Money Tips: नौकरी जाने का खतरा है तो करें ये 5 काम, नहीं होगी पैसे की कमी
Money Tips: निकट भविष्य में मंदी और इसके परिणामस्वरूप नौकरियों जाना आज के समय में एक डरावनी सच्चाई है, जिसे सबसे अच्छे तरीके से वित्तीय रूप से तैयारी करके दूर किया जा सकता है। यहां पैसे से जुड़े कुछ कदमों पर विचार करें। जिनसे आप नौकरी गंवाने के बाद अपने पैरों पर खड़े रह सकते हैं।
Updated Dec 6, 2022 | 11:11 PM IST
जब नौकरी हो खतरे में तब क्या करें?
Money Tips: विश्व अर्थव्यस्था में मंदी के दौर के साथ, वेतन भोगी व्यक्तियों के लिए नौकरी गंवाना एक बहुत बड़ी चिंता की बात बन चुकी है। बड़ी-बड़ी तकनीकी कंपनियों, फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स, वैश्विक स्तर पर बड़ी तकनीकी कंपनियों तथा हाल ही में स्टार्ट-अप्स को बंद किया जाना पूरी दुनिया में जॉब मार्केट के बदतर होने के संकेत हैं। खर्च को कम करने के लिए अनेक भारतीय कंपनियों द्वारा भी नौकरियों में कटौती की घोषणा की गई है। निकट भविष्य में मंदी तथा इसके परिणामस्वरूप नौकरियों की हानि आज के समय में एक डरावनी सच्चाई है, जिसे सबसे अच्छे तरीके से वित्तीय रूप से तैयारी करके दूर किया जा सकता है। यहां पर पैसे से जुड़े कुछ कदमों पर विचार किया गया है जिनसे आप नौकरी गंवाने के बाद अपने पैरों पर खड़े रह सकते हैं।
गैर-ज़रूरी खर्चों को कम करें
अपने खर्च का आंकलन करनें और गैर-ज़रूरी खर्चों की पहचान करें जिनसे आप बच सकते हैं। कठिन समय में कड़े उपाय करने ज़रूरी होते हैं, और ऐसे कदम से आपको पैसे की बचत करने में मदद मिलेगी। आखिरकार, बचत आपकी कमाई ही है।
आपातकालीन फंड तैयार करें
जब आपकी नियमित आय बंद हो जाती है, तो खर्चों को पूरा करने के लिए आपातकालीन फंड अनिवार्य होता है। आपातकालीन पूंजी का निर्माण करने पर ध्यान केन्द्रित करें, विशेष रूप से यदि आपने पहले से ही इसे नहीं बनाया है। यदि आपके पास आपातकालीन पूंजी है, जो अपर्याप्त है, तो इसे बढ़ाने की दिशा में काम करें। इस बात की सलाह दी जाती है कि आपके पास इतना आपातकालीन फंड होना चाहिए जो आपके 6-12 महीनों के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो। उदाहरण के लिए, यदि आपका वर्तमान में मासिक खर्च 40,000/- रूपये है, तो आपके पास लगभग 5 लाख रूपये का आपातकालीन फंड होना चाहिए ताकि आप बेरोजगारी की अवधि में से निकल सकें। इस पैसे को इस तरह से निवेश किया जाना चाहिए कि आप उसे आसानी से एक्सेस कर सकें, जैसे बचत खाता या ऐसा निवेश जिसे शीघ्रता से भुनाया जा सकता है।
अपने निवेश को संरक्षित रखने पर ध्यान केन्द्रित करें
निवेश करने का एक प्राथमिक लक्ष्य पूंजी का विकास करना है। लेकिन, कभी-कभी यह भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि अभी तक सृजित सम्पदा को संरक्षित किया जाए। नौकरी चले जाने की स्थिति में, किसी वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ के साथ अपने निवेश की समीक्षा करें। उच्च-जोखिम वाले निवेश जैसे स्टाक या ईक्विटी-ओरिएन्टेड निवेश जैसे ईक्विटी म्यूचल फंड्स से निकलने की सलाह दी जाती है।
इस प्रकार के निवेश को डेट एस्सेट्स जैसे डेट म्यूचल फंड और बैंक की सावधि जमाओं में डायवर्ट करें, कम से कम आंशिक रूप से ऐसा ज़रूर करें, जो वर्तमान में कमोबेश अच्छे रिटर्न दे रहे हैं। आप डेट-ओरिऐन्टेड हाइब्रिड फंड्स को भी चुन सकते हैं, हालांकि जिनमें ईक्विटी फंड्स की तुलना में निम्न रिटर्न मिलते हैं, लेकिन उनसे उच्च लिक्विडिटी के साथ वित्तीय सुरक्षा भी मिल जाती है। यह फंड लंबी अवधि की बेरोजगारी के दौरान आदर्श साबित हो सकते हैं।
