फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ?

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What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए

What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए: कोई भी निवेशक स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूर करता है। यदि स्टॉक मार्केट का बिना टेक्निकल एनालिसिस किए निवेशक निवेश करता है, तो उसे घाटे का सामना करना पड़ता है। तो चलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है और निवेश करने से पहले निवेशकों को टेक्निकल टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? एनालिसिस करना क्यों जरूरी है इसके फायदे क्या है जानते हैं सब-कुछ आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

टेक्निकल एनालिसिस द्वारा शेयर मार्केट में हुए उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है। निवेशक टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) का उपयोग ट्रेडर्स कम समय में ट्रेडिंग करके ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए करते हैं। हम आपको बता दें कि शॉर्ट टर्म में किसी भी शेयर की प्राइस बहुत तेजी से कम ज्यादा होता रहता है। ऐसे में निवेशक आइडिया लेने के लिए की किस प्राइस में हम शेयर को खरीदें तो हमें मुनाफा होगा। इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए जिस तकनीकी का उपयोग होता है। उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस निवेशकों के लिए उपयोगी क्यों है- (Why technical analysis is useful for investors)

कम समय के लिए निवेश और ट्रेडिंग के मामले में टेक्निकल एनालिसिस निवेशकों के लिए उपयोगी होता है। क्योंकि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) निवेशकों को यह बताता है कि ट्रेडिंग में कब पैसा लगाने से आपको मुनाफा ज्यादा हो सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से निवेशक किसी भी स्टॉक को उचित मूल्य पर खरीद या बेच सकते हैं।

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टेक्निकल एनालिसिस करने की प्रक्रिया

टेक्निकल एनालिसिस करने के निम्नलिखित पैरामीटर का उपयोग किया जाता है-

चार्ट (Chart)

टेक्निकल एनालिसिस यानी तकनीकी विश्लेषण (Technical analysis) में चार्ट का इस्तेमाल स्टॉक के पास्ट प्राइस (Past price) गतिविधियों को जानने के लिए किया जाता टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? है। चार्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि किस स्टॉक का प्राइस ऊपर या नीचे जाने वाला है।

निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? जरूरी है (Why it is important to do technical analysis before investing)

  • एक सफल निवेशक बनने के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करना बेहद जरूरी है। क्योंकि आप स्टॉक का जितना टेक्निकल एनालिसिस करेगे उतना ही सफल निवेशक बनेंगे।
  • शॉर्ट टर्म में स्टॉक कितना बेहतरीन प्रदर्शन करेगा इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis) करना जरूरी होता है। ऐसे में स्टॉक, इंडेक्स, इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट, में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? टेक्निकल एनालिसिस जरूरी करे।
  • शेयर बाज़ार में तुक्का काम नहीं करता। शेयर मार्केट में बिना टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) किए निवेश करना शराब पीकर गाड़ी चलाने के बराबर है। इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना आवश्यक होता है।
  • बगैर जानकारी के शेयर बाज़ार में निवेश करना, घाटे का सौदा होता है। इसलिए शेयर मार्केट (Share market) में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए। ताकि आपको शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सके और आप अपने निवेश पर अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।

अंतिम शब्द

दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए) के माध्यम बताया है कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए। इसके फायदे क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।

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फंडामेंटल एनालिसिस का क्या फायदा हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस यह फायदा हैं की, शेयर की intrinsic Value यानि की शेयर की वर्तमान कीमत को देखकर भविष्य मे शेयर कैसे प्रदर्शन कर सकता हैं उसकी जानकारी मिलती हैं ।

जैसे कोई डॉक्टर हमारी बॉडी चेकअप करते हैं, ब्लडटेस्ट, उरिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर इत्यादि तो इससे हमे पता चलता हैं की हमे कोई बीमारी तो नहीं या हम कितने तंदरुस्त हैं।

वैसे ही फंडामेंटल एनालिसिस के जरिये हम जान पाते हैं की, कंपनी की वर्त्तमान में क्या स्तिति हैं और भविष्य क्या हो सकता हैं ।

फंडामेंटल एनालिसिस के जरिये आप एक अच्छी कंपनी और एक ख़राब कंपनी के बीच अंतर जान सकते हैं ।

फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए क्या जरूरी हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस सिखने के लिए जरूरी नहीं हैं की आप CA हो या बोहोत पढे लिखे हो ।

इंटरनेट की दुनिया मे आज हर कोई फंडामेंटल एनालिसिस सिख सकता हैं, चाहे वह पढ़ा लिखा हो या नहीं ।

