6. भारत सरकार ने 2017 से अबतक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि बिटकॉइन भारत में वैध है या अवैध।
क्या भारत में बिटकॉइन वैध है?
किसी भी देश में बिटकॉइन की वैधता का पता लगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जब आप पहली बार इसमें कदम रख रहे हों तो कुछ ऐसे काम होते हैं जो इसमें कोई भी निवेश करने से पहले किए जाना जरूरी है। हो सकता है ये आपके देश में कानूनी हो, लेकिन मुद्दा केवल बिटकॉइन के वैद्य होने का नहीं है, बल्की यह भी पता होना चाहिए कि आपके देश में बिटकॉइन को कौन से नियम नियंत्रित करते हैं।
नीचे कुछ अहम प्रश्न दिए गए हैं जो भारत में बिटकॉइन के व्यापार से संबंधित हैं:
क्या बिटकॉइन भारत में वैद्य/legal है?
भारत में बिटकॉइन का विनियमन उद्यमियों और निवेशकों के लिए अभी भी एक संदिग्ध क्षेत्र है। लेकिन यह सच है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने नागरिकों को बिटकॉइन में लेनदेन करने पर चेतावनी दे रखी है। इसने आगाह क्या है कि बिटकॉइन या कोई अन्य आभासी मुद्रा कानूनी निविदा नहीं है और इसे एक मुद्रा के रूप में संचालित करने के लिए कोई नियामक अनुमति नहीं है।
यदि आप भारत में बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं, तो आपको बिटकॉइन एक्सचेंज पर अपना पंजीकरण कराना होगा। क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध? ये एक्सचेंज आपको भारतीय रुपये के साथ बिटकॉइन खरीदने/बेचने की अनुमति देते हैं।
अभी तक, WazirX सबसे लोकप्रिय एक्सचेंजों में से एक है जहाँ आप INR के साथ बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।
भारत में बिटकॉइन बेचने का क्या तारीका है?
यदि आप भारत में बिटकॉइन बेचना चाहते हैं, तो आपको अपने बिटकॉइन को बिटकॉइन एक्सचेंज पर जमा करके इसे INR में परिवर्तित करना होगा। ऐसा करने के लिए आप रूपया अपने बैंक खाते में भी जमा कर सकते हैं।
भारत में बिटकॉइन ATM के बारे में जानकारी के लिए ज्यादा विश्वसनीय स्रोत नहीं मिलते। लेकिन यह कहना सुरक्षित होगा कि अभी तक ऐसे कोई ATM यहाँ मौजूद नहीं हैं।
क्या भारत में बिटकॉइन खरीदना या बेचना सुरक्षित है?
हालांकि बिटकॉइन का समर्थन करने वाला कोई प्राधिकरण नहीं है, बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए किसी भी तारीके का उपयोग करने से पहले उस पर शोध करना चाहिए और सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके ऑनलाइन खाते पर किसी भी हैकिंग घटना के लिए एक्सचेंज जिम्मेदार नहीं होगा।
एक नई वास्तविकता होने के नाते अभी तके बिटकॉइन को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है।
क्रिप्टो मुद्रा नहीं, एक अलग संपत्ति वर्ग है, जानिए किसने कहा
क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा नहीं है (File Photo)
- भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने मंगलवार को कहा कि ‘क्रिप्टो’ को मुद्रा नहीं माना जाना चाहिए
- उनका कहना है कि इसे एक अलग संपत्ति वर्ग की तरह माना जाना चाहिए
- क्रिप्टो का नियमन भी उसी रूप में किया जाना चाहिए
क्या कहा गांधी ने
गांधी ने कहा है कि वर्षों की बहस के बाद लोग पूरी तरह से समझ गए हैं कि क्रिप्टो मुद्रा नहीं हो सकती। क्योंकि, मुद्रा का मूल तत्व है कि यह कानूनी रूप से वैध होनी चाहिए। क्रिप्टो के मामले में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी किसी अन्य व्यक्ति को क्रिप्टो स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। क्योंकि, यह कानूनी रूप से वैध नहीं है।
Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी
अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध? किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?
क्रिप्टो करेंसी का करप्ट खेल
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्तमान में 96 देशों में इसका उपयोग हो रहा है। पिछले कई वर्षों से इसका प्रचलन बढ़ भी रहा है। पुराने समय में लोगों ने वस्तुओं के लिए भौतिक सम्पत्ति का ट्रेड किया था। यानी सामान के बदले सामान का आदान-प्रदान, इसे बार्टर सिस्टम कहा गया।
आगे चलकर वे मुद्राएं और सिक्के बने, जिनका संचालन देशों की सरकार के हाथ में होता है और आरबीआई जैसा कोई वित्तीय संस्थान इसकी निगरानी करता है। 2009 में बिटकाइन के संस्थापक सतोशी नाकामोती को एक विचार आया जिसने लोगों के पैसे के बारे में सोचने के तरीके बदल डाले। क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी। आरबीआई ने कहा था कि इसके द्वारा विनियमत सभी संस्थाएं वर्चुअल करेंसी में कारोबार नहीं करेंगी। साथ ही ऐसे किसी क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध? व्यक्ति या इकाई को सेवाएं प्रदान नहीं करेंगी। वे नियमित संस्थाएं जो पहले से ही ऐसी सेवाएं प्रदान कर रही थी, उन्हें तीन महीने के भीतर क्रिप्टो करेंसी से जुड़े ट्रेड से बाहर निकलने के लिए कहा गया था।
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