पर्याप्त बीमा कराएं
अचानक होने वाले चिकित्सा खर्च से बचतों को बहुत बड़ी चोट पहुंच सकती है, विशेष रूप से जब आप बेरोजगार होते हैं। पहले से ही पैसे की तंगी झेलते हुए, यदि पर्याप्त बीमा कवरेज ली जाती है तो इससे पैसे की बचत हो सकती है। यदि आप ऐसा कर सकते हैं, तो आवश्यक बीमा कवरेज जैसे स्वास्थ्य बीमा बनाए रखने की कोशिश करें। इससे आपको अपनी बचत तथा निवेश को चिकित्सा संकट के समय में बनाए रखने में मदद मिलेगी। अतिरिक्त लागत पर अपनी कवरेज को बढ़ाएं, यदि संभव हो, लेकिन कम से कम 10 लाख रूपये का चिकित्सा कवर ज़रूर प्राप्त करें।
वित्तीय देयताओं को न बढ़ाएं
अपनी वित्तीय देयताओं को नियंत्रित रखें। लोन ईएमआई के जैसे खर्चों के कारण आपके वित्तीय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से जब कोई स्थाई या निरन्तर आय न हो। ऐसे तरीकों की खोज करें जिससे आप अपने लोन को पूरा या आंशिक रूप से चुकता कर सकें। अल्पकालिक लोन के लिए, अपनी देयता को कम करने के लिए नियमित रूप से रिपेमेंट करने की कोशिश करें। और अधिक कर्ज लेने से बचें और अपनी देयताओं को नियंत्रित रखें।
नौकरी चले जाना एक बहुत बड़ी चुनौती वाली स्थिति होती है, लेकिन उचित वित्तीय प्लानिंग के द्वारा इसके असर को कम किया जा सकता है। इन टिप्स के अलावा, आप नए स्किल भी सीख सकते हैं जिससे आप अपनी आजीविका को चलाने के लिए कोई दूसरा जॉब कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
RBI रिटेल ‘Digital Rupee’ करेगा लॉन्च, जानें इसकी उपयोगिता
पहले चरण की शुरुआत देशभर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सहित चार बैंकों से होगी। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित चार और बैंक बाद में इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
देश में पहले चरण की शुरुआत इन चार शहरों से
शुरू में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों को कवर किया जाएगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक डिजिटल रुपी विस्तारित होगा। जरूरत के हिसाब से अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।
डिजिटल रुपी पायलट प्रोजेक्ट एक क्लोज्ड यूजर ग्रुप (CUG) में चुनिंदा स्थानों को कवर करेगा जिसमें भाग लेने वाले ग्राहक और व्यापारी शामिल होंगे। डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है।
कैसे कर सकेंगे डिजिटल रुपी का लेन-देन ?
उपयोगकर्ता भागीदारी निभाने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपी के साथ लेन-देन करने में सक्षम होंगे। यह लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों से किए जा सकेंगे।
व्यापारी स्थानों पर प्रदर्शित QR कोड का इस्तेमाल करके व्यापारियों को बड़ी ही आसानी से डिजिटल रुपी का भुगतान किया जा सकता है। डिजिटल रुपया विश्वास, सुरक्षा और निपटान की अंतिमता जैसी वर्चुअल नकदी की सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किए जाने के मामले में नकदी पर कोई ब्याज नहीं कमाया जा सकेगा, जैसे कि बैंकों में जमा पूंजी के रूप में। यह पायलट प्रोजेक्ट वास्तविक समय में डिजिटल रुपी के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा। इससे मिली सीख के आधार पर भविष्य के पायलट प्रोजेक्टों में डिजिटल रुपी टोकन और आर्किटेक्चर की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।
क्या है डिजिटल रुपी ?
