Nifty क्या हैं? Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड Top 50 Companies के मार्केट कैपिटलाइजेशन आधार पर किया जाता हैं.अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं
What is DP Charges in Zerodha in Hindi – डीपी चार्जेस
अगर आप एक निवेशक हैं और निवेश करने के लिए Groww और Zerodha जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तो आपने DP Charges अवश्य देखा होगा । हर निवेशक को यह शुल्क भरना पड़ता है । लेकिन अगर आप नहीं जानते कि यह चार्ज क्या है और क्यों लगाया जाता है तो आर्टिकल के अंत तक बने रहें ।
एक निवेशक को कई प्रकार के शुल्क भरने पड़ते हैं । उदाहरण के तौर पर Entry Load, Expense Ratio, Transaction Charges आदि । इसके अलावा एक डीपी चार्ज भी निवेश में मदद करने वाले प्लेटफॉर्म द्वारा वसूला जाता है ।
What are DP Charges
DP का फुल फॉर्म Depository Participant होता है जिसका शुल्क Groww और Zerodha जैसे निवेश प्लेटफॉर्म द्वारा वसूला जाता है । यह चार्ज CDSL द्वारा तब निवेशक पर लगाया जाता है जब वह अपने डीमैट खाते से शेयर बेचता है ।
याद रखें कि डीपी चार्ज Ledge में पोस्ट किया जाता है और किसी कॉन्ट्रैक्ट नोट में नहीं लिखा होता है । कॉन्टैक्ट नोट में सिर्फ ट्रेडिंग और इससे संबंधित चार्ज को ही कवर किया जाता है । डीपी चार्ज और कॉन्ट्रैक्ट नोट अलग अलग होते हैं इसलिए डीपी चार्ज को लेजर में पोस्ट किया जाता है ।
DP Charges Example
डीपी चार्ज को आप आसान से उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं । अगर आप अपने Demat Account से 100 शेयर को बेचते हैं तो आपको Rs. 13.5 (+ 18% GST) देना होगा । आप एक बार में एक ही कम्पनी के कितने भी शेयर बेच सकते हैं । कम या ज्यादा मात्रा में शेयर बेचने से आपके DP Charges पर असर नहीं पड़ेगा ।
लेकिन अगर आप दो कंपनियों के शेयर एक साथ बेचते हैं तो आपको 13.5+13.5 = 27 + 18% GST देना होगा । उदाहरण के तौर पर आपने XYG के 50 शेयर बेचे और KLM के भी 50 शेयर बेचे तो इस परिस्थिति में आपसे कुल 27 रुपए + 18% GST लिया जाएगा ।
इसके अलावा डीपी चार्जेस Depository पर भी निर्भर करता है । अगर आपका डिपोजिटरी CDSL है और आप 10,000 शेयर Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले एक साथ बेचना चाहते हैं तो आपको कुल Rs. 18.50 डीपी चार्ज के रूप में देने होंगे यानि ₹13 + ₹5.50 एक साथ । तो वहीं अगर आपका डिपोजिटरी NSDL है तो आपको Rs 17.50 (Rs 13 + 4.50) हर कम्पनी के हिसाब से देना होगा ।
डीमैट अकाउंट क्या है ?
” शेयर खरीदने, बेचने और शेयर की जानकारी रखने के लिए जिस प्लेटफार्म की आवश्यकता होती है उसे डीमैट अकाउंट ( Demat Account ) कहते हैं। “
डीमैट अकाउंट यानि डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट एक प्रकार का अकाउंट है जो किसी निवेशक के पास शेयर और सिक्योरिटीज़ की संख्या रिकॉर्ड करता है। सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा यह अनिवार्य है कि शेयर ट्रांज़ैक्शन ( शेयर की खरीद – बिक्री ) से पहले आपके पास एक डीमैट अकाउंट हो। डीमैट अकाउंट में कुछ न्यूनतम शुल्क जैसे डीमैट ओपनिंग फीस, वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क (एएमसी), कस्टोडियन फीस और ट्रांज़ैक्शन शुल्क शामिल हैं।
अकाउंट धारक डिपॉजिटरी प्रतिभागी के मध्यस्थता के साथ डीमैट अकाउंट का संचालन करता है। डिपॉजिटरी के कामकाज, रेगुलेशन और निरीक्षण को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
डीमैट अकाउंट के प्रकार
मुख्य रूप से 3 प्रकार के डीमैट अकाउंट होते हैं। डीमैट अकाउंट का उपयोग भारतीय निवासियों और गैर-निवासी भारतीयों (NRI) द्वारा किया जा सकता है। अपनी आवासीय स्थिति के आधार पर, इन्वेस्टर उनके लिए उपयुक्त डीमैट अकाउंट चुन सकते हैं।
- रेगुलर डीमैट अकाउंट : रेगुलर डीमैट अकाउंट केवल निवेशकों के लिए उपलब्ध हैं जो आवासीय भारतीय हैं। नियमित डीमैट अकाउंट उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो अपने स्वयं के शेयरों से निपटते हैं। नियमित डीमैट अकाउंट निवेशकों को शेयरों के त्वरित ट्रांज़ैक्शन करने की अनुमति देता है।
- रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट : रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट NRI के लिए है। नियमित डीमैट अकाउंट धारकों के विपरीत, प्रत्यावर्ती डीमैट अकाउंट धारकों को डीमैट अकाउंट के साथ अपने NRE (अनिवासी बाहरी) अकाउंट को लिंक करना होता है। NRI को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के नियमों का पालन करना होता है।
- नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट : नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट NRI के लिए उपलब्ध दूसरा डीमैट अकाउंट विकल्प है। हालांकि, नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट NRI को विदेश में फंड ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं देता है। प्रभावी ऑपरेशन के लिए डीमैट अकाउंट से अपने NRO (नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी) सेविंग Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले अकाउंट को लिंक करने के लिए इन्वेस्टर को अपने NRO (नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी) सेविंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। Note : NRI की स्थिति प्राप्त करने से पहले, नियमित डीमैट वाले इन्वेस्टर बिना किसी शेयर के भारत छोड़ने के बाद नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट कैटेगरी में ट्रांसफर कर सकते हैं या नए अकाउंट को पूरी तरह से खोलने का विकल्प चुन सकते हैं।
Demat Account खोलने की प्रक्रिया
डीमैट खाता खोलना बिल्कुल आसान है। यह दो तरीकों से किया जा सकता है: ऑफ़लाइन और ऑनलाइन। आइए यहाँ हम ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें, इस पर नजर डालते है। नोट : Demat Account खोलने से पहले शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए जरुर पढ़ लें। ताकि आपको ट्रेडिंग से सम्बंधित सभी चीजों का ज्ञान हो।
यहां पर ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के लिए कुछ चरण दिए गए हैं:
Step 1. अपनी पसंदीदा डीपी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। जैसे : Angel One, Zerodha, ICICI Direct, Upstox और अन्य।
Step 2. अपना नाम, फोन नंबर और निवास के शहर के लिए पूछने वाले सरल लीड फॉर्म को भरें, इसके बाद आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
Step 3. आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जहाँ ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी विवरण जैसे कि जन्म तिथि, पैन कार्ड विवरण, संपर्क विवरण, बैंक Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले खाता विवरण भरें।
किसके दम पर स्टॉक मार्केट में उठा-पटक? Zerodha के मालिक ने खोल दी पोल
खुदरा निवेशकों का भारतीय कंपनियों पर मालिकाना हक म्यूचुअल फंड से भी कम है लेकिन सरकारों और बीमा कंपनियों की तुलना में अधिक है। (Image- Pixabay)
स्टॉक Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले मार्केट में तेजी की एक वजह खुदरा निवेशकों को बताया जाता है लेकिन आंकड़े कुछ और तस्वीर पेश करते हैं। घरेलू ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) ने आज इसे लेकर एक ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन साझा किया है। इसमें यह दिखाया गया है कि एनएसई (NSE) पर लिस्टेड कंपनियों में किसकी कितनी हिस्सेदारी है। निखिल ने ट्वीट किया है कि खुदरा निवेशकों का मार्केट पर हमारी सोच की तुलना में बहुत कम असर है। हालांकि खुदरा निवेशकों का भारतीय कंपनियों पर मालिकाना हक म्यूचुअल फंड से भी कम है लेकिन सरकारों और बीमा कंपनियों की तुलना में अधिक है। खुदरा निवेशकों के पास लिस्टेड कंपनियों की 7.42 फीसदी हिस्सेदारी है। यह BQ Community का रिसर्च है।
शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाए Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले - Share market in hindi
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार (Stock Market) Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Zerodha पर अकाउंट ऑनलाइन द्वारा कैसे खोले BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं. BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं.
कम्पनियां शेयर्स कैसे Issue करती हैं?: सबसे पहले कंपनियां अपने शेयर्स की स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर IPO (Initial Public Offering) लाती है और अपने शेयर्स स्वंय द्वारा निर्धारित किये हुए मूल्य पर Public को Issue करती हैं. एक बार IPO पूरा हो जाने के बाद Shares Market में आ जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं
ज़ेरोधा काइट में आईपीओ कैसे खरीदें (How to purchase Ipo in Zerodha kite in hindi)
अब बात करते है की ज़ेरोधा के द्वारा आईपीओ कैसे खरीदें? इसके लिए आपको 4 चीजों की जरुरत होगी
Zerodha Account
जाहिर ही बात है की ज़ेरोधा में आईपीओ खरीदने के लिए आपके पास ज़ेरोधा का डीमेट अकाउंट होना चाहिये|
UPI ID & App
पेमेंट करने के लिए आपको एक UPI ID और Payment App की भी जरुरत होगी|
Kite App
IPO में Apply करने के लिए आपके पास Zerodha का Kite App भी होना जरुरी है|
Bank Account
आपके पास एक अच्छा सेविंग अकाउंट होना भी जरुरी है|
आईपीओ में आवेदन करने के लिए नीचे दी गई Process को Follow करे –
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 502