीं, लेकिन इसकी अपनी लिमिटेशन भी हैं. आपके शरीर के किस भाग में कितनी चर्बी या फैट जमा है ये बीएमआई के जरिए पता नहीं लग सकता है.

जानकारों के मुताबिक बीएमआई स्वस्थ शरीर के वजन का एक इंडीकेटर तो जरूर है, लेकिन इसकी भी कुछ लिमिट हैं. बीएमआई किसी व्यक्ति के संपूर्ण अनुपात या संरचना का सही आकलन नहीं कर सकता. मांसपेशियों, हड्डी के वजन और फैट के कारण हरेक की बॉडी अलग होती है और सिर्फ मानक बीएमआई के आधार पर ये मानना कि स्वस्थ शरीर है या नहीं, ये उचित नहीं है.

बीएमआई की सीमाएं व्यस्कों यानी एडल्ट्स के लिए अलग क्यों हैं?

जैसा कि बीएमआई के बारे में हमने पहले ही आपको बताया कि ये पूरी तरह से सही नहीं हो सकता है. बीएमआई से शरीर के अतिरिक्त वजन की माप पता चलती है, इससे शरीर में अतिरिक्त फैट का पता नहीं लगाया जा सकता. अलग-अलग आयु, लिंग, मांसपेशियों और शरीर में फैट जैसे फैक्टर्स से बीएमआई पर असर देखा जाता है.

इसका एक उदाहरण देखें तो एक व्यस्क शख्स जो बीएमआई के मानकों के मुताबिक स्वस्थ वजन का होता है लेकिन वह अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज या वर्कआउट नहीं करता तो उसके शरीर में अतिरिक्त चर्बी या फैट जमा होने की संभावना होती है. ऐसे में भले ही उसके शरीर में अतिरिक्त वजन न हो और बीएमआई लेवल के आधार पर वह आदर्श स्थिति में आ रहा हो तो भी वह व्यक्ति स्वस्थ नहीं माना जा सकता. उसी बीएमआई का उच्च मांसपेशी संरचना वाला कम उम्र का व्यक्ति संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें स्वस्थ माना जाएगा, इस तरह से व्यस्कों याानी एडल्ट्स के लिए बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई के लिए अलग तरह की लिमिट हैं.

पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक : 180 देशों में सबसे निचले पायदान पर भारत

ईपीआई अनुमानों से संकेत मिलता है कि अगर मौजूदा रुझान कायम रहते हैं तो सिर्फ चार देश चीन, भारत, अमेरिका और रूस 2050 में अवशिष्ट वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 50 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा होंगे.

पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक : 180 देशों में सबसे निचले पायदान पर भारत

भारत में पर्यावरण प्रदूषण चिंता का विषय

अमेरिका स्थित संस्थानों ने उनके पर्यावरणीय प्रदर्शन के लिए तय किए गए मानक के आधार पर 180 देशों की सूची में भारत को सबसे नीचे रखा है. येल सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल लॉ एंड पॉलिसी (Yale Center for Environmental Law and Policy) और सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क, कोलंबिया विश्वविद्यालय (Columbia University) द्वारा हाल ही में प्रकाशित 2022 पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) में डेनमार्क सबसे ऊपर है, इसके बाद हाल के वर्षों में यूके और फिनलैंड ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी के लिए उच्च स्कोर अर्जित किया है.

यह भी पढ़ें

11 कैटेगरी में 40 परफॉर्मेंस इंडिकेटर का उपयोग करते हुए, ईपीआई 180 देशों को जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र की जीवन शक्ति पर रैंक करता है. ये संकेतक राष्ट्रीय स्तर पर एक गेज प्रदान करते हैं कि देश पर्यावरण नीति लक्ष्यों को स्थापित करने के कितने करीब है.

"सबसे कम स्कोर भारत (18.9), म्यांमार (19.4), वियतनाम (20.1), बांग्लादेश (23.1) और पाकिस्तान (24.6) को जाता है. सबसे कम स्कोर करने वाले देश वे हैं, जिन्होंने स्थिरता पर आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी है, या जो नागरिक अशांति और अन्य संकटों से जूझ रहे हैं."

रिपोर्ट में कहा गया है, "तेजी से खतरनाक वायु गुणवत्ता और तेजी से बढ़ते ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ भारत पहली बार रैंकिंग में सबसे नीचे आ गया है." 28.4 के समग्र ईपीआई स्कोर के साथ चीन 161वें स्थान संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें पर है.

शोधकर्ताओं ने दावा किया कि हाल ही में उत्सर्जन वृद्धि दर पर अंकुश लगाने का वादा करने के बावजूद, चीन और भारत के 2050 में ग्रीनहाउस गैसों के सबसे बड़े और दूसरे सबसे बड़े उत्सर्जक होने का अनुमान है.

अपने साथियों से पिछड़ते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका को ग्लोबल वेस्ट में 22 धनी लोकतंत्रों में से 20वां और कुल मिलाकर 43वां स्थान दिया गया है. ईपीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अपेक्षाकृत कम रैंकिंग ट्रम्प प्रशासन के दौरान पर्यावरण सुरक्षा के रोलबैक को दर्शाती है.

कहा गया है कि डेनमार्क और यूके सहित केवल कुछ मुट्ठी भर देश ही वर्तमान में 2050 तक ग्रीनहाउस गैस तटस्थता तक पहुंचने के लिए तैयार हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन, भारत और रूस जैसे प्रमुख देशों में तेजी से बढ़ते ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ कई अन्य देश गलत दिशा में जा रहे हैं." इस सूची में रूस 112वें स्थान पर है.

ईपीआई अनुमानों से संकेत मिलता है कि अगर मौजूदा रुझान कायम रहते हैं तो सिर्फ चार देश चीन, भारत, अमेरिका और रूस 2050 में अवशिष्ट वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 50 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा होंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

भारत का पहला Cryptocurrency Index लॉन्च; कैसे काम करेगा? निवेशकों के लिए इसके क्या मायने? जानिए

सुपर ऐप क्रिप्टोवायर (CryptoWire) ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) IC15 लॉन्च किया है.

सुपर ऐप क्रिप्टोवायर (CryptoWire) ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) IC15 लॉन्च किया है.

IC15 इंडेक्‍स क्रिप्‍टो इन्‍वेस्‍टर्स को Cryptocurrency बाजार की स्थितियों, वास्‍तविकताओं और अहम तथ्‍यों की जानकारी देग . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 07, 2022, 13:31 IST

नई दिल्ली. Cryptocurrency Index : दुनियाभर में किप्‍टोकरेंसी का व्‍यापार तेजी से बढ़ रहा है. भारत में भी क्रिप्‍टोकरेंसी लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. क्रिप्‍टो में बढ़ते निवेश को देखते हुए क्रिप्टो सुपर ऐप क्रिप्टोवायर (CryptoWire) ने देश का संकेतक क्या हैं और उनके साथ कैसे काम करें पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) IC15 लॉन्च किया है.

IC15 इंडेक्‍स दुनियाभर के प्रमुख क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज पर कारोबार करने वाली बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी पर नजर रखेगा. इसके लिए कारोबारियों, डोमेन एक्‍सपर्ट और शिक्षाविदों को शामिल कर एक कमेटी (Index Governance Committee) बनाई गई है. ये कमेटी टॉप 15 क्रिप्‍टोकरेंसी का चयन करेगी और उनके बारे में गहराई से जानकारियां जुटायेगी.

कैसे काम करेगा क्रिप्टो इंडेक्स IC15?

आईसी15 इंडेक्‍स में बिटकॉइन (Bitcoin), एथेरियम (Ethereum), एक्सआरपी, लाइटकॉइन (Litecoin), बिनांस कॉइन (Binance Coin), सोलाना (Solana), टेरा (Terra) और चेनलिंक (ChainLink) जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज़ शामिल हैं. कमेटी (Index Governance Committee) मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में पहले टॉप 400 कॉइन्‍स को चुनेंगी. इनमें से फिर टॉप 15 कॉइन्‍स का चुनाव होगा.

करेंसी चयन करने के कड़े मानक

400 कॉइन्‍स की लिस्‍ट में शामिल होने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कम-से-कम 90 प्रतिशत होना चाहिए. साथ ही ट्रेडिंग वैल्यू के मामले में 100 शीर्ष करेंसी में इसका स्‍थान होना चाहिए. सर्कुलेटिंग मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के मामले में योग्य क्रिप्टोकरेंसी शीर्ष 50 में भी होनी चाहिए. फिर समिति शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेगी. सूचकांक का आधार मूल्य 10,000 तय किया गया है और आधार तिथि एक अप्रैल 2018 है.

क्रिप्‍टो बाजार पर गहरी नजर

आईसी 15 इंडेक्‍स 80 प्रतिशत से अधिक क्रिप्‍टो बाजार गतिविधियों की निगरानी करेगा. बाजार के सभी पैमानों की समीक्षा कर वास्‍तविक स्थिति निवेशक के सामने रखेगा. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी. क्रिप्टोवायर की समिति हर तिमाही में टॉप 400 कॉइन्‍स की समीक्षा करेगी.

क्रिप्‍टो इन्‍वेस्‍टर्स की ऐसे करेगा मदद

क्रिप्टोवायर के प्रबंध निदेशक जिगीश सोनागारा का कहना है कि आईसी 15 लॉन्च करने का मकसद निवेशक को सीखने के लिए एक प्‍लेटफार्म उपलब्‍ध कराना है. यह न केवल निवेशकों का क्रिप्‍टो बाजार के बारे में ज्ञान बढ़ायेगा, बल्कि उन्‍हें अपने बिजनेस लक्ष्‍य हासिल करने में भी मदद करेगा. आईसी 15 से इस करोबार में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा. निवेशक को सही और सटीक जानकारी हासिल होगी. इससे जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी.

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