जैसा कि आरबीआई (RBI) ने समझाया, ई-रुपी डिजिटल टोकन का ही एक रूप है जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है। क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, डिजिटल रुपी कागज की मुद्रा और सिक्के के समान मूल्यवर्ग में जारी किया जाता है।
कब रखा गया था डिजिटल रुपी लागू करने का प्रस्ताव ?
याद हो, केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए ब्लॉक चेन तथा अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए डिजिटल रुपी लागू करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1 दिसंबर 2022 से जारी किया जा रहा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
वित्त मंत्री ने ‘डिजिटल रुपी’ को लेकर कहा था कि केन्द्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से बढ़ावा देगी। डिजिटल करेंसी से और अधिक दक्ष और किफायती करेंसी प्रबंधन प्रणाली का निर्माण होगा।
Dollar vs Rupee: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे की मजबूती के साथ 81.08 पर आया
Dollar vs Rupee Rate Today: विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी और विदेशी पूंजी की निकासी से स्थानीय मुद्रा प्रभावित हुई और उसमें बढ़त सीमित रही है.
Dollar vs Rupee Rate: डॉलर इंडेक्स 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 104.71 पर आ गया.
Dollar vs Rupee Rate: विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के बीच शुक्रवार, 2 दिसंबर को शुरुआती कारोबार में रुपया 18 पैसे चढ़कर 81.08 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी और विदेशी पूंजी की निकासी से स्थानीय मुद्रा प्रभावित हुई और उसमें बढ़त सीमित रही है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 81.11 पर खुला, जिसके बाद बढ़त के साथ 81.08 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की बढ़त दर्शाता है.
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पिछले दिन यानी गुरुवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया (Dollar vs Rupee) चार पैसे चढ़कर 81.26 पर बंद हुआ था.
इस बीच छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 104.71 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.22 फीसदी की बढ़त के साथ 87.07 डॉलर प्रति बैरल पर था.
घरेलू शेयर बाजार की बात करें तो 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 259.39 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63,024.80 पर कारोबार कर रहा है. जबकि. एनएसई निफ्टी (Nifty) 71.60 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरकर 18,740.90 पर आ गया है. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) गुरुवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे. उन्होंने कम पूँजी से बिज़नेस 1,565.93 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
इस बीच, वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Service Tax) कलेक्शन नवंबर में 11 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह लगातार नौवां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) 1.4 लाख करोड़ रुपये के स्तर से अधिक दर्ज कम पूँजी से बिज़नेस हुआ है. हालांकि, नवंबर में कलेक्शन अगस्त के बाद सबसे कम रहा है.
छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी! रोजगार देने के मामले में देशभर में प्रदेश अव्वल
छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी! रोजगार देने के मामले में देशभर में प्रदेश अव्वल
रायपुर । छत्तीसगढ़ 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर के साथ लगातार देश का न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है। राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजनाएं और नीतियां हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला रहा हैं। गौरतलब है कि सीएमआईई के मई-अगस्त 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.22 प्रतिशत थी। राज्य शासन की योजनाओं से इसमें उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। बेरेाजगारी की दर छत्तीसगढ़ में माह दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत रह गई है।
99.90 फीसद लोग कर रहे है रोजगार
छत्तीसगढ़ राज्य के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य में नवंबर में बेरोजगारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 0.1 प्रतिशत है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।
बीते दिनों सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा 1 दिसंबर को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.1 फीसदी दर्ज की गई कम पूँजी से बिज़नेस है, जबकि नवंबर माह में देश में बेरोजगारी दर का यह आंकड़ा 8.2 फीसदी रहा है। देश के शहरी क्षेत्रों में 9.0 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों नवंबर माह में बेरोजगारी का आंकड़ा 7.8 फीसद रहा है। न्यूनतम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजना और नीतियां रही हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला है।
CMIE ने जारी किया रिपोर्ट
सीएमआईई द्वारा 1 दिसम्बर 2022 को बेरोजगारी दर के संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक नवम्बर 2022 में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। वहीं इसी अवधि में 1.2 फीसदी के साथ उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। ओड़िसा 1.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत है और गुजरात में यह आंकड़ा 2.5 प्रतिशत रहा है। दूसरी ओर नवंबर 2022 में सर्वाधिक बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा शीर्ष पर है, जहां 30.6 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एवं काश्मीर में बेरोजगारी दर 23.9 फीसदी दर्ज की गई।
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Vedanta, सीमेंस, एचडीएफ़सी एएमसी, वोडाफोन और बीकाजी के शेयरों पर आज क्यों हो रही है चर्चा?