सिर्फ आप को शेयर बाजार सीखने मे रुचि होनी चाहिए ।

मौलिक विषलेशन मे आप क्या देखते हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस को हिंदी मे मौलिक विषलेशन कहते हैं ।

मौलिक विषलेशन हम देखते हैं –

  • कंपनी की वर्षीक रिपोर्ट (Annual Report)
  • लाभ और हानि खाता (Profit & Loss Statement)
  • तुलन पत्र (Balance Sheet)
  • नकद प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)
  • Financial Ratio analysis
  • Equity Research
  • DCF (Discounted Cash flow)
  • Industry Analysis
  • कंपनी का मैनेजमेंट

इत्यादि चीजे हम मौलिक विषलेशन करते समय देखते हैं ।

(स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे इसकी विस्तार मे जानकारी आने वाले आर्टिकल मे दी जाएगी । )

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिये आप जान टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? पाए होंगे की फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ? और उसके फायदे क्या हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस एक जरिया हैं जो की हम किसी कंपनी को जान पते हैं ।

इससे हमें निवेश करने में आसानी होती हैं और हम बड़ी आसानी से निवेश कर पाते हैं ।

इसे हर कोई सिख सकता हैं ।

down trend ;

ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज नियमित निचे आ रहा हे। तो उसका मतलब स्टॉक का प्राइज डाउन ट्रेंड में हे। और टेक्निकल एनालिसिस को टूल्स से हम ट्रेंड का पता लगा कर हम स्टॉक की फ्यूचर प्राइज का अन्दाज़ा लगा पाते हे।

लेकिन ज्यादा मूवमेंट होने की वजा से न ही ट्रैंड काम आता हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस का कोई भी टूल। टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक प्राइज की करंट प्राइज देखके के ट्रेडिंग की जाती हे। और प्रिडिक्ट किया जाता हे की आगे भी शेयर प्राइज उसी तरह रहेगा जैसे कोई भी ट्रेंड में होगा वैसे ही भविष्य में रहेगा।

sideways trend

sideways trend में स्टॉक का प्राइज एक रेंज में रहता एक फिक्स प्राइज के बिच में शेयर का प्राइज अप और डाउन रहता हे।और टेक्निकल एनालिसिस से मार्किट का ट्रेण्ड फॉलो करके स्टॉक की फ्यूचर प्राइज क्या होगी इसका अंदाज़ा लगाया जाता हे। sideways trend में ट्रेडिंग करना बहुत ही मुश्किल होता हे। नाहीं प्राइज ऊपर जाती हे. और नहीं निचे वो एक रेंज में उप डाउन होती रहती हे।

टेक्निकल एनालिसिस से स्टॉक में हम सिर्फ ड्रेडिंग कर सकते हे। ये मतलब हम उससे सिर्फ फ्यूचर मे होने वाले मूवमेंट का अंदाज़ा लगा सकते हे और किसी स्टॉक में हम उसका ट्रेंड को देखकर उसमे ट्रेडिंग कर सकते।

trading क्या होता हे

ट्रेडिंग का मतलब होता हे की सी भी स्टॉक को एक टाइम लिमिट के लिए ख़रीदा और बेचा जा सकता हे. हम दीर्घकाल निवेश (Long Term ) के लिए किसी भी स्टॉक को नहीं रख सकते। उसकी एक टाइम लिमिट होती हे। जिससे किसी स्टॉक में हमें प्रॉफिट या लोस् में हो फिर भी हमें उस हमारी पोजीशन को square off करना पड़ता हे। मतलब हमें उस पोजीशन से एग्जिट होना पड़ता हे नहीं तो ब्रोकर हमें उसकी पेनेल्टी भी लगा देता हे

trading के भी प्रकार होते हे जैसे की day trading , swing trading ,scalping इनका , मतलब हमें कुछ टाइम लिमिट दी जाती हे उसकी मुताबित हम शेयर को खरीद या बीच सकते हे।

Day trading

स्टॉक मार्किट का एक फिक्स टाइमिंग होता हे सुबह ९;१५ को आप ट्रेडिंग कर सकते हे। तो मार्किट के क्लोसिंग (बंद) टाइमिंग ३;२० तक आप ट्रेडिंग कर सकते हे। इसका मतलब आपने ९;१५ को शेयर ख़रीदा तो आपको ३;२०तक उसे बेचना ही होगा। नहीं तो आपका ब्रोकर उसको बेच देता हे आपका फायदा हो या आपका नुकसान ,और आपको उसकी पेनल्टी भी भरनी पड़ती हे।

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