आज हम आपको कई ऐसे शेयरों के बारे में बता रहे हैं जिनमें बुधवार के कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है
नई दिल्ली: सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ़्टी फ्यूचर्स बुधवार सुबह 28 अंक की कमजोरी पर कामकाज कर रहा था. सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ्टी फ्यूचर्स 18724 के लेवल पर था. इससे संकेत मिलता है कि भारत में शेयर बाजार के कामकाज की शुरुआत कमजोरी के साथ हो सकती हैं. आज हम आपको कई ऐसे शेयरों के बारे में बता रहे हैं जिनमें बुधवार के कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
Success Story: कुछ लाख रुपए की पूंजी से अरोड़ा अरोमेटिक्स का कारोबार 500 करोड़ के पार, जानिए संभल के अरोड़ा बंधुओं की कहानी
अमेरिका की इन्वेस्टमेंट फर्म और प्रमोटर मॉडर्न इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट ने एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में 10.21 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. एक ब्लॉक डील के जरिए एचडीएफसीएएमसी में हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी. इसके बाद एचडीएफ़सी एएमसी में विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी ज़ीरो हो जाएगी.
अनिल अग्रवाल की माइनिंग कारोबार की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड ने कहा है कि वह डिबेंचर के जरिए ₹500 करोड़ जुटाने पर विचार कर रही हैं. ऑयल से लेकर मैटल तक का कारोबार करने वाली दिग्गज कंपनी कम पूँजी से बिज़नेस वेदांता आने वाले समय में एक या कई चरणों में यह पैसे जुटाने की योजना बना रही है. कामकाज को बढ़ाने के लिए वेदांता यह रकम जुटाने जा रही है.
भारतीय रेल के लिए इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव बनाने के लिए इंजीनियरिंग कारोबार की दिग्गज कंपनी सीमेंस ने सबसे कम रकम की बोली लगाई है. गुजरात के दाहोद में ₹20000 करोड़ के निवेश से 9000 hp के 1200 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव बनाए जाने हैं. भारतीय रेल ने इसके लिए इस साल अप्रैल कम पूँजी से बिज़नेस में एक टेंडर जारी किया था, जिसमें सीमेंस सफल हुई है.
कर्ज के संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया का मोबाइल टावर एटीसी टेलीकॉम को ₹1600 करोड़ की इक्विटी जारी करने का प्रस्ताव लैप्स हो गया है. सरकार ने ब्याज की रकम को इक्विटी में कन्वर्ट करने की मंजूरी देने में देरी कर दी, जिस वजह से यह असर पड़ा है.
बीकाजी इंटरनेशनल ने साल दर साल आधार पर कंसोलिडेटेड प्रॉफिट में 43.5% की तेज वृद्धि की घोषणा की है. उसका मुनाफा 41 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. सितंबर तिमाही के लिए बीकाजी फूड्स की आमदनी एक साल पहले की तुलना में 32 फीसदी बढ़कर ₹577 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है.
प्राइवेट सेक्टर की कर्ज देने वाली संस्था आईडीबीआई बैंक प्राइमरी डीलर बिजनेस में बनी रहेगी. विदेशी बैंक ने हाल में ही आईडीबीआई बैंक में बहुसंख्य हिस्सेदारी और मैनेजमेंट कंट्रोल ले लिया है. आईडीबीआई बैंक मार्केट मेकिंग एक्टिविटीज में शामिल रही है